चूक न जाना बृहस्पति ओर शुक्र के संयोजन का अदभुत नजारा।
दर्शन लाल बवेजा....
संयोजन तब होता है जब कोई ग्रह पृथ्वी के साथ कल्पित सीधी रेखा पर हो व कोई अन्य ग्रह उस ग्रह के नजदीक हो।
मंगलवार को आप जल्दी उठ कर पूर्व की ओर, क्षितिज के ठीक ऊपर, शुक्र और बृहस्पति ग्रह के संयोजन को देख सकते हैं। इसके के लिए आपको सूरज निकलने से एक घंटे पहले या फिर 5 बजे आकाश की ओर देखना होगा। दोनों ग्रह नग्न आंखों से दिखाई देंगे। भारत सहित मध्य उत्तरी अक्षांश में रहने वाले लोग शुक्र और बृहस्पति का सर्वश्रेष्ठ नजारा देख सकते हैं। यह कोई दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं है। यह हर 13 महीनों में होती है, इसमे दो ग्रह विशाल चमकदार गेंद की तरह दिखाई देंगे।
क्यों खास है ये वाला?
असल मे घटना साल में एक बार होती है परंतु वर्ष 2019 में यह दो बार घटित होगी। हम 24 नवंबर, 2019 को भी बृहस्पति और शुक्र का संयोजन देख सकते हैं इसलिए यह इस वर्ष खास है। इसलिए इसे देखने का मौका मत चूक जाना। हमें अभी नवंबर में भी यह खगोलीय घटना देखनी है।
इस सप्ताह देखने में भले ही दोनों ग्रह काफी पास पास लग रहे हों पर हकीकत में, वे लाखो मीलों की दूरी पर ही हैं। शुक्र पृथ्वी से लगभग 46 लाख मील की दूरी पर और बृहस्पति पृथ्वी से 560 मिलियन मील की दूरी पर है ओर कमाल ये कि आकाश पर शुक्र, बृहस्पति की तुलना में ज्यादा बड़ा व चमकदार प्रतीत होता है। पृथ्वी के करीब होने के कारण ही शुक्र बड़ा दिखता है पर वास्तव में बड़ा तो है बृहस्पति, बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और शुक्र की तुलना में 11 से अधिक गुना बड़ा है। शुक्र व बृहस्पति के संयोजन का कोई खास खगोलीय अनुसंधान महत्व नहीं है परंतु हमें इस प्रकार की खगोलीय घटनाओं को जरूर देखना चाहिए और आनंद उठाना चाहिए। ये एक आकर्षक खगोलीय घटना है और देखने के लिए बेहद खूबसूरत अनुभव है। बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है और उनकी रुचि खगोलविज्ञान में बढ़ती है इस रुचि को आगे बढ़ाते हुए वह भविष्य में खगोलविज्ञान में अपना करियर भी बना सकते हैं। Venus-Jupiter conjunction on January 22.
दर्शन लाल बवेजा....
संयोजन तब होता है जब कोई ग्रह पृथ्वी के साथ कल्पित सीधी रेखा पर हो व कोई अन्य ग्रह उस ग्रह के नजदीक हो।
मंगलवार को आप जल्दी उठ कर पूर्व की ओर, क्षितिज के ठीक ऊपर, शुक्र और बृहस्पति ग्रह के संयोजन को देख सकते हैं। इसके के लिए आपको सूरज निकलने से एक घंटे पहले या फिर 5 बजे आकाश की ओर देखना होगा। दोनों ग्रह नग्न आंखों से दिखाई देंगे। भारत सहित मध्य उत्तरी अक्षांश में रहने वाले लोग शुक्र और बृहस्पति का सर्वश्रेष्ठ नजारा देख सकते हैं। यह कोई दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं है। यह हर 13 महीनों में होती है, इसमे दो ग्रह विशाल चमकदार गेंद की तरह दिखाई देंगे।
क्यों खास है ये वाला?
असल मे घटना साल में एक बार होती है परंतु वर्ष 2019 में यह दो बार घटित होगी। हम 24 नवंबर, 2019 को भी बृहस्पति और शुक्र का संयोजन देख सकते हैं इसलिए यह इस वर्ष खास है। इसलिए इसे देखने का मौका मत चूक जाना। हमें अभी नवंबर में भी यह खगोलीय घटना देखनी है।
इस सप्ताह देखने में भले ही दोनों ग्रह काफी पास पास लग रहे हों पर हकीकत में, वे लाखो मीलों की दूरी पर ही हैं। शुक्र पृथ्वी से लगभग 46 लाख मील की दूरी पर और बृहस्पति पृथ्वी से 560 मिलियन मील की दूरी पर है ओर कमाल ये कि आकाश पर शुक्र, बृहस्पति की तुलना में ज्यादा बड़ा व चमकदार प्रतीत होता है। पृथ्वी के करीब होने के कारण ही शुक्र बड़ा दिखता है पर वास्तव में बड़ा तो है बृहस्पति, बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और शुक्र की तुलना में 11 से अधिक गुना बड़ा है। शुक्र व बृहस्पति के संयोजन का कोई खास खगोलीय अनुसंधान महत्व नहीं है परंतु हमें इस प्रकार की खगोलीय घटनाओं को जरूर देखना चाहिए और आनंद उठाना चाहिए। ये एक आकर्षक खगोलीय घटना है और देखने के लिए बेहद खूबसूरत अनुभव है। बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है और उनकी रुचि खगोलविज्ञान में बढ़ती है इस रुचि को आगे बढ़ाते हुए वह भविष्य में खगोलविज्ञान में अपना करियर भी बना सकते हैं। Venus-Jupiter conjunction on January 22.
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