Monday, September 28, 2015

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस IISER Mohali Foundation Day

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस IISER Mohali Foundation Day 
जिले के अध्यापकों ने विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस पर शिरकत की
मूल विज्ञान शिक्षा के इस अग्रणी संस्थान में यमुनानगर की छात्रा शिवांगी कर रही है मास्टर आफ साइंस डिग्री
यमुनानगर से विज्ञान अध्यापकों एवं प्राध्यापकों का एक प्रतिनिधि मंडल रसायन विज्ञान प्रवक्ता उमेश खरबंदा के नतृत्व में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मोहाली पंजाब (आई आई एस ई आर) के अष्टम स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मोहाली पहुंचा। इस दल में विज्ञान प्रवक्ता अजय धीमान, सुदेश यादव, राकेश मल्होत्रा, राकेश मक्कड़ विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल, रजनी खरबंदा के साथ रजत, हर्षित और शिवांगी ने भी भाग लिया। उमेश खरबंदा ने बताया की विज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में शोध तथा उत्कृष्ट उच्च शिक्षा हेतु भारत सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से वर्ष 2007 में भारतीय विज्ञान शिक्षा एंव अनुसंधान संस्थान मोहाली पंजाब की स्थापना की थी। 
तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष संस्थान के स्थापना दिवस पर दूर दूर से विज्ञान अध्यापको और विद्यार्थियों को संस्थान अवलोकन के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां पर आज के दिन बहुत सी प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनियों व वैज्ञानिकों से मुलाकात कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमे अभिभावक और बच्चे भाग लेकर विज्ञान शिक्षा की तरफ प्रेरित होते हैं।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बताया की आज हर बालक इंजीनियर बनना चाहता है जबकि देश को आज वैज्ञानिकों, प्रोफेसर्स और अनुसंधानकर्ताओं की सख्त आवश्यकता है इसलिए हमे बेसिक साइंस की पढ़ाई को भी बढ़ावा देना होगा जिसके लिए भारत सरकार ने मोहाली में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का संस्थान स्थापित किया हैं
जहां से विद्यार्थी विज्ञान में मास्टर आफ साइंस की डिग्री और साथ में ही डाक्टरेट की डिग्री भी कर सकते है। इसके बाद भारत सरकार के व निजी क्षेत्र के संस्थानों में ऊँचे ओहदों पर पदस्थ हो सकते हैं।
प्रवक्ता अजय धीमान, सुदेश यादव व राकेश मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया की संस्थान में विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं हैं, केवल स्थापना दिवस के दिन ही अथितियों के अवलोकनार्थ खोली जाती हैं अन्यथा बाह्य प्रवेश वर्जित है और वहां के विद्यार्थी इस दिन अपने शोधकार्यों और माडल्स का प्रदर्शन अथितियों के समक्ष करते हैं विज्ञान विभाग अपनी प्रदर्शनियों का आयोजन करते हैं जिन्हें देख कर संस्थान में विश्व स्तरीय शिक्षा का सहसा ही आभास हो जाता है।
यहां आठ सौ विद्यार्थी बारहवी कक्षा के बाद पांच वर्षीय मास्टर आफ साइंस की डिग्री व बाद में डाक्टरेट डिग्री और समेकित डाक्टरेट डिग्री भी कर सकते हैं, आइ आइ टी की बराबरी के कहे जाने वाले इस तरह के भारत में केवल पांच ही संस्थान हैं। इस संस्थान में पढ़ रहे प्रत्येक विद्यार्थी को पहले दिन से ही स्कोलरशिप दी जाते है और यहाँ शिक्षा प्राप्त करने का पूरा खर्च भी सरकार ही उठाती है।
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