पर्शिड उल्कापात (Perseid Meteor Shower)
अगर आसमान साफ रहा तो आज की रात आसमान में टूटते तारों की बारिश देख पाएंगे........हम लोग
दर्शन लाल बवेजा
दर्शन लाल बवेजा
क्या होती हैं उल्कायें?
आसमान में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का (मेटयोर) और साधारण बोलचाल में 'टूटते तारे' (मेटीयोराइट) कहते हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड कहते हैं। पूरी पृथ्वी से प्रत्येक रात्रि को उल्कापात अनगिनत संख्या में देखा जा सकता हैं, किंतु इनमें से पृथ्वी पर गिरनेवाले पिंडों की संख्या अत्यंत अल्प होती है। वास्तव में इनका तारे ओर उसके टूटने से कोई सम्बन्ध नही होता, टूटता तारा इसका प्रचलित नामकरण है।
क्यों जल जाती हैं उल्कायें?
बाह्य अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए इनकी स्पीड 20 किलोमीटर प्रति सेकंड होती हैं। इतनी अधिक स्पीड पर वायुमंडल की गैसों के साथ रगड़ (घर्षण) के कारण ये गर्म होकर लालतप्त हो जाती हैं और भस्म होकर विलीन हो जाती हैं। यदि कोई बचकर पृथ्वी पर गिर जाये तो उसे उल्कापिंड का नाम मिलता है।
बाह्य अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए इनकी स्पीड 20 किलोमीटर प्रति सेकंड होती हैं। इतनी अधिक स्पीड पर वायुमंडल की गैसों के साथ रगड़ (घर्षण) के कारण ये गर्म होकर लालतप्त हो जाती हैं और भस्म होकर विलीन हो जाती हैं। यदि कोई बचकर पृथ्वी पर गिर जाये तो उसे उल्कापिंड का नाम मिलता है।
उल्कापात की महत्वपूर्ण तिथियां।
1992 में एक पुच्छल तारा (स्विफ्ट टटल) हमारे सौरमंडल में आया था और उल्काओं के रूप में बहुत सा मलबा पृथ्वी की कक्षा में छोड़ गया था। अब जब भी पृथ्वी इस कॉमेट के मलबे में से गुजरती है तो बिखरी पड़ी ये उल्कायें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाती हैं। है। इस साल चार बार ये नजारा देखने को मिलेगा परन्तु 12-13 अगस्त को पर्शिड उल्कापात का नजारा अद्भुद होगा। इसके बाद 21 अक्टूबर ओरिओनियड, 16 नवंबर लिओनियड व 15 दिसंबर को जेमिनियड उल्कापात (मेटियोर शॉवर)
का दुर्लभ अवसर दृश्यमान होगा।
आज रात पर्शिड उल्कापात (Perseid Meteor Shower) देखने का सुनहरी अवसर है। इस उल्कापात को अर्ध रात्रि के बाद ययाति तारामंडल की ओर देख सकते हैं। आज रात जब पृथ्वी स्विफ्ट टटल पुच्छल तारे (Swift tuttle comet) के द्वारा छोड़े मलबे के मध्य गुज़रेगी। एक घंटे में 60 से 100 तक उल्काये देखी जा सकती है। दावा 200 उल्कापात प्रति घंटे का भी किया जाता है।
1992 में एक पुच्छल तारा (स्विफ्ट टटल) हमारे सौरमंडल में आया था और उल्काओं के रूप में बहुत सा मलबा पृथ्वी की कक्षा में छोड़ गया था। अब जब भी पृथ्वी इस कॉमेट के मलबे में से गुजरती है तो बिखरी पड़ी ये उल्कायें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाती हैं। है। इस साल चार बार ये नजारा देखने को मिलेगा परन्तु 12-13 अगस्त को पर्शिड उल्कापात का नजारा अद्भुद होगा। इसके बाद 21 अक्टूबर ओरिओनियड, 16 नवंबर लिओनियड व 15 दिसंबर को जेमिनियड उल्कापात (मेटियोर शॉवर)
का दुर्लभ अवसर दृश्यमान होगा।
आज रात पर्शिड उल्कापात (Perseid Meteor Shower) देखने का सुनहरी अवसर है। इस उल्कापात को अर्ध रात्रि के बाद ययाति तारामंडल की ओर देख सकते हैं। आज रात जब पृथ्वी स्विफ्ट टटल पुच्छल तारे (Swift tuttle comet) के द्वारा छोड़े मलबे के मध्य गुज़रेगी। एक घंटे में 60 से 100 तक उल्काये देखी जा सकती है। दावा 200 उल्कापात प्रति घंटे का भी किया जाता है।
समय व दिशा(एल्टीट्यूड) चार्ट इस प्रकार रहेगा।
रविवार 11:30 pm 32°North-northeast 5.9°
सोमवार 12:30 am 33°North-northeast 13.7°
सोमवार 1:30 am 32°North-northeast 21.5°
सोमवार 2:30 am 30°North-northeast 29.1°
सोमवार 3:30 am 25°North-northeast 35.8°
सोमवार 4:30 am 17°North-northeast 41.0°
सोमवार 5:30 am 7°North 44.2°
सोमवार 6:30 am 356°North 44.7°
रविवार 11:30 pm 32°North-northeast 5.9°
सोमवार 12:30 am 33°North-northeast 13.7°
सोमवार 1:30 am 32°North-northeast 21.5°
सोमवार 2:30 am 30°North-northeast 29.1°
सोमवार 3:30 am 25°North-northeast 35.8°
सोमवार 4:30 am 17°North-northeast 41.0°
सोमवार 5:30 am 7°North 44.2°
सोमवार 6:30 am 356°North 44.7°
गत कईं मौकों की खगोलीय घटनाएं देखने का सुअवसर बादलों व खराब मौसम की भेंट चढ़ जाता है। आज रात भी शायद ऐसा ही हो।
दर्शन लाल बवेजा
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