Thursday, December 28, 2017

25वीं राबाविका रिसोर्स पर्सन्स कार्यशाला 25 NCSC Resources person's training workshop

25वीं राबाविका रिसोर्स पर्सन्स कार्यशाला यमुनानगर 25 NCSC Resources person's training workshop 
(जुलाई 2017 में आयोजित हुई)
डॉ विजय दहिया
प्रधानाचार्या शशि बाठला
व्यक्तिगत व समुदायिक स्वच्छता को जागरूक करते प्रोजेक्ट बनाएं बाल विज्ञानी : डॉ विजय दहिया
विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से बच्चे स्थानीय समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें : शशि बाठला
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एन सी एस सी) की एकदिवसीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई और यह विज्ञान सम्मेलन अक्टूबर माह में होगा।
मुकंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी मे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की गाइड टीचर ट्रेनिंग वर्कशाप आयोजित हुई जिसमे जिले के निजी व राजकीय विद्यालयों के 80 विज्ञान अध्यापकों और प्राध्यापकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न विषयों के रिसोर्स पर्सन्स ने उपस्थित विज्ञान अध्यापकों को ‘टिकाऊ विकास के लिए विज्ञान, तकनीकी और नवाचार’ विषय पर अध्यापकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षित किया। 
विद्यालय की प्रधानाचार्या शशि बाठला ने उपस्थित विज्ञान अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से विज्ञान प्रोजेक्ट बनाने से बच्चे अपने आसपास की सामान्य व गंभीर समस्याओं से रूबरू होते हैं और वो उनका हल निकलने का प्रयत्न करते हैं जिससे वो विज्ञान को नजदीकी से समझ पाते हैं। विज्ञान प्रोजेक्ट करने से बच्चों के सर्वांगीण विकास को बल मिलता है। 
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में सिविल हस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विजय दहिया ने उपस्थित अध्यापकों को स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण विषय पर अपना व्यख्यान दिया। डाक्टर दहिया ने बताया कि स्वस्थ शरीर धनदौलत से भी बड़ी आवश्यकता है। व्यक्तिगत स्वच्छता, उचित पोषण, मानसिक प्रसन्नता के साथ साथ सामुदायिक स्वच्छता भी महत्वपूर्ण आवश्यकता है। 
डाक्टर दहिया ने अध्यापकों से बच्चों को सीवरेज ड्रेनेज ओर वाटर सप्लाई पाइप्स की पुनर्व्यवस्था पर परियोजना बनाने का आव्हान भी किया। 
 दर्शन लाल बवेजा
मुख्याध्यापक प्रदीप सरीन
जिला समन्वयक दर्शन लाल बवेजा ने बताया की हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक द्वारा आयोजित इस विज्ञान सम्मेलन में बालक अपने परियोजना शोधपत्रों को साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने आज यह आव्हान किया की प्रत्येक विज्ञान अध्यापक/ प्राध्यापक को विज्ञान शिक्षण के साथ साथ विज्ञान संचारक भी बन जाना चाहिए। देश को विज्ञान चेतना की अति आवश्यकता है। शिक्षण को मात्र रोजगार का साधन मत बनाएं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए विज्ञान को जन आन्दोलन बनाएं और विज्ञान संचार की मुहीम से जुड़ें। गौरव कुमार ने ने टिकाऊ विकास और कृषि विषय पर बच्चों से प्रोजेक्ट करवाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया की मिटटी की जांच, फसल चक्र, कीट पाठशाला, मांगअनुरूप फसल उत्पादन, कीटनाशकों के आर्गेनिक विकल्पों, फ़ूड प्रोसेसिंग, देसी खाद, बीजों की वेरायटी और सामूहिक खेती पर बच्चों को परियोजनाएं तैयार करवाने की बहुत आवश्यकता है। 
मंडेबरी के राजकीय उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापक प्रदीप सरीन ने खाद्य व कृषि विषय पर अपना व्यख्यान दिया। आवश्यकतानुसार और भूख मिटाने जितना भोजन ही थाली में ले ताकि भोजन व्यर्थ न जाये। 
बुड़िया से प्रवक्ता रसायन सुमन शर्मा ने प्राकृतिक संसाधन और टिकाऊ विकास विषय पर बच्चो से प्रोजेक्ट बनवाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने नदियों, पहाड़ों, जंगलों, खनिज भंडारों और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और संवर्धन करने की आवश्यकताओं पर बल दिया। 
तेजली से गणित अध्यापक श्रीश कुमार शर्मा ने टिकाऊ विकास में परम्परागत तरीकों और देशज विधियों पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने गत वर्ष के एक प्रोजेक्ट का वर्णन भी किया। 
गत वर्ष की विजेता ग्रुप लीडर प्रभनूर कौर कक्षा आठ ने अपनी टीम के साथ एक परियोजना की प्रस्तुती दी जिससे उपस्थित अध्यापकों को प्रोजेक्ट बनाने की बारीकियां पता लग सकी। 
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदीप सरीन, आर पी गांधी, दीपक शर्मा, दीपिका , राकेश कुमार, ममता वर्मा, मंजू आर्या, पूजा कालरा, छाया सैनी, विशाल, मनदीप कौर, अभिषेक वर्मा, हरदीप सिंह, सोनू, निधि बंसल स्मृति शर्मा आदि मौजूद रहे।








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