मानकीकृत वर्षामापी यंत्र से वर्षा मापना सीखा।
विद्यार्थियों ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैम्प के प्रांगण में सुबह दो घंटे में 15.7 एमएम वर्षा रिकार्ड की।
सीवी रमन विज्ञान क्लब, जामुन इको क्लब, हनिबी नेटवर्क, सृष्टि डॉट ऑर्ग व हरियाणा विज्ञान मंच के सदस्यों ने विज्ञान प्रसार नेटवर्क नोयडा (साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट नई दिल्ली गवर्मेंट आफ इंडिया की ऑटोनोमस बॉडी) द्वारा प्रदत्त मानकीकृत वर्षामापी यंत्र से वर्षा को मापना सीखा।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा के नेतृत्व में प्रेरणा, हर्षिता, रितिका, नाजिश, सुहानी, साईमा, पूजा, अंजली, नेहा पांडे, दिव्या, विकास, सौरभ, सुमित, सौरव छात्र-छात्राओं ने वर्षा को मापा।
क्या है वर्षामापी यंत्र?
किस स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, इसे मापने के लिए एक यंत्र काम में लाया जाता है, जिसे वर्षामापी यंत्र कहते हैं। यह एक प्लास्टिक का बेलनाकार बर्तन होता है जिसका व्यास 20 सेमी और इसकी ऊंचाई 50 सेमी होती है। इसके भीतर एक मापक बेलन रखा जाता है। इसे एक निश्चित समय में तथा निश्चित स्थान पर वर्षा में रखकर गिरे पानी की मात्रा को माप लिया जाता है।
वर्षामापी कई तरह का होता है। अलग अलग तरीके से समझने के लिए वर्षा इंच, सेंटीमीटर या मिलीमीटर में मापी जाती है। इसकेे ऊपर एक कीप लगी रहती है। वर्षा का पानी कीप द्वारा बोतल में भर जाता है तथा बाद में पानी को मापक स्लेंडर द्वारा माप लिया जाता है। इस यंत्र को खुले स्थान में रखते हैं, ताकि वर्षा के पानी के कीप में गिरने मे किसी प्रकार की रुकावट न हो। और यह भी ध्यान रखा जाता है की आसपास कोई भवन या ऊंचा वृक्ष न हो जो वर्षा के गिरने में रुकावट बने।
'विद्यालय वर्षा का मापन' गतिविधि से बच्चों में अपने मौसम और जलवायु को समझने की दक्षता विकसित होती है। अध्यापक का फर्ज होता है की वह अपने विद्यार्थियों को प्रत्येक उस गतिविधि से परिचित करवाये जो उसको प्रकृति को समझने व आत्मसात करने का मौका दे।
वर्षा की पैमाइश से वर्षा के प्रकार
भारी वर्षा हेवी रेन - 8mm प्रति घंटा से अधिक वर्षा को भारी वर्षा कहा जाता है।
सामान्य वर्षा- 2mm से अधिक 8 mm से कम
फुहार या शावर- 2mm प्रति घंटा से कम
*खास
1mm वर्षा का मतलब एक वर्ग मीटर पर एक लीटर पानी।
अखबारों में
![]() |
वर्षामापी यंत्र जानकारी |
![]() |
वर्षा का मापन |
क्या है वर्षामापी यंत्र?
किस स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, इसे मापने के लिए एक यंत्र काम में लाया जाता है, जिसे वर्षामापी यंत्र कहते हैं। यह एक प्लास्टिक का बेलनाकार बर्तन होता है जिसका व्यास 20 सेमी और इसकी ऊंचाई 50 सेमी होती है। इसके भीतर एक मापक बेलन रखा जाता है। इसे एक निश्चित समय में तथा निश्चित स्थान पर वर्षा में रखकर गिरे पानी की मात्रा को माप लिया जाता है।
![]() |
छात्र विकास सैनी |
'विद्यालय वर्षा का मापन' गतिविधि से बच्चों में अपने मौसम और जलवायु को समझने की दक्षता विकसित होती है। अध्यापक का फर्ज होता है की वह अपने विद्यार्थियों को प्रत्येक उस गतिविधि से परिचित करवाये जो उसको प्रकृति को समझने व आत्मसात करने का मौका दे।
वर्षा की पैमाइश से वर्षा के प्रकार
भारी वर्षा हेवी रेन - 8mm प्रति घंटा से अधिक वर्षा को भारी वर्षा कहा जाता है।
सामान्य वर्षा- 2mm से अधिक 8 mm से कम
फुहार या शावर- 2mm प्रति घंटा से कम
*खास
1mm वर्षा का मतलब एक वर्ग मीटर पर एक लीटर पानी।
अखबारों में
Darshan Lal Baweja
Science Teacher Cum Science Communicator
Secretary C V Raman VIPNET science Club VP-HR 0006 (Platinum category Science club-2017) Yamuna Nagar
Distt. Coordinator NCSC-DST, Haryana Vigyan Manch Rohtak, Science Blogger, Sristi Mitra,
Master Trainer for Low/Zero Cost Science Experiments, Simple Science Experiments, TLM (Science) Developer
Web Links
http://www.sciencedarshan.in/
http://kk.sciencedarshan.in/
http://darshansandbox.blogspot.com/
http://gsssalahar.blogspot.com/
https://www.facebook.com/Darshan.Baweja
https://www.facebook.com/ScienceDarshan/
Science Teacher Cum Science Communicator
Secretary C V Raman VIPNET science Club VP-HR 0006 (Platinum category Science club-2017) Yamuna Nagar
Distt. Coordinator NCSC-DST, Haryana Vigyan Manch Rohtak, Science Blogger, Sristi Mitra,
Master Trainer for Low/Zero Cost Science Experiments, Simple Science Experiments, TLM (Science) Developer
Web Links
http://www.sciencedarshan.in/
http://kk.sciencedarshan.in/
http://darshansandbox.blogspot.com/
http://gsssalahar.blogspot.com/
https://www.facebook.com/Darshan.Baweja
https://www.facebook.com/ScienceDarshan/
विद्यालयों में रेयर ही दी जाने वाली जानकारी व प्रयोग,बधाइयाँ
ReplyDeleteसक्रिय पहल लाजवाब है....
ReplyDeleteविज्ञान के विद्यार्थियों को सहज अँतर भी पता होना चाहिए
कि सामाजिक विज्ञान भी वैज्ञानिक ज्ञान है....
जी आप सही कह रहे हैं
Deleteआभार