Monday, February 26, 2018

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतियोगिताएं National Science Day Celebrations

विज्ञान एवं पर्यावरण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
क्या हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण उतपन्न करने में अपना बेहतर योगदान कर रहे हैं? - बवेजा
28 फरवरी को मनाया जाता हैं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : 
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैम्प में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2018 गतिविधियों के अंतर्गत विभिन्न विज्ञान कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय में विज्ञान सेमिनार, प्रश्नोत्तरी  व विज्ञान मॉडल मेकिंग प्रतियोगिता शुभारंभ प्रधानाचार्य श्री परमजीत गर्ग ने किया। सेमिनार में सी वी रमन विज्ञान क्लब, विक्रम साराभाई विज्ञान क्लब, जामुन इको क्लब, हरियाणा विज्ञान मंच के कार्यकर्ताओं, एन एस एस व एन सी सी के सदस्यों भाग लिया। यहां एक विज्ञान एवं पर्यावरण क्विज का भी आयोजन किया गया जिसमें 81 बच्चों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत के महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन की महान खोज जो 'रमन प्रभाव' के नाम से जानी जाती है की उद्घोषणा तिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 
सभी प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को पुरस्कारों व प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया जाएगा।
पर्यावरण क्विज का भी आयोजन किया गया जिसमें 81 बच्चों ने भाग लिया।
लेकिन क्या हम इस कर्तव्य की पूर्ति कर रहे है? बवेजा ने कहा कि विज्ञान अध्यापक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम बच्चों और उनके अभिभावकों को अंध्विश्वासों और हानिकारक रूढ़िवादी गतिविधियों से बचाये और उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करें व समाज को सही दिशा प्रदान करें।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत के महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन की महान खोज जो 'रमन प्रभाव' के नाम से जानी जाती है की उद्घोषणा तिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

मौके पर विद्यालय के अध्यापक प्राध्यापक अरुण कैहरबा, सेवा सिंह, आलोक ढोंढियाल, अनुराधा रीन, चंचल रानी, रजनी शर्मा, दिलीप सिंह, जी पी सिंह, ममता शर्मा, मंजू शर्मा, सरिता काम्बोज, वंदना रानी, चंद्रशेखर, पंकज मल्होत्रा, राकेश मल्होत्रा, वीरेंद्र कुमार, धर्मपाल राठौर, श्याम कुमार, सुरेश रावल, अर्चना काम्बोज, मोनिका, शशि बाला, पूनम, मीनाक्षी, संतोष, ज्ञान चंद, ओमप्रकाश, नरेश शर्मा, अनिल गुप्ता, विपिन कुमार, सचिन सिंगला भी मौजूद रहे।

Darshan Lal Baweja
Science Teacher Cum Science Communicator
Secretary C V Raman VIPNET science Club VP-HR 0006 (Platinum category Science club-2017)  Yamuna Nagar
Distt. Coordinator NCSC-DST, Haryana Vigyan Manch Rohtak, Science Blogger,
Master Trainer for Low/Zero Cost Science Experiments, Simple Science Experiments, TLM (Science) Developer
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Wednesday, February 21, 2018

उपग्रहीय तकनीकी से भू-प्रेक्षण पर कार्यशाला Workshop on Satellite Technology

उपग्रहीय तकनीकी से भू-प्रेक्षण पर कार्यशाला Workshop on Satellite Technology
जिला शिक्षा अधिकारी यमुनानगर
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में तरक्की व करियर की अपार संभावनाएं- आनन्द चौधरी
सेटेलाइट टेक्नोलॉजी पर एकदिवसीय कार्यशाला व प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी।
डॉ मनोज यादव वरिष्ठ वैज्ञानिक
हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, हिसार के  वैज्ञानिकों ने दिया प्रशिक्षण।
विद्यालय के बच्चों व अध्यापकों में अंतरिक्ष विज्ञान में जागरूकता उत्पन्न करने व उन्हें उपग्रहीय तकनीकियों से वाकिफ करवाने के उद्देश्य से एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला  'उपग्रहीय तकनीकी से भू-प्रेक्षण' का आयोजन शहीद नवीन वैद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक मॉडल टाउन में किया गया।
यह कार्यशाला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर हिसार, हरियाणा विज्ञान एवं तकनीकी विभाग पंचकूला व जिला शिक्षा विभाग यमुनानगर के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित हुई। कार्यशाला का उद्घाटन जिला विज्ञान विशेषज्ञ विशाल सिंघल व जिला गणित विशेषज्ञ मोमन राम (कार्यक्रम संयोजक) ने किया।
प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम चरण में हारसेक, हिसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर मनोज यादव ने उपस्थित विज्ञान व भूगोल प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को सेटेलाइट तकनीक व उनके अनुप्रयोगों से परिचित करवाया। डॉ मनोज यादव ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिये जीपीएस सिस्टम, रिमोट सेन्सिंग, मौसम-जलवायु मोनीटरण, अंतरिक्ष अन्वेषण, उपग्रहीय सैन्य सहायता, भारतीय मंगलयान कार्यक्रम, सेटेलाइट नेविगेशन, उपग्रह प्रक्षेपन एवं दूरसंचार के क्षेत्र में सेटलाइट टेक्नोलॉजी बारे प्रशिक्षण दिया। डॉ यादव ने अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित
जिला विज्ञान विशेषज्ञ
कार्यशाला के दूसरे चरण में एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 97 बच्चों ने भाग लिया। प्रश्नोत्तरी में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम व उपग्रह अनुप्रयोगों से सम्बन्धित प्रश्न पूछे गए।
इस अवसर पर एक वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 22 प्रतिभागियों ने अपने वक्तव्यों द्वारा सेटेलाइट तकनीकी मानवता के लिए वरदान विषय के पक्ष एवम विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किये।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में आर्यन रावमा विद्यालय बुढ़िया ने प्रथम, सिमरन शिव ओम हरि ओम पब्लिक स्कूल ने द्वितीय, याचना राकवमा विद्यालय यमुनानगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वादविवाद प्रतियोगिता में सलीम राविमा विद्यालय व सोनाली एस डी पब्लिक स्कूल जगाधरी ने प्रथम, याचना राकवमा विद्यालय यमुनानगर  व तन्नू सोनाली एस डी पब्लिक स्कूल जगाधरी ने द्वितीय व रजत विद्यावन्ति पब्लिक स्कूल व आर्यन रावमावि बुढ़िया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
जिला शिक्षाअधिकारी श्री आनन्द चौधरी व प्रधानचार्य डॉ सुनील काम्बोज ने विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। जिला शिक्षा अधिकारी आनन्द चौधरी ने अपने धन्यवाद संबोधन में कहा कि हारसेक हिसार व इसरो द्वारा इस कार्यशाला को यमुनानगर जिले में करवाने के लिए जिला शिक्षा विभाग उनका आभार व्यक्त करता है और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम यमुनानगर में करवाये जाने के लिए निमंत्रण देता है।  हिंदी प्रवक्ता अरुण कुमार कैहरबा ने उपस्थित प्राध्यापकों, अध्यापकों, विद्यार्थियों व आयोजको के लिए धन्यवाद धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा।
कार्यक्रम में विशाल सिंघल, जयकुमार गोयल, सुभाष कालीरमन व दर्शन लाल बवेजा ने निर्णायक मंडल में अपनी भूमिका अदा की।
कार्यक्रम में हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर हिसार से सहायक वैज्ञानिक डॉ कपिल रोहिल्ला , अंकुर शर्मा व तकनीकी सहायक नंद लाल व जिले भर से 26 विद्यालयों के तीस प्राध्यापक भी मौजूद रहे।
अखबारों में



                   
Darshan Lal Baweja
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Monday, February 12, 2018

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस National Deworming Day

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस National Deworming Day
विज्ञान क्लब सदस्य 
बच्चों को कृमिनाशक गोली बारे किया जागरूक
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर विद्यालय के  1600 बच्चों को दी जाएगी एल्बेंडाजोल की चबा कर खाएं जाने वाली गोली।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैम्प यमुनानगर में  राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने  बच्चों को पेट में पाए जाने वाले कीड़ों (कृमियों) के कारण, हानियों व उनसे बचाव के उपायों बारे जागरूक भी किया।
विद्यालय के विज्ञान क्लब, इको क्लब व एनएसएस, एनसीसी के सदस्यों के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विचारगोष्ठी का आरम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य  परमजीत गर्ग ने किया। उन्होंने बताया कि देश भर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल डीवार्मिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में विद्यालय के बच्चों को दस फरवरी को कृमिनाशक एलबेंडाजॉल की चबा कर खाएं जा सकने वाली एक एक गोली दी जाएगी। जिससे वो पेट के कीड़ों से बचे रहेंगे। जो बच्चे छूट गए हैं उनको 15 फरवरी को यह दवाई दी जायेगी।
विद्यालय के विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बताया कि बच्चो में इनसे संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक होता है। इनसे सभी आयु वर्गों  बड़े या बच्चे, सभी को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है।  राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर विद्यार्थियो को जिनकी आयु 1 वर्ष से 19 वर्ष तक है को कृमिनाशक गोलियां खिलाई जा रही है। अभी विशेषकर गोलकृमी एस्केरिस की दवाई दी जा रही है जिसको खाने से बच्चे इस कृमि के अटैक से बचे रह सकते हैं। कुपोषित बच्चे के पेट में कृमि होने की अधिक संभावना होती है। 
क्या होते हैं पेट के कीड़े?
पेट के कीड़े असल में परजीवी होते हैं जो हमारे शरीर में रह कर शरीर से ही अपना पोषण पाते हैं। गोल कृमि (एस्केरिस), फीता कृमि, हुकवार्म, लिवेरफ़्लूक, पिनवार्म, फाइलेरिया वार्म सब  परजीवी हैं जो जीवों के शरीर में रह कर अपना पोषण करते हैं और फलस्वरूप अन्य जीवों को बीमार कर देते हैं।
इनके सक्रमण के कारण।
खुले में मल त्याग, भोजन से पहले हाथों का अच्छे से ना धोया जाना, सब्जी फलों को बिना धोये खाना, नंगे पैर चलना, दूषित जल को पीना, भोजन को ढ़क कर न रखना  आदि बहुत से कारण हैं जिस वजह से इन कृमियों के अंडे मानव शरीर में पहुँच जाते हैं। जीवों के मल के साथ इनके अंडे शरीर के बाहर आते है और फिर विभिन्न माध्यमों से अन्य जीवों के शरीर में पहुँच जाते हैं।  बाजार में बिना ढके खाद्य पदार्थ भी धूल मिट्टी के कारण इनके अण्डों से दूषित हो जाते हैं। खुले में रखे पदार्थों को नहीं खाना चाहिए।
संक्रमण के लक्षण
इन कृमियों से पीड़ित बच्चों को आम तौर एनिमिक पाया जाता हैं। इनमे खून की कमी होती है। ये पेट के कीड़े ही बच्चों में खून की कमी और एनिमिया का कारण बनते है। खुराक लेने के बाद भी बच्चे कमजोर व पीतवर्ण लगते हैं। कुपोषित, चिड़चिड़ा व्यवहार प्रकट करते हैं।
बच्चों में कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की आदत को विकसित किया जाना जरूरी है। सब्जियों को अच्छे से धोकर पका कर खाना चाहिए। फलों को भी धोकर खाना चाहिए।
इस अवसर पर प्रवक्ता रोहताश राणा, अरुण कुमार कैहरबा, सेवा सिंह, आलोक कुमार, चंद्रशेखर, वीरेंद्र कुमार, अनुराधा रीन, दलीप दहिया, ममता शर्मा, पंकज मल्होत्रा भी उपस्थित रहे।
मीडिया की माध्यम से भी जागरुकता संदेश प्रचारित किये गए।
अखबारों में




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Friday, February 02, 2018

कल्पना चावला को श्रद्धांजलीं A Tribute to Kalpana Chawla

कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलीं अर्पित की, कुरुक्षेत्र के कल्पना चावला तारामंडल में उनकी याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।
दिवंगत अंतरिक्ष वैज्ञानिक व महिलाअंतरिक्ष यात्री डॉ कल्पना चावला को श्रद्धांजलि देने के लिए कल्पना चावला मेमोरियल तारामंडल कुरुक्षेत्र हरियाणा में आयोजित कार्यक्रम में यमुनानगर से विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल व गौरव कुमार ने भाग लिया।
दोनों विज्ञान अध्यापकों ने यहां पर 'द ट्रिब्यूट टू कल्पना चावला' कार्यक्रम में श्रद्धांजलीं देने जिले भर से विद्यार्थी व अध्यापकों के साथ कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धा पुष्प अर्पित किए।
विद्यालयी बच्चों ने स्पेस, सौर मंडल, उनके जीवन व अन्तरिक्ष यात्रा पर पेंटिंग बना कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर व्याख्यान, सरल विज्ञान प्रयोग, पावर पॉइंट प्रजेंटेशन, डॉ कल्पना चावला के जीवन से संबंधित फ़िल्म सहित अंतरिक्ष यात्री व अंतरिक्ष यात्रा संबंधित शो भी हुआ।
रिसोर्स पर्सन के रूप में दर्शन लाल बावेजा ने उपस्थित अध्यापकों व विद्यार्थियों को सरल विज्ञान प्रयोग करके दिखाए।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी रहे विद्यार्थियों, अध्यापकों को जिला शिक्षा अधिकारी कुरुक्षेत्र डॉ नमिता कौशिक व जिला विज्ञान विशेषज्ञ श्री सुरेंद्र सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। तारामंडल के क्यूरेटर सुमित कुमार व शैक्षणिक अधिकारी संजीव शर्मा ने उपस्थित बच्चों, अध्यापको व मेहमानों को कल्पना चावला के जीवनी से परिचित कराया और अंतरिक्ष, खगोल व प्राचीन भारतीय काल समय गणना के विभिन्न पहलुओं से परिचित करवाया।
अपने बच्चों को जरूर ले जाएं यहां
डॉ कल्‍पना चावला ने देश को अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से हरियाणा और देह को गौरवान्‍वित किया। कल्‍पना चावला का जन्‍म हरियाणा के करनाल में हुआ था। हरियाणा कौंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पंचकूला ने कल्‍पना चावला मेमोरियल प्‍लानेटेरियम को उनकी याद में उन्‍हे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बनवाया था। उनकी मृत्‍यु अंतरिक्ष यात्रा से वापसी के समय एक दुर्घटना में हो गई थी। इस तारामंडल में उनके जीवन से जुड़ी कई बातों और उनके अंतरिक्ष कॅरियर के बारे में जानकारी दी गई है।इस इमारत को अति आधुनिक तरीके से अल्‍ट्रा - मॉर्डन ऑप्‍टो मैकेनिकल और डिजीटल प्रोजेक्‍ट्रर्स के हिसाब से बनाया गया है और इस तारामंडल के चारों ओर लेटेस्‍ट साउंड सिस्‍टम को लगाया गया है। यह इमारत बारह मीटर गुंबद से बनी है जहां एक दिशा में सौ से भी अधिक पर्यटक एक साथ बैठ सकते है। यह तारामंडल, पूरी तरह से वातानुकूलित है और यहां दो कार्यक्रम दिखाए जाते है जिनके नाम एस्‍ट्रोनॉट और ओसिस है जिनमें अंतरिक्ष के बारे में आम जनता को जानकारी दी जाती है।
इस तारामंडल में एक परमानेंट गैलरी है जो अंतरिक्ष के बारे में कई कार्यक्रमों को दिखाती है जैसे समय यात्रा, दिन व रात, सौरपरिवार के विभिन्न ग्रहों पर आपका भार कितना होगा, सेशन ऑन अर्थ, विश्व घड़ी, अवर एड्रेस इन यूनीवर्स, हमारा सौरपरिवार, सौरपरिवार से आगे क्या है, खगोल प्रश्नोत्तरी,विभिन्न तारा मंडल और राशि चिन्ह आदि। गैलरी का एक विशेष हिस्‍सा तस्‍वीरों से भरा पड़ा है जिसमें डा. कल्‍पना चावला के जीवन से जुडे कई पलों की तस्‍वीरें लगी हुई है।
वहां के शैक्षणिक अधिकारी व कर्मचारी बहुत लगन के साथ विभिन्न गतिविधियों को समझाते हैं।
अखबारों में


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