Saturday, May 30, 2020

विद्युत के सुचालक और कुचालक पदार्थ Good and Bad conductor of electricity

विद्युत के सुचालक और कुचालक पदार्थ  Good and Bad conductor of electricity
आवश्यक सामग्री:  जांचने के लिए विद्युत परिपथ, एक बज़र, एक एलईडी, एक स्विच, एक बैटरी, सम्पर्क तारें  व बहुत सा सामान जिसमें हम सुचालक व कुचालक गुणों को जांचना चाहते हैं। (जैसे कांच, कागज, धातु, अधातु, मिश्रधातु, पानी, नमक का घोल इत्यादि।)
क्यों/ कैसे: विद्युत के सुचालक पदार्थ जो होंगे वो परिपथ को पूरा कर देंगे और कुचालक पदार्थ जो होंगे वो परिपथ को पूरा नही कर पायेंगे।
प्रयोग विधि: विज्ञान पढ़ाते समय धातु, अधातु व मिश्र धातु पाठ में धातु अधातु व मिश्र धातु के एक विशिष्ट गुणों की चर्चा होती है जिनमे एक गुण है विद्युत के सुचालक एवं कुचालक।
परिपथ का चित्र मैंने साथ संलग्न किया हुआ है। इसके अनुसार किसी लकड़ी के पीस के ऊपर या हार्ड बोर्ड पर परिपथ तैयार कर लेते हैं। परिपथ की दोनों सिरों के सम्पर्क तार जो की स्वतंत्र हैं से स्विच ऑन करने के बाद, उन तारों से हम जिस भी वस्तु को टच करेंगे अगर वह विद्युत की सुचालक होगी तो बज़र आवाज करेगा और एलईडी चमकने लगेगी अगर वस्तु कुचालक होगी तो ना बज़र बजेगा और ना ही एलईडी चमकेगी। यहां जो भी सुचालक वस्तु है वो परिपथ को पूर्ण (Close) कर देती है और कुचालक वस्तु परिपथ को पूरा नहीं करती। इस उपकरण का एक यह भी लाभ है कि हम इससे तरल पदार्थों की विद्युत सुचालक व कुचालक गुणों की जांच भी कर सकते हैं। यह परिपथ बनाना बहुत आसान है और यह बहुत महंगा भी नहीं है इस परिपथ की सहायता से हम किसी भी वस्तु के सुचालक और कुचालक का गुण पता लगा सकते हैं।
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा

नमक का विलयन विद्युत का सुचालक Salt Solution is a good conductor of electricity


Salt Solution is a good conductor of electricity नमक का विलयन विद्युत का सुचालक
आवश्यक सामग्री:  एक बैटरी,  एक बजर, एक एलईडी, एक स्विच, संपर्क तारें,  पानी, नमक, एक बीकर या कोई भी कांच का पात्र।
क्यों/कैसे? नमक को जब पानी में घोला जाता है तो वह सोडियम और क्लोराइड में टूट जाता है इस कारण नमक का घोल आयनों की उपस्थिति के कारण विद्युत का सुचालक बन जाता है।
Sodium Chloride is an ionic compound which consists of Sodium ion and Chloride ion. In solid form bond between these two is very strong. But in water the ions become free and move randomly. These ions are charge carriers and thus responsible for electricity conduction.
प्रयोग विधि: बैटरी, एलईडी, बजर व स्विच को परिपथ के अनुसार तैयार कर लेते हैं। एक बीकर थोड़ा सा जल लेकर उसमें 1 ग्राम नमक घोल लेते हैं। स्विच को ऑन कर के परिपथ के दोनों सिरों के तार को पानी में डूबते हैं तो हम देखते हैं कि एलईडी प्रकाश देती है वह बजर आवाज उत्पन्न करता है। ऐसा क्यों होता है ? नमक को पानी में घोलने पर वह सोडियम व क्लोराइड में विभक्त हो जाता है। यह आयन युक्त जल विद्युत का सुचालक हो जाता है। इसमें परिपथ में बजर लगाने का मकसद यह है कि यदि इस उपकरण को कोई दिव्यांग (दृष्टिहीन) विद्यार्थी प्रयोग करना चाहे तो वह बजर की आवाज सुनकर नमक के घोल का सुचालक होना या कुछ अलग होने का पता लगा सकता है।
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।

द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा

Tuesday, May 26, 2020

कंचा गिराओ गिलास में MARBLE (TOY) AND CUP

कंचा गिराओ गिलास में MARBLE (TOY) AND CUP
आवश्यक सामग्री: एक प्लास्टिक की गेंद ,एक कंचा (बंटा), एक कप।
सिद्धांत :  Centripetal force ,Well of Death (मौत का कुआँ)
जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार मार्ग पर चलती है, तो उस पर कोई बल एक वृत्त के केंद्र पर कार्य करता है, इस बल को अभिकेंद्रीय बल कहते हैं। किसी पिण्ड के तात्क्षणिक वेग के लम्बवत दिशा में गतिपथ के केन्द्र की ओर लगने वाला बल अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal force) कहलाता है।
विधि : प्लास्टिक की गेंद को एक चोथाई (1/4) काट  लेते है मेज पर कागज रख कर उस पर एक कंचा व एक कप रख कर, करना ये है कि गेंद से उठा कर कंचे को कप में डालना है।
शर्ते ये है कि विधि: प्लास्टिक की गेंद को एक चोथाई (1/4) काट  लेते है मेज पर कागज रख कर उस पर एक कंचा व एक कप रख कर, करना ये है कि गेंद से उठा कर कंचे को कप में डालना है।
शर्ते ये है कि :
1. गेंद का कट वाला हिस्सा सदा जमीन की  तरफ ही रहना चाहिए  2. कोई चालाकी नहीं ।
1.  गेंद का कट वाला हिस्सा सदा जमीन की  तरफ ही रहना चाहिए  2.  कोई चालाकी नहीं 
                   
 अब करना ये है कि गेंद के कटे हुऐ हिस्से को कंचे के ऊपर रख हाथ से गेंद को गोल गोल हिलाते है  इस से कंचा गेंद की दीवार  के  साथ परिक्रमा करने लगता है जैसे मौत के कुँए के खेल में मोटर सायकिल घुमती है। अब अपने हाथ को धीरे धीरे कप के ऊपर ले आते है और घुमाना रोक देते है अब कंचा कप में गिर जायेगा। 
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।
  

Sunday, May 24, 2020

बहु परावर्तन Multiple Reflection

बहु परावर्तन ( Multiple Reflection) 
आवश्यक सामग्रीदो समतल दर्पण ,ब्लैक टेप ,गत्ता
सिद्धांत: प्रकाश का परावर्तन
बनाने की विधि: कार्य विधि: 4 वर्ग इंच के
दो समतल दर्पण लेकर उन को उन्ही के नाप के बराबर गत्ते/कार्ड के टुकडो पर टेप की सहायता से चिपका लेते है फिर उन्हें किताब की तरह  खोल के खड़ा कर देते है कोई वस्तु जैसे एक रूपये का सिक्का या पेन की कैप समतल दर्पणों के आगे रख देते है जैसे जैसे दोनों दर्पणों के बीच कोण कम करते जाते है वस्तु के प्रतिबिम्ब बढ़ते जाते है।
प्रतिबिम्बों की संख्या= (360/दोनों दर्पणों के बीच का कोण)-1
When the angle between the mirrors is 90°, the number of images is (360/90°)-1 = 4-1 = 3.
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारादर्शन बवेजाविज्ञान अध्यापकयमुना नगर,हरियाणा।




Friday, May 22, 2020

सोडियम धातु की जल से क्रिया Reaction of Sodium and Water

सोडियम धातु की जल से क्रिया Reaction of Sodium and Water
जब भी सोडियम धातु का जिक्र आता है तो याद आता है यह वो धातु है जो पानी मे आग लगा देती है जी हां सही सुना है आपने।
 सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है ये खुली नहीं रखी जा सकती इसको मिट्टी के तेल (केरोसिन) मे रखी जाती है। हवा मे खुला रखा जाने पर यह आक्सीजन से क्रिया कर लेती है और आक्साईड बनाती है। सामान्यतः धातुएँ कठोर होती हैं परन्तु सोडियम अपवाद है यह इतनी नरम होती है की यह धातु चाकू से भी कट जाए।
vanderkrogt.net
सोडियम धातु को चाकू से काटा जा सकता है।
सक्रिय धातु होने के कारण बहुत समय तक सोडियम धातु का निर्माण करना आसानी से  नहीं  हो सका। 1807  में इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक डेवी ने द्रव सोडियम हाइड्राक्साइड के वैद्युत अपघटन द्वारा इस तत्व का सर्वप्रथम निर्माण किया।
सोडियम की जल से क्रिया सम्पूर्ण हो जाने के बाद जो राख जैसा पदार्थ बचता है उसके जलीय विलयन में फिनोफ्थलिन के दो बूंदें  डालने से घोल का रंग गुलाबी हो जाता है अर्थात यह घोल क्षारीय प्रकृति का है। यदि सोडियम धातु के छोटे से टुकड़े को पानी में डाला जाये तो अभिक्रिया के उपरान्त सोडियम हाइड्रोआक्साईड NaOH क्षार बनता है और हाइड्रोजन गैस बनती है।
2 Na + 2 H2         2 NaOH + H2
आज सोडियम धातु की जल से क्रिया का प्रयोग किया गया पहले बच्चो को सोडियम धातु से परिचित करवाया गया फिर प्रयोग किया गया। 
सोडियम धातु से बहुत से चमत्कार कर के कईं दशको से मदारी जादूगर और तथाकथित सयाने अपनी रोजी रोटी चला रहें हैं मदारी लकड़ियों, हड्डियों नारियल, हवन कुण्ड पानी छिड़क कर आग लगाने का चमत्कार इसी धातु तत्व सोडियम की मदद से ही करते हैं।
इस प्रयोग को देखने के बाद कम से कम यह बच्चे इन तथाकथितों के झांसे मे नहीं आयेंगे.
यही मकसद होता है किसी देश मे वैज्ञानिक चेतना के प्रसार का जिस के लिए विज्ञान संचारक दिन रात विज्ञान संचार का काम करते हैं।
देखें यह वीडियो जिस मे सोडियम की जल से क्रिया दिखाई गयी है।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, 
यमुना नगर, हरियाणा
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धातु, अधातु व मिश्र धातु के नमूने, Metal, Nonmetal and Alloy


धातु, अधातु व मिश्र धातु के नमूने, Metal, Nonmetal and Alloy
धातु, अधातु व मिश्र धातु को नमूनों से जानो क्या होते हैं ये?
विद्यार्थियों को समय रहते धातु, अधातु और मिश्र धातु का ज्ञान देना बहुत जरूरी है। हालांकि इससे संबंधित पाठ्यपुस्तक में सामग्री है परंतु फिर भी विद्यार्थी किसी भी वस्तु को धातु कह देते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को धातुओं के नमूने दिखाकर धातुओं व मिश्रधातुओं से परिचित कराया गया। इसके लिए मैंने एक एल्बम नुमा डेमोंसट्रेशन तैयार किया।
जिसमे एल्युमिनियम, एंटीमनी, कॉपर, कैडमियम, आयरन, निकिल, मैग्नीशियम, लैड, टिन, जिंक, गोल्ड व सिल्वर धातुओं के नमूनों को शामिल किया। साथ ही मिश्र धातुओं के बारे में भी बताया कि जब दो या दो से अधिक धातुओं या एक अधातु को मिलाकर समांगी मिश्रण तैयार किया जाता है उसे मिश्र धातु कहते हैं। 
मिश्र धातुओं के नमूनों के रूप में मैंने विद्यार्थियों को टाँका (सोल्डर), वाइट मेटल, पीतल (ब्रास), टाइपराइटर के अक्षर की मिश्रधातु, स्टेनलेस स्टील (एस एस), फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (एफ एस एस), बेल मेटल, यूरेका, एल्युमीनियम हार्ड, जर्मन सिल्वर, गिलेट (क्युप्रो-निकिल), निकिल-ब्रास आदि मिश्र धातुओं के नमूने दिखाये। साथ ही इन मिश्र धातुओं से बनी विभिन्न वस्तुएं भी दिखाई। जिनमें मुख्यतः रिपब्लिक इंडिया के पुराने व आधुनिक सिक्के दिखाएं जो विभिन्न मिश्र धातुओं से बनाए जाते हैं। बच्चे धातुएं, मिश्र धातुएं उन से बने हुए सिक्के व आसपास ही उनसे बनी अन्य वस्तुओं को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। यह सब उनके लिए बिल्कुल नई चीज थी। 
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।

Tuesday, May 19, 2020

नाचती गेंद Dancing Ball

नाचती गेंद Dancing Ball
आवश्यक सामग्री: एक फुट का पाइप का टुकड़ा या स्ट्रॉ, एक छोटी हल्की गेंद (पिंगपोंग)
क्यो व कैसे?: बर्नोली का सिद्धांत, गति बढ़ी-दबाव घटा, Speed increased-Pressure decreased
कार्य विधि: इस गतिविधि में हम एक हल्की व छोटी प्लास्टिक की गेंद लेते हैं। गेंद का आकार टेबलटेनिस की गेंद जितना होना चाहिए। एक लेवल पाइप का टुकड़ा या कोल्ड ड्रिंक पीने वाला स्ट्रा लेते हैं यह स्प्रिंगदार होना चाहिए, जिसकी गर्दन ऊपर से मुड़ जाती है। 6 इंच स्ट्रॉ काटकर हम उसे समकोण पर मोड़ लेते हैं। सेलो टेप चिपकाकर उसे समकोण पर ही स्थिर कर लेते हैं।
अब उस मुड़ी हुई स्ट्रॉ का लंबे वाला सिरा मुंह में डालते हैं और ऊपर वाले सिर पर उस गेंद को पकड़ कर एक समान रूप से फूंकते हैं और गेंद को छोड़ देते हैं। गेंद उस पाइप के ऊपरी सिरे पर ऊपर-नीचे गति करती है। बच्चे यह देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्हें बताया गया कि नीचे से हवा गेंद को ऊपर उठाती है गेंद के नीचे  बर्नोली का सिद्धांत, गति बढ़ी-दबाव घटा, Speed increased-Pressure decreased के कारण ऊपर से लगने वाला लंबवत वायु दबाव उस गेंद को फिर से नीचे धकेल देता है। बच्चों से बरनोली सिद्धांत का भी जिक्र किया गया जिस कारण यह गेंद ऊपर नीचे नाच दिखाती है। अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।


Monday, May 18, 2020

तैरते पेपर क्लिप्स Floating paper clips

तैरते पेपर क्लिप्स Floating paper clips
आवश्यक सामग्री:  एक कांच का बर्तन, पानी, 5-6 रंग-बिरंगे पेपर क्लिप्स। 
क्यों व कैसे ?: पृष्ठ तनाव के कारण (पृष्ठ तनाव किसी द्रव की सतह का वह गुण है जिसके कारण यह प्रत्यास्थ की तरह फ़ैल जाती है या सिकुड़ जाती है अर्थात प्रत्यास्थता का गुण प्रदर्शित करती है।)
कार्य विधि:  एक कांच के पात्र में पानी ले लेते हैं। 5-6 पेपर क्लिप में से कोई एक पेपर क्लिप उठाकर उसके लंबे वाली भुजा खोलकर L के जैसा एक कैरियर स्टैंड बना लेते हैं। जिस पर हम एक पेपर क्लिप को रखते हैं और सावधानीपूर्वक बिल्कुल पानी की सतह के समानांतर नीचे ले जाते हम देखते हैं कि केरियल स्टैंड नीचे चला जाता है और वह पेपर क्लिप पानी के ऊपर तैरने लगता है। पेपर क्लिप की दोनों भुजाओं के बीच में खाली स्थान होता है। जिसमें एक तानित जल झिल्ली बन जाती है जो पृष्ठ तनाव के कारण बनती है। इसलिए पेपर क्लिप पानी में तैरने लगता है। इसी प्रकार हम एक सुई को भी पानी में तैरा सकते हैं। पृष्ठ तनाव के कारण द्रव अपने पृष्ठ (सतह) का क्षेत्रफल न्यूनतम करने की कोशिश करते हैं। कई बार देखते हैं कि छोटे-छोटे कीट (इंसेक्ट) की पानी की सतह के ऊपर आराम से अपने पैर फैला कर तैर रहे होते हैं। वह भी पृष्ठ तनाव के कारण होता है। पृष्ठ तनाव एक बल (द्रव के भीतर का अणु संसंजक बल के कारण अपने पड़ोसी अणुओं के द्वारा आकर्षित होता है। द्रव का ऊपरी पृष्ठ/ सतह स्वतंत्र होता है, जिसे स्वतंत्र पृष्ठ कहा जाता है) होता है जो पेपर क्लिप को डूबने नहीं देता। बच्चे इस गतिविधि को बहुत एंजॉय करते हैं आनंद लेते हैं व पानी के ऊपर पेपर क्लिप्स तैरा कर देखते हैं। 
नोट: अगर पेपर क्लिप न हो तो सेफ्टीपिंस यानी बकसुआ को भी तैरा कर द्वखिये।
अगर आप को इस गतिविधी का वीडियो देखना हो तो यहाँ देख सकते हैं।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।

Saturday, May 09, 2020

कौन सी मोमबत्ती पहले बुझेगी Which candle will be extinguished first

कौन सी मोमबत्ती पहले बुझेगी Which candle will be extinguished first.
नोट: यह गतिविधि करके देखने के बाद ज्यादा समझ आएगा।
आवश्यक सामग्री: तीन मोमबत्तियाँ समान मोटाई की  (छोटी, मध्यम, बड़ी), एक काँच का जार या बेलजार, माचिस।
 कारण: कार्बन डाई आक्साइड गैस हवा से भारी होती है और जलने के लिए वायु की आवश्यकता व आक्सीजन की अनिवार्यता।
कार्य विधि: तीनो आकार की मोमबत्तियाँ एक पंक्ति में क्रमवार लगा लेते है, उन्हें जला लेते है फिर काँच का जार चित्रानुसार उल्टा कर के उन मोमबत्तियों के उपर रख देते है। 

अब क्या आप बता पायेंगे कि कोन सी मोमबत्ती पहले बुझेगी??
सब कहेंगे छोटी वाली परन्तु कुछ कहेंगे कि तीनों एक साथ बुझेंगी
परन्तु ये क्या ??

ये क्या न तो तीनों एक साथ बुझी और न ही छोटी पहेले बुझी!
सब से पहले बड़ी फिर मध्यम और फिर छोटी मोमबत्ती बुझी!
ऐसा क्युं ?? :  ऐसा इसलिए कि कार्बन डाई आक्साइड गैस हवा से भारी होती है। तीनों मोमबत्तियों के एक साथ जलने पर आक्सीजन की खपत शुरू होती है। उपर की आक्सीजन(वायु) नीचे से आई ऊष्मा के कारण नीचे भागती है और ऊपर बड़ी मोमबत्ती के चारों और कार्बन डाई आक्साइड गैस का घेरा बनना शुरू होता है जो उस की आक्सीजन की पूर्ति को रोकता है। लेकिन नीचे वाली सब से छोटी मोमबत्ती को अंत तक आक्सीजन मिलती रहती है।

एक सर्वमान्य व्याख्या: जलती लौ  से पैदा हुइ वायु गरम होने के कारण उसका घनत्व  ( Density ) कम होने के कारण जार के उपर जमा होती रहेगी और जमा होते होते उसका लेवल उपर से नीचे की और आता जायेगा. जैसे उसका लेवल बडी मोमबत्ती तक आयेगा तो बडी मोमबत्ती को बुझा देगा क्योंकि गरम हवा मे ओक्सीजन की कमी रहेगी. तब तक छोटी मोम्बत्तीयो को नीचे की ठन्डी हवासे ओक्सीजन मिलती  रहती है. धीरे धीरे गरम हुइ हवा उपर से नीचे की और आती जायेगी और  मोमबत्तीया बुझती जायेगी। यहां वायु का तापमान और उसकी घनता का रीलेशन बायल्स के  नियम के अनुसार काम करता है। समान तापमान मे कार्बन डाईक्साइड हवा से भारी रहती है परतु गरम CO2 हवा से हलकी होने के कारण उपर जमा  हो के नीचे की और भागती  है।
अगर वीडियो देखना हो तो यहां देखा जा सकता है।
इस के कई कारण  बताये जाते है मेरे द्वारा लगाई गयी कक्षाओं में यह  प्रयोग गर्मागर्म बहस का मुद्दा रहता है कोई नया कारण समझ में आता हो तो कृपया टिप्पणी में डाल दे।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा। 

Tuesday, May 05, 2020

Covid-19 quiz

ये एक क्विज़ बनाई है जरा try कीजिये।
इस क्विज़ में भाग लीजिये और कोविड-19,  करोना वायरस से उपजे इस रोग बारे जागरूकता का संचार कीजिए।

कोरोना/कोविड-19  जागरूकता क्विज़ में भाग जरूर लें।
बचाव में ही सुरक्षा है।
घर रहें वेवजह बाहर ना जायें।
                   ¿यहाँ क्लिक करें या नीचे
https://forms.gle/KszPVAdKVnhNRvby8
इस लिंक पर क्लिक करें।
स्कोर भी साथ ही देखें।
गलत जवाब देने पर सही जवाब भी देखें।
प्रस्तुति:
Darshan Baweja 

Friday, May 01, 2020

टिक-टिकी बनाओ Tik-Tiki


टिक-टिकी बनाओ Tik-Tiki
ढ़क्कन बटन की टिक-टिकी
आवश्यक सामग्री:
 एक कोल्डड्रिंक काँच वाली बोतल का
ढक्कन (क्राउन), धागा, कमीज़ पर लगाने वाला बटन, रबर बैंड।
सिद्धांत: दो वस्तुुुओं के टकराने (कम्पन्न) से ध्वनि उत्तपन होना।
बनाने की विधि: कार्य विधि:  एक काँच  वाली कोकाकोला की बोतल का धातु का ढक्कन (क्राउन) लें।
एक कमीज़ पर लगाने वाला बटन लें।
बटन के एक छिद्र में रबर बैंड में पिरोलें।बटन के दुसरे सुराख़ में एक 12 इंच
(1 फीट) लम्बा धागा पिरो कर गांठ लगा  लें। रबर बैंड को बोतल क्राउन कैप के पीछे गांठ लगा कर बांधदेंं। 
अब धागे पर 1-1इंच के बाद गांठे लगा दे |चित्रानुसार दोनों को पकड़ लो, अंगूठे और ऊँगली से धागे को पकड़ कर पीछे खीचो और 
छोड़ो।
बटन बारबार क्राउन से टकराएगा और
टिक-टिक की ध्वनि पैदा करेगा। तुम खुश होंगे और बड़े परेशान .......
अगर बनाने की विधि का वीडियो देखना चाहते हो तो यहां देख लें।

द्वारा: दर्शन लाल बवेजा, विज्ञान
अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।