राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला 24th NCSC Workshop for Teachers
विज्ञान
गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक - अनीता काम्बोज
राष्ट्रीय
बाल विज्ञान कांग्रेस की शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न,यह बाल विज्ञान
सम्मेलन अक्टूबर में होगा
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल सेक्टर 17 जगाधरी में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की गाइड टीचर ट्रेनिंग
वर्कशाप आयोजित हुई जिसमे जिले के निजी व राजकीय विद्यालयों के 80 विज्ञान अध्यापकों और प्राध्यापकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस
प्रशिक्षण कार्यशाला में राज्य भर से आये विभिन्न विषयों के रिसोर्स पर्सन्स ने उपस्थित
विज्ञान अध्यापकों को ‘टिकाऊ विकास के लिए विज्ञान, तकनीकी और नवाचार’ विषय पर
बच्चों से प्रोजेक्ट बनाने के लिए ट्रेंड किया।
जिला समन्वयक दर्शन लाल बवेजा ने
बताया कि भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रायोजित इस विज्ञान
सम्मेलन में बालक अपने शोधपत्रों को साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने
आव्हान किया की प्रत्येक विज्ञान अध्यापक/प्राध्यापक को विज्ञान शिक्षण के साथ साथ
विज्ञान संचारक भी बन जाना चाहिए। देश को विज्ञान चेतना की अति आवश्यकता है।
शिक्षण को मात्र रोजगार का साधन मत बनाएं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का
निर्वहन करने के लिए विज्ञान को जन आन्दोलन बनाएं और विज्ञान संचार की मुहीम से
जुड़ें।

विद्यालय
की प्रधानाचार्या अनीता काम्बोज ने उपस्थित अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि
विज्ञान के विभिन्न प्रोजेक्ट बनाने से बच्चे अपने आसपास की सामान्य व गंभीर
समस्याओं से रूबरू होते हैं और वो उनका हल निकलने का प्रयत्न करते हैं जिससे वो विज्ञान
को और नजदीकी से समझते पाते हैं। विज्ञान के प्रोजेक्ट करने से बच्चों के सर्वांगीण
विकास का बेहतर पोषण होता है। प्रधानाचार्या ने हर जिले में सार्वजनिक विज्ञान पुस्तकालयों,
वाचनालयों और प्रयोगशालाओं की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की हरियाणा
में एक साइंस सिटी जैसा विज्ञान संग्राहलय और विज्ञान केंद्र होना चाहिए जहां
बच्चों को उनकी विज्ञान सम्बंधित सभी जिज्ञासाओं का जवाब मिल सके।

इस
प्रशिक्षण कार्यशाला में सिविल हस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विजय
दहिया ने स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण विषय पर अपना व्यख्यान दिया। डाक्टर दहिया
ने बताया कि व्यक्तिगत स्वच्छता जितनी आवश्यक है उतनी ही आवश्यक सामुदायिक
स्वच्छता भी है। समाज और कारपोरेट दोनों वर्गो को चाहिए कि चिकित्सा के सामुदायिक
केन्द्रों में आवश्यक सहूलियतों को बढ़ावा देने के लिए कोंट्रीब्यूट्री विधि
अपनायें। हस्पतालों को जो सुविधाएं चाहिए, स्कूलों को जो आवश्यकताएं है उनको दान
या सहयोग से पूरा करें। ग्रामीण आपसी सहयोग से गांव के बीमार व्यक्तियों को आपातकालीन
जैसी स्थिति में जिला स्तर या पीजीआई तक पहुंचाने की व्यवस्था कर सकते हैं जिससे
बीमार की जान को बचाया जा सके। उन्होंने अध्यापकों को व्यक्तिगत और सामुदायिक
स्वच्छता पर सर्वे और प्रयोगात्मक प्रोजेक्ट बनवाने के लिए प्रेरित किया और टिकाऊ
विकास के तहत हस्पतालों और स्कूलों के भवनों की मुरम्मत को कारसेवा जैसे सामुदायिक
सहयोग वाले तरीके से हल किया जाए और इसके लिए स्थानीय समितियां बने सम्बन्धित
प्रोजेक्ट बच्चो को बनवाये जाए।

हिसार कृषि
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डाक्टर महावीर नरवाल ने टिकाऊ विकास और कृषि विषय पर
बच्चों से प्रोजेक्ट करवाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया की मिटटी की जांच,
फसल चक्र, कीट पाठशाला, समयानुसार व मांगनुसार फसल उत्पादन, कीटनाशकों के आर्गेनिक
विकल्पों, फ़ूड प्रोसेसिंग, देसी खाद, बीजों की वेरायटी और सामूहिक खेती पर बच्चों
को परियोजनाएं तैयार करवाने की बहुत आवश्यकता है।
डी ए वी
गर्ल्स कालेज से डाक्टर ईनाम मुहम्मद ने खाद्य व कृषि विषय पर अपना व्यख्यान दिया।
डाक्टर ईनाम ने दालों और तिलहन की फसलों के लिए माहौल तैयार करने सम्बंधित हरियाणा
को चार जोन में बाँट कर बहुत ज्ञानवर्धक कृषि बटवारा प्रस्तुत किया। उनके अनुसार
बच्चे किसानो को प्रेरित करें कि अब गैर परम्परागत खेती को अपनाना समय की मांग है
और किसान देश/विदेश का कृषि पर्यटन के तहत भ्रमण करें और कृषी नवाचार को अपनाएँ।

हरियाणा
विज्ञान मंच रोहतक के सचिव व एनसीएससी के राज्य सयोंजक श्री सतबीर नागल ने विज्ञान
को बच्चों की पहुँच तक लाने में राष्ट्रिय बाल विज्ञान सम्मेलन के उद्देश्यों को अध्यापकों
के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस को महज प्रतियोगिता बनाकर ना
देखा जाए आवश्यकता है कि इस इवेंट का प्रयोग बच्चों को विज्ञान के निकट लाने और
विज्ञान को बच्चों की पहुँच तक लाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने बाल विज्ञान
कान्ग्रेस की नियमावली से भी अध्यापक प्रशिक्षुओं को अवगत करवाया। श्री नागल ने
बताया कि हरियाणा विज्ञान मंच एक वोलियेंटरी साइंस पोपुलराईजेशन संस्था है जो आपसी
सहयोग से हर फिल्ड के एक्सपर्ट विद्वानों की स्वेच्छिक सेवायें लेकर एक बेहतर
वैज्ञानिक माहौल तैयार करने के लिए कार्यरत है जिससे कि मानवता की भलाई हो सके।

जिला
विज्ञान विशेषज्ञ डाक्टर सुनील कुमार काम्बोज ने आपदा प्रबंधन विषय पर प्रोजेक्ट
बनाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि 14-15 जुलाई व उसके बाद की दो बरसातों ने यमुनानगर के हालात दो तीन घंटों के लिए
आपातकालीन प्राकृतिक हालातों जैसे बना दिए थे जिससे लिए समाज और सम्बन्धित महकमे
हतप्रभ रह गए और सोचने पर मजबूर हो गए कि भविष्य में किसी बड़ी आपदा से वो कैसे लड़
पायेंगे। उन्होंने बच्चों को शहर के बेहतर व नवाचारी मास्टर प्लान पर बच्चों को
प्रोजेक्ट करवाने का आव्हान किया जिससे कि बच्चे अपनी समस्याओं का बेहतर हल प्रदान
कर सकें।
रसायन
विज्ञान के अध्यापक गौरव वालिया ने ऊर्जा टिकाऊ विकास के संदर्भ में अपना व्यख्यान
दिया। उन्होंने ऊर्जा के नवीकरणीय साधनों के उपयोग और दैनिक जीवन में ऊर्जा की
कटौती करने पर प्रोजेक्ट वर्क करवाने के लिए अध्यापकों को प्रशिक्षित किया।
प्रवक्ता
रसायन सुमन शर्मा ने प्राकृतिक संसाधन और टिकाऊ विकास विषय पर बच्चो से प्रोजेक्ट
बनवाने का प्रशिक्षण दिया।
उन्होंने नदियों, पहाड़ों, जंगलों, खनिज भंडारों और
पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और एनरिच करने की
आवश्यकताओं पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि उतना खोदो, उतना काटो, उतना दोहो की आने
वाली पीढ़ियाँ भी उन नेमतों का उपयोग कर
सकें जो प्रकृति ने सबके लिए बराबर प्रदान की हैं।
मनुष्य अपने भविष्य को कब्रासीन
न कर पाए ऐसे प्रयास किये जायें। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग
पर प्रोजेक्ट करवाने सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान किया।
गणित
अध्यापक श्रीश कुमार शर्मा ने टिकाऊ विकास में परम्परागत तरीकों और देशज विधियों
पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया की खाद्यानो के भंडारण, जल के उचित
भंडारण, कम जल की खेती के देशज उपाय, खाद्य पदार्थों की गुणवता और उसमे मिलावट के
देशी तरीके, दादी माँ के नुस्खे और रसोईघर
को बनाओ ओषधालय, आत्मरक्षा के देशज तरीके, गणनाओं के परम्परागत तरीकों पर बच्चों
को परियोजनाएं बनवाने के लिए अध्यापक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया।
गत वर्ष की
विजेता ग्रुप लीडर श्रेया केसवानी ने अपनी टीम के साथ एक परियोजना की प्रस्तुती भी
दी जिससे उपस्थित अध्यापकों को प्रोजेक्ट बनाने की बारीकियां पता लग सकी।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदीप सरीन, जरनैल
सिंह सांगवान, डाक्टर विजय त्यागी, सुरेन्द्र गोयल, प्रोफेसर के सी ठाकुर, आर
पी गांधी, राजकुमार धीमान, दीपक शर्मा,
विकास पुंडीर, ज्योतिका डांग, अश्वनी गर्ग, दीपिका देशवाल, राकेश कुमार, मंजू
आर्या, पूजा कालरा का सहयोग सराहनीय रहा।
अखबारों में
Darshan
Lal Baweja
Science
Teacher Cum Science Communicator
Secretary C V Raman Science Club Yamunanagar
Distt.
Coordinator NCSC, Haryana Vigyan Manch Rohtak
Master
Trainer for Low/Zero Cost Science Experiments And Hobby Development
09416377166
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