21 जून को वलयाकार सूर्यग्रहण Annular Solar Eclipse on June 21, 2020
21 जून को वलयाकार सूर्यग्रहण
यमुनानगर में बेहतरीन नजारा रहेगा।
इस सूर्यग्रहण के चरम पर सूर्य 'आग के गोले -रिंग आफ फायर' की तरह चमकेगा।
यमुनानगर में 98.95% नज़ारा होगा।
सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब सचिव, हरियाणा विज्ञान मंच के जिला समन्वयक व विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने बताया कि जो सूर्यग्रहण 21 जून को लग रहा है इस प्रकार के सूर्यग्रहण को वलयाकार, कुंडलाकार सूर्य ग्रहण या कंकनाकार सूर्यग्रहण प्रकार का कहा जाता है। वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चँद्रमा सामान्य की तुलना में धरती से उतनी अनुपातिक दूरी पर हो जाता है कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक नही पता। वलयाकार सूर्यग्रहण में चंद्रमा के बाहरी किनारे से निकलता सूर्य का प्रकाश सुनहरी कंगन की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है। सूर्य तीव्र अग्नि ज्वाला के वलय जैसा दिखेगा। सूर्य का मध्य भाग चँद्रमा की छाया से ढका होगा जबकि बाह्य वृत्ताकार भाग से प्रकाश निकलेगा।
सूर्य ग्रहण का दृश्यपथ
पूर्ण सूर्य ग्रहण कभी भी कभी भी पूरे गोलार्ध में एक साथ दिखाई नही दे सकता, इसकी भी एक सीमा होती है। यह दो सौ पचास किलोमीटर चौड़ी पट्टी में ही दिखाई देगा और पट्टी की लंबाई कभी भी एक हजार किलोमीटर से अधिक नहीं हो सकती औऱ चौड़ाई 270 किलोमीटर से अधिक नही हो सकती। हरियाणा में इसका अधिकतम नजारा मुख्यतः पश्चिम से पूर्व की तरफ 'अधिकतम ग्रहण पट्टी' में ऐलनाबाद, सिरसा, रतिया, जाखल, पेहवा, कुरूक्षेत्र, लाडवा व यमुनानगर सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यमुनानगर के बाद बेहट से होता हुआ उत्तराखंड के देहरादून से अगस्त्यमुनि फिर जोशीमठ से जाकर भारत की सीमा से बाहर हो जाएगा।
यमुनानगर सूर्यग्रहण समय सारणी
यमुनानगर में प्रात: 10 बज कर 22 से सूर्यग्रहण शुरू होगा, 12 बज कर 03 मिनट पर अधिकतम (98.95%) नजारा रहेगा जबकि 01 बज कर 48 मिनट पर सूर्यग्रहण समाप्त हो जाएगा।
विद्यालय न खुलने के स्थिति में घर पर ही सुरक्षित अवलोकन का प्रशिक्षण।
श्री बवेजा ने बताया कि इस बार 21 जून के वलयाकार सूर्यग्रहण को करोना का ग्रहण लग गया अन्यथा उनके क्लब की बहुत बड़ी योजना थी कि किसी विद्यालय या कालेज में बड़ा सूर्य उत्सव मनाया जायेगा।
सी वी रमन विपनेट साइंस क्लाब सरोजिनी कालोनी व हरियाणा विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद कैम्प सरकारी स्कूल के विज्ञान क्लब सदस्य जनवरी से ही बहुत उत्साहित थे व उन्होंने अवलोकन की तैयारियां शुरू कर दी थी। इस बार तो समय को कुछ और ही रंग दिखाना था। अब उन्हें घर से ही सुरक्षित अवलोकन करना होगा। इसके लिए उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सूर्यग्रहण के प्रकार।
दर्शन लाल बवेजा ने सूर्यग्रहण के बारे में बताया कि सूर्यग्रहण तीन प्रकार से होता है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण एवं तीसरा आंशिक सूर्य ग्रहण।
सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो वह सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक आने से रोक लेता है। जिससे सूर्य चंद्रमा के पीछे ढक जाता है और हम पृथ्वीवासी सूर्य के प्रकाश को नहीं देख पाते। पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में तो चंद्रमा सूर्य को पूरा ढक लेता है और ग्रहण के समय एकदम रात जैसा अंधेरा हो जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के कुछ भाग को ढकता है और वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरा नहीं ढ़क पाता जिस कारण सूर्य के स्थान पर एक कंगन की तरह रोशनी का रिंग दिखाई देता है। इसे ही वलयाकार या कुंडलाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
कैसे करें अवलोकन सूर्यग्रहण के नजारे का?
सूर्य ग्रहण अवलोकन से नहीं डरना चाहिए लेकिन इसके लिए सुरक्षित साधनों का प्रयोग करना चाहिए जैसे "सुरक्षित सौर दृश्यक' (सेफ़ सोलर फिल्टर), फिल्टर युक्त दूरबीन से, सूर्य के प्रतिबिंब को दूरबीन की मदद से स्क्रीन पर लेकर, बॉक्स में फोकस करने व लाइव टेलीकॉस्ट के विभिन्न चैनल्स आदि तरीकों से अवलोकन कर सकते हैं।
याद रहे हमे भूलकर भी सूर्य का नग्न आँखोँ से नहीं अवलोकन करना चाहिये वरना आंखों में गंभीर स्थाई दोष उत्पन्न हो जाएगा।
खगोलविदों व अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण।
विज्ञान अध्यापक बवेजा का कहना है कि सूर्यग्रहण का अवसर जहां वैज्ञानिको के लिए 'नए शोध' के द्वार खोलता वहीं अंधविश्वासियों के लिए 'भय का व्यपार' के अवसर उत्पन्न करता है। सूर्यग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है जिसके अवलोकन का आनन्द लेना चाहिए। खगोलीय घटना को लेकर अंधविश्वास में न रहे। इस दुर्लभ खगोलीय घटना को किसी अंधविश्वास के साथ न जोड़ कर देखें। समाज में बहुत सी कुरीतियों व्याप्त है कि सूर्य या चन्द्र ग्रहण को देखने से किसी अशुभ या अनहोनी घटना का आगमन होता है। सभी भय जगाने वाली प्रचलित मान्यताओं से इतर यह सामान्य तौर पर होने वाली खगोलीय घटना ही है इसके सुरक्षित अवलोकन का आनन्द लें।
यह विज्ञान प्रसार द्वारा जारी वीडियो देखें।
पंजाब केसरी की खबर में.....
Darsha lal Baweja
![]() |
वलयाकार सूर्यग्रहण Annular Solar |
यमुनानगर में बेहतरीन नजारा रहेगा।
इस सूर्यग्रहण के चरम पर सूर्य 'आग के गोले -रिंग आफ फायर' की तरह चमकेगा।
यमुनानगर में 98.95% नज़ारा होगा।
सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब सचिव, हरियाणा विज्ञान मंच के जिला समन्वयक व विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने बताया कि जो सूर्यग्रहण 21 जून को लग रहा है इस प्रकार के सूर्यग्रहण को वलयाकार, कुंडलाकार सूर्य ग्रहण या कंकनाकार सूर्यग्रहण प्रकार का कहा जाता है। वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चँद्रमा सामान्य की तुलना में धरती से उतनी अनुपातिक दूरी पर हो जाता है कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक नही पता। वलयाकार सूर्यग्रहण में चंद्रमा के बाहरी किनारे से निकलता सूर्य का प्रकाश सुनहरी कंगन की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है। सूर्य तीव्र अग्नि ज्वाला के वलय जैसा दिखेगा। सूर्य का मध्य भाग चँद्रमा की छाया से ढका होगा जबकि बाह्य वृत्ताकार भाग से प्रकाश निकलेगा।
सूर्य ग्रहण का दृश्यपथ
पूर्ण सूर्य ग्रहण कभी भी कभी भी पूरे गोलार्ध में एक साथ दिखाई नही दे सकता, इसकी भी एक सीमा होती है। यह दो सौ पचास किलोमीटर चौड़ी पट्टी में ही दिखाई देगा और पट्टी की लंबाई कभी भी एक हजार किलोमीटर से अधिक नहीं हो सकती औऱ चौड़ाई 270 किलोमीटर से अधिक नही हो सकती। हरियाणा में इसका अधिकतम नजारा मुख्यतः पश्चिम से पूर्व की तरफ 'अधिकतम ग्रहण पट्टी' में ऐलनाबाद, सिरसा, रतिया, जाखल, पेहवा, कुरूक्षेत्र, लाडवा व यमुनानगर सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यमुनानगर के बाद बेहट से होता हुआ उत्तराखंड के देहरादून से अगस्त्यमुनि फिर जोशीमठ से जाकर भारत की सीमा से बाहर हो जाएगा।
![]() |
ग्रहण पथ |
यमुनानगर में प्रात: 10 बज कर 22 से सूर्यग्रहण शुरू होगा, 12 बज कर 03 मिनट पर अधिकतम (98.95%) नजारा रहेगा जबकि 01 बज कर 48 मिनट पर सूर्यग्रहण समाप्त हो जाएगा।
विद्यालय न खुलने के स्थिति में घर पर ही सुरक्षित अवलोकन का प्रशिक्षण।
![]() |
सेफ सोलर फिल्टर से अवलोकन |
सी वी रमन विपनेट साइंस क्लाब सरोजिनी कालोनी व हरियाणा विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद कैम्प सरकारी स्कूल के विज्ञान क्लब सदस्य जनवरी से ही बहुत उत्साहित थे व उन्होंने अवलोकन की तैयारियां शुरू कर दी थी। इस बार तो समय को कुछ और ही रंग दिखाना था। अब उन्हें घर से ही सुरक्षित अवलोकन करना होगा। इसके लिए उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सूर्यग्रहण के प्रकार।
दर्शन लाल बवेजा ने सूर्यग्रहण के बारे में बताया कि सूर्यग्रहण तीन प्रकार से होता है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण एवं तीसरा आंशिक सूर्य ग्रहण।
सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो वह सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक आने से रोक लेता है। जिससे सूर्य चंद्रमा के पीछे ढक जाता है और हम पृथ्वीवासी सूर्य के प्रकाश को नहीं देख पाते। पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में तो चंद्रमा सूर्य को पूरा ढक लेता है और ग्रहण के समय एकदम रात जैसा अंधेरा हो जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के कुछ भाग को ढकता है और वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरा नहीं ढ़क पाता जिस कारण सूर्य के स्थान पर एक कंगन की तरह रोशनी का रिंग दिखाई देता है। इसे ही वलयाकार या कुंडलाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
कैसे करें अवलोकन सूर्यग्रहण के नजारे का?
सूर्य ग्रहण अवलोकन से नहीं डरना चाहिए लेकिन इसके लिए सुरक्षित साधनों का प्रयोग करना चाहिए जैसे "सुरक्षित सौर दृश्यक' (सेफ़ सोलर फिल्टर), फिल्टर युक्त दूरबीन से, सूर्य के प्रतिबिंब को दूरबीन की मदद से स्क्रीन पर लेकर, बॉक्स में फोकस करने व लाइव टेलीकॉस्ट के विभिन्न चैनल्स आदि तरीकों से अवलोकन कर सकते हैं।
खगोलविदों व अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण।
विज्ञान अध्यापक बवेजा का कहना है कि सूर्यग्रहण का अवसर जहां वैज्ञानिको के लिए 'नए शोध' के द्वार खोलता वहीं अंधविश्वासियों के लिए 'भय का व्यपार' के अवसर उत्पन्न करता है। सूर्यग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है जिसके अवलोकन का आनन्द लेना चाहिए। खगोलीय घटना को लेकर अंधविश्वास में न रहे। इस दुर्लभ खगोलीय घटना को किसी अंधविश्वास के साथ न जोड़ कर देखें। समाज में बहुत सी कुरीतियों व्याप्त है कि सूर्य या चन्द्र ग्रहण को देखने से किसी अशुभ या अनहोनी घटना का आगमन होता है। सभी भय जगाने वाली प्रचलित मान्यताओं से इतर यह सामान्य तौर पर होने वाली खगोलीय घटना ही है इसके सुरक्षित अवलोकन का आनन्द लें।
यह विज्ञान प्रसार द्वारा जारी वीडियो देखें।
यहाँ आप सूर्यग्रहण अवलोकन की विभिन्न विधियों के वीडियो देख सकते हैं।
पंजाब केसरी की खबर में.....
Darsha lal Baweja
फिर तो यमुनानगर आ जाते हैं मास्टर जी।
ReplyDeleteस्वागत है आइये।
DeleteVery informative post.
ReplyDeleteBeing a science teacher your efforts will make a big difference to change thinking of new generation.
Keep it up!
Thanks a lot.
Delete💐💐💐💐
Hindi Story
ReplyDeletemppsc
mp gk
bhoot ki kahani