Thursday, April 30, 2020

सिक्के का गिलास में गिरना Drop Coin in to Tumbler

सिक्के का गिलास में गिरना Drop Coin in to Tumbler
आवश्यक सामग्री:  एक कांच का बर्तन
(गिलास), एक 5 रूपये का सिक्का, एक कार्ड पेपर का वर्गाकार टुकड़ा, प्लास्टिक का स्केल, रबर बैंड।
सिद्धांत:  जड़त्व का सिद्धांत (ला  ऑफ़ इनर्शिया), न्यूटन का प्रथम नियम।
कार्य विधि: एक कार्ड पेपर(शादी का निमंत्रण पत्र) का वर्गाकार टुकड़ा गिलास उपर रखो फिर उस पर एक 5 रूपये का सिक्का रखो। 
कार्ड पेपर के टुकड़े को जोर से फ्लिक करो (फिल्क मतलब जैसे कैरम बोर्ड के गोटी को मारते है) अब हम देखते है हार्ड पेपर का वर्गाकार टुकड़ा तो आगे की और गिरता है और 5 रूपये का सिक्का गिलास में गिरता है। बार बार अभ्यास करने से  प्रयोग होने लगेगा फिर १,२ रुपयों के सिक्को से भी इसे कर के देखो।
इस प्रयोग को करवाते हुए अक्सर यह देखा जाता है कि बच्चे उंगली से फ्लिक करते समय चूक जाते हैं तो उनकी गतिविधि को सफलता पूर्वक करने की प्रतिशतता कम हो जाती है। विद्यार्थियों के समक्ष यह प्रयोग करते समय उन्होंने एक और तरीका सुझाया जिसे नवाचारी तरीके के रूप में इस प्रयोग में शामिल कर लिया गया।  गिलास के साथ एक स्केल (प्लास्टिक का स्केल) रबर बैंड के साथ लगा लेते हैं। अब हमें कार्ड को उंगली से फ्लिक नहीं करना बल्कि स्केल को पीछे खींच कर छोड़ देना है जो कार्ड से टकराएगा और सिक्का गिलास में गिर जाएगा। यह प्रयोग नवाचारी विधि के रूप में सम्मिलित कर लिया गया है।

द्वारा: दर्शन लाल बवेजा, विज्ञान 
अध्यापक, यमुनानगर, हरियाणा

Tuesday, April 28, 2020

दोनो गेंद आयें पास पास Both balls come close
आवश्यक सामग्री: एक लकड़ी या पाइप का टुकड़ा, 2 छोटी गेंदे(भार में हल्की), धागा, सेलोटेप।
सिद्धांत: बर्नोली का सिद्धांत गति बढ़ी-दबाव घटा, Speed increased-Pressure decreased. 
कार्य विधि:  एक पाईप या लकड़ी के टुकड़े पर एक 1 फुट के दो धागे 4 या 6 इंच दूरी पर सेलो टेप से चिपका लेते हैं। इन धागों के निचले सिरे पर सेलोटेप या फेवीक्विक या फेविकोल की मदद से दो छोटी-छोटी(भार में हल्की) गेंदे चिपका लेते हैं। अब हमारी गतिविधि तैयार है। एक हाथ से लकड़ी या पाइप को पकड़ने पर दोनों गेंदे नीचे लटकती नजर आएंगी। दोनों गेदों के बीच की जगह में से मुंह द्वारा फूंक मारने से हम देखते हैं दोनों गेंदे पास-पास आ जाती है। जब गेंदों के बीच से हवा तेजी से गुजरती है तो दोनों गेंदों के बीच कम दबाव का क्षेत्र बनता है और गेंदों के दूसरी तरफ सामान्य दबाव का क्षेत्र गेंदों को अंदर की तरह पुश करता है।
द्वारा: दर्शनलाल बवेजा, विज्ञान 
अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा 

Monday, April 27, 2020

छ्लनी से पानी रुका water stopped by Sieve

छ्लनी से पानी रुका  water stopped by Sieve

आवश्यक सामग्री: एक आटा छानने की छलनी, पानी, काँच का बर्तन (गिलास)
सिद्धांत:  वायु दबाव, पृष्ठ तनाव।
कार्य विधि: एक कांच के ग्लास (टंबलर) में पानी भर पानी भरकर उसे छलनी की जाली के ऊपर हथेली की सहायता से रख देते हैं। हम देखते हैं कि पानी नीचे नहीं गिरता पानी छलनी के छोटे-छोटे सुराखो में एक झिल्ली (पृष्ठ तनाव के कारण) बनाता है। यह झिल्ली पिछले प्रयोगों की तरह कागज व कपड़े का काम करती है। गिलास के 
अंदर और बाहर के वायु दबाव में अंतर के कारण पानी नीचे नहीं गिरता।
नोट: यह गतिविधि चाय छानने की छलनी से भी की जा सकती है।
द्वारा: दर्शनलाल बवेजा, विज्ञान 
अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा 

Sunday, April 26, 2020

पानी का नीचे न गिरना-2 (न्यू) air pressure activity new

पानी का नीचे न गिरना-2 (न्यू) air pressure activity new  
पानी का नीचे न गिरना-2 (न्यू) air pressure experiment new
कपड़े से रोका पानी।
सिद्धांत- वायुमंडलिय दबाव (Atmospheric Pressure)
आवश्यक सामग्री-कांच का बर्तन(गिलास), एक सूती रुमाल, पानी।
बनाने की विधि–कार्य विधि--
गिलास में पानी लो।
एक सूती रुमाल लो।
रुमाल को मध्य से पहले से ही पानी से गीला कर लें।
सूती रुमाल को जकड़ कर ग्लास के मुहँ पर लपेट दो। चित्रानुसार सावधानीपूर्वक गिलास को उल्टा कर दो।
सूती रुमाल पानी को नीचे नहीं गिरने देगा, पानी की अलग-अलग मात्रा ले कर इस प्रयोग का मजा लो।
इस गतिविधि का वीडियो भे देख सकते हैं यहां पर।
द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा

Saturday, April 25, 2020

पानी का नीचे न गिरना Air Pressure Activity

  पानी का नीचे न गिरना Air Pressure Activity  

आवश्यक सामग्री - कांच का बर्तन    (गिलास),   मोटे कागज का वर्गाकार टुकड़ापानी।
कारणवायु  दबाव डालती है। Air Pressure. 
कार्य विधि: गिलास में पानी लोअब मोटे कागज के वर्गाकार टुकड़े को गिलास के मुँह पर रख कर हथेली से सहारा देते हुए गिलास को पानी समेत सावधानीपूर्वक उल्टा कर दो और सावधानीपूर्वक ही  अपनी 
हथेली भी कागज से हटा लो।देखो क्या हुआ? मोटे कागज का वर्गाकार टुकड़ा पानी को नीचे नहीं गिरने देगा। पानी की अलग-अलग मात्रा ले कर इस    एक्टिविटी का मजा लो।

विडियो भी देख सकते हो इस गतिविधि का आप।
                

द्वारा: दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा।

Friday, April 24, 2020

मेरा अपना सप्रे पम्प Spray Pump

मेरा अपना सप्रे पम्प Spray Pump

Spray Pump,सप्रे पम्प
आवश्यक सामग्री: एक ग्लास का बर्तन, दो बेकार हो चुके पेन/स्ट्रॉ, पानी।
सिद्धांत: बर्नोली का सिद्धांत गति बढ़ी-दबाव घटा, Speed increased-Pressure decreased.

 बनाने की विधि – काँच के बर्तन में पानी ले कर दोनों पेनो/स्ट्रा के 2 टुकड़ों को 90 डिग्री के कोण पर लगा लेते है (चित्रानुसार एक पानी के अन्दर दूसरा बाहर) उपर वाले पेन में जोर से फूँक मारने पर इस पेन के अगले भाग से पानी की फुहार निकलेगी। लिजिए बन गया आप का अपना सप्रे पम्प। ध्यान रहे कि दोनों पेनो की टिप दुसरे को छुए (यानि की टच करे )।


द्वारा: दर्शन लाल बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा

Thursday, April 23, 2020


मेरा उत्तल और अवतल लेंस (जल लैंस) convex and concave lens
मेरा उत्तल और अवतल लेंस convex and concave lens

आवश्यक सामग्री: 
एक दवा (टीका) की खाली शीशी, पानी।
बनाने की विधि: दवा (टीका) की खाली हो चुकी काँच की शीशी की डाट निकले बिना सिरिंज की मदद से उस में पानी भर ले और एक हवा का बुलबुला छोड़ दें यानी थोड़ी सी जगह में पानी न डालें खाली रखें।
कार्य विधि:  अब पानी में से देखेगे॓ तो अक्षर बड़े दिखंगे और बुलबुले में से देखेगे॑ तो अक्षर बारीक़ दिखेंगे। लो बन गया अपना उत्तल और अवतल लेंस यानी जल लैंस।
** फ़्यूज हुए इलेक्ट्रिक बल्ब से भी बना कर देखो ।
द्वारा--दर्शन बवेजा, विज्ञान अध्यापक, यमुना नगर, हरियाणा

Tuesday, April 21, 2020

लिरिड उल्कापात Lyrid Meteor Shower

लिरिड उल्कापात Lyrid Meteor Shower
लिरिड उल्कापात का नजारा 22 अप्रैल की रात को।
 सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब C V Raman VIPNET Sci. Club
सी0 वी0 रमन विपनेट विज्ञान क्लब सदस्यों द्वारा उल्का, उल्कापात, उल्कापिंड, छूद्रग्रह, धूमकेतु आदि अन्य खगोलीय पिंडों पर वाट्सएप्प ग्रुप पर चर्चा की गई। इस चर्चा के दौरान में 22 अप्रैल को रात्रि में उल्कापात देखने सम्बंधित टिप्स दिए गए।
लिरिड नामक उल्का वर्षा का अधिकतम नज़ारा 22 अप्रैल, 2020 रात्रि को रहेगा।
जो अगले कुछ दिन तक और भी दिख सकता है। कृष्ण पक्ष की इन रात्रि में चंद्रमा का प्रकाश बहुत कम रहता है तो गिरती उल्कायें साफ दिखायी देंगी ऐसी संभावना है, बशर्ते बादल ना हों। यह वाला उल्कापात उत्तरी गोलार्ध में यानी हमे अच्छी तरह से दिखेगा।
इन उल्काओं के गिरने की गति 48.4 किलोमीटर/सेकेंड की होगी। इन गिरती उल्काओं को देखने का समय मध्य रात्रि से लेकर अलसुबह 4 से 5 बजे तक का समय अच्छा रहेगा।
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार उचित समय मे एक घंटे में 10 से 20 उल्कापात होना दृष्टिगोचर हो सकते है। ये उल्कापात लाइरा नक्षत्र में होने के कारण इनका नाम लिरिड उल्कापात रखा गया है। प्रतिवर्ष अप्रैल में यह घटना घटित होती है, क्योंकि इस वक्त पृथ्वी अपने परिक्रमण के दौरान अंतरिक्ष के  ऐसे क्षेत्र से गुजरती है, जहां अंतरिक्ष में धूमकेतुओं (पुच्छलतारों) की पूंछ से छूटे छोटे-बड़े पत्थरनुमा टुकड़े बहुत ज्यादा संख्या होते है। उल्कायें  सी/1861 जी-1 थैचर नामक पुच्छल तारे के मलबे द्वारा उत्पन्न की जाती हैं। जिस धूमकेतु द्वारा उल्काएं उत्पन्न होती है उसे अभिभावक धूमकेतु  कहा जाता है।
पूरे साल में इस समय मौसम बहुत बढ़िया बना हुआ है प्रदूषण भी न्यूनतम स्तर पर है।
सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब सरोजिनी कालोनी के सदस्य इस लॉकडाउन के चलते अपने अपने घर की छत से इस उल्कापात का अवलोकन करेंगे। उन्हें क्लब समन्वयक दर्शन लाल बवेजा द्वारा क्लब के वट्सअप ग्रुप पर जानकारी व आवश्यक कॉर्डिनेट दे दिए गए हैं।
उल्कापात को सामान्य जनमानस टूटता तारा भी कहते हैं और इस रोशनी की लकीर को देख कर मुरादें (विश) माँगी जाती है। यह एक पुराना रिवाज है जबकि इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नही है। जब कोई उल्का पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती हैं तो वह वायुमंडलीय घर्षण के कारण जलकर चमकने लगती है और क्षण भर में जलकर स्वाहा हो जाती है व रोशनी की एक लकीर छोड़ जाती है। यदि पूरे वायुमंडल को पार करने के बाद भी उल्का जलने के पश्चात भी शेष रह जाती है तो वह पृथ्वी से टकरा जाता है उसे उल्कापिंड कहते हैं।
वर्ष 2020 के महत्त्वपूर्ण उल्कापात:
4 जनवरी, 2020 क्वाड्रंटिड्स
 22-23 अप्रैल, 2020 लिरिड्स
 5 मई, 2020 एटा एक्वारिड्स
 जुलाई के अंत में, 2020 डेल्टा एक्वारिड्स
 12 अगस्त, 2020 पर्सिड्स
 7 अक्टूबर, 2020 ड्रेकोनिड्स
 21 अक्टूबर, 2020 ओरियोनिड्स
 4-5 नवंबर, 2020 साउथ टॉराइड्स
 11-12 नवंबर, 2020 उत्तर टॉरिड्स
 17 नवंबर, 2020 लियोनिड्स
 13-14 दिसंबर, 2020 जेमिनीड्स
 22 दिसंबर, 2020 उर्सिड्स।
इसके अलावा भूली भटकी उल्कापात तो रोजाना होता हैं।

दर्शन लाल बवेजा प्रस्तुति