Sunday, December 13, 2015

बदलता मौसम बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक Research by Students

बदलता मौसम बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक
विज्ञान सम्मेलन के लिए शोध कार्य कर रहे हैं बाल विज्ञानी  
राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन की परियोजना में बाल विज्ञानियों ने केस स्टडी द्वारा जाना कि मौसम के बदलाव बच्चों को क्यों बीमार करते हैं
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल सेक्टर सत्रह जगाधरी के कक्षा छह से आठ के पांच बाल विज्ञानियों ने दो महीने से भी अधिक समय में विभिन्न केस स्टडी के जरिये यह जानने का प्रयत्न किया कि शून्य से दस वर्ष के बच्चों को मोसम व जलवायु का बदलाव किस प्रकार प्रभावित करता है श्रेया केस्वानी, अक्षिता चौहान, अंजली वर्मा, प्रभनूर कौर व अनन्या केस्वानी की टीम ने इस विज्ञान परियोजना को शुरू किया इस टीम ने सरोजिनी कालोनी, हुडा सेक्टर अट्ठारह में सर्वेक्षण करके ऐसे बच्चों को खोजा जो की अक्सर जल्दी जल्दी बीमार होते रहते हैं और उनकी हिस्ट्री अल्पसामयिक रुगणता वाली है इन बाल विज्ञानियों ने अपने केस बालक का पिछ्ला सारा मेडिकल रिकार्ड खंगाला और दिनवार डाटा एकत्र किया और उनके इलाज करने वाले से डाक्टर्स से भी मिलेइस प्रकार इन्होने बच्चे के द्वारा ली गयी दवाइयों का डाटा भी एकत्र किया और यह ज्ञात किया की उनके केस बालक ने प्रतिवर्ष कितना एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयों को खाया व लम्बे समय तक प्रतिजैविक लेने पर उत्पन्न साइड इफैक्टस को भी पहचाना
इस टीम ने प्रत्येक बच्चे की शारीरिक गतिविधियों और आई क्यू को भी विभिन टेस्ट्स के द्वारा जांचा और बच्चे का साक्षात्कार भी लियाबालक की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को जांचा इस टीम के सदस्यों ने बच्चे के अभिभावकों का साक्षात्कार भी लिया, जिसमें उन्होंने जाना की उक्त वर्णित बालक केवल तभी बीमार पड़ता था जब मौसम में तब्दीली आती थी या फिर मौसम की अपनी चरम स्थिति होती थी इस टीम के सदस्यों ने विद्यालय में एक परामर्श बैठक का भी आयोजन किया जिस में इन्होने बताया की किस प्रकार बच्चों को मौसम में बदलाव शुरू होते ही अपने पहनावे और खानपान में भी बदलाव शुरू कर देने चाहियें  
इन्होने बताया की इन कमजोर प्रतिरक्षण वाले बच्चों के माता पिता को इनकी  खुराक में पौष्टिक व रोग प्रतिरोधक पदार्थों जैसे शहद, आंवला कैंडी, अज्वैन, इलायची, अदरक, गिलोय, बादाम, खसखस, हींग, हल्दी, तुलसी व चाय आदि का सेवन करावाना चाहिए कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम का उपभोग निश्चित समय पर ही करना चाहिएगर्मियों में डेजर्ट कूलर कमरे में नमी आद्रता को बढ़ाता जिस कारण ये बच्चे जल्दी वायरल बुखार की गिरफ्त में आ जाते हैं सर्दियों की शुरुवात में यानी कि आजकल जिस प्रकार का मौसम हैं इस मौसम में बच्चे शुरुवाती सर्दी, जुखाम, हल्का बुखार जैसे जोखिम से जकड़े जा रहे हैं वर्षा (अक्टूबर और नवम्बर की) व मानसून की शुरुआत में इस प्रकार के बच्चे वायरल बुखार व डायरिया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं
विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता काम्बोज व जिला समन्वयक दर्शन लाल ने इन बच्चों की इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट को सुना व फिर एकत्र किये गए आंकड़ों और  निष्कर्षों की विश्वसनीयता को जांचा व इन बच्चों के द्वारा निकाले गए निष्कर्षों के आधार पर कहा कि बच्चों में इस प्रकार परियोजना उनको मूल विज्ञान व शोध आधारित कोर्सिज,  डिग्री व डिप्लोमा करने के लिए प्रेरित करता है जिसकी कि देश को बहुत आवश्यकता है इस टीम की मार्गदर्शिका अध्यापिका रीना मल्होत्रा और मिस मोर्ग्रेट ने इस टीम की कार्यप्रणाली व उत्साह की मुक्त कंठ से प्रसंशा की और टीमवर्क की सरहाना की। रास्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन बीस नवम्बर को जगाधरी स्थित नेशनल बहुतकनिकी कालेज में होगा जहां ये टीम अपनी परियोजना के शोधपत्र को प्रमाणों के साथ किया रो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए। 
अखबारों में 

Darshan Lal Baweja
Science Teacher Cum Science Communicator
Secretary C V Raman Science Club Yamunanagar
Distt. Coordinator NCSC, Haryana Vigyan Manch Rohtak
09416377166
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Tuesday, November 24, 2015

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉंग्रेस सम्पन्न Distt Level NCSC-15

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉंग्रेस सम्पन्न
श्रेया, प्रतीक, अक्षिता, प्रिंस की टीमें राज्यस्तरीय विज्ञान सम्मेलन के लिये चयनित
बाल वैज्ञानिकों ने मौसम और जलवायु सम्बन्धित शोध पत्र प्रस्तुत किए
नैशनल कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक जगाधरी में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉंग्रेस सम्मलेन का आयोजन किया गया। यह विज्ञान कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली, एनसीएसटीसी नेटवर्क, हरियाणा राज्य
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग पंचकूला, जिला विज्ञान लोकप्रियकरण समिति, महर्षि वेद व्यास शिक्षण संस्थान तथा हरियाणा विज्ञान मंच, रोहतक के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित किया गया। विज्ञान कॉंग्रेस सम्मेलन का शुभारम्भ महर्षि वेदव्यास शिक्षण संस्थानों के चैयरमैन श्री राज लूथरा और सचिव श्री धीरज लूथरा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। 
इस कार्यक्रम में जिला शैक्षिक समन्वयक जेएस सांगवान, प्रदीप सरीन, संजय गर्ग, नरेंद्र कुमार ढिंगड़ा, सुरेन्द्र कुमार गोयल, जिला समन्वयक दर्शन लाल बवेजा, श्रीश शर्मा तथा ओमप्रकाश सैनी ने शिरकत की। प्रधानाचार्य डॉ॰ सतीश कुमार ने अपने सम्बोधन द्वारा बाल वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन किया और कहा की यह कार्यक्रम बच्चों में विज्ञान शोध को बढ़ावा देता है जो कि उनकी वैज्ञानिक सोच को उन्नत करने के लिए उत्प्रेरक की तरह है।
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कार्यक्रम में 26 स्कूलों से 31 टीमों, 147 बाल वैज्ञानिकों और 30 गाइड अध्यापकों ने भाग लिया। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉंग्रेस सम्मेलन का इस वर्ष का मुख्य विषय मौसम और जलवायु को समझेंथा। इस प्रतियोगिता में ग्रामीण और शहरी वर्ग से सभी प्रकार के विद्यालयों के बाल वैज्ञानिक भाग लेते हैं। 
इस अवसर पर होनहार बाल वैज्ञानिक नितिन सैनी ने आपदा प्रबंधन के लिए बनायी गयी अपनी मशीन के मॉडल का भी प्रदर्शन किया और स्मार्ट सर्किट टीम के सदस्यों ने राघव व सचिन शर्मा के नेतृत्व में स्कूली बच्चों के लिए डिजाइन किये गए विज्ञान उपकरणों का भी प्रदर्शन किया।  
इस प्रतियोगिता में अक्षिता सिंघल, जिज्ञासा जिंदल, श्रेया केसवानी, स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल जगाधरी, प्रतीक, मुकन्दलाल पब्लिक स्कूल सरोजनी कॉलोनी, प्रिंस, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूड़िया, शिवानी, राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छछरौली, काजल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हरिपुर काम्बोज तथा गोमेद शर्मा, सरस्वती पब्लिक स्कूल जगाधरी का चयन राज्यस्तरीय विज्ञान सम्मेलन के लिये हुआ।
इस अवसर पर एक विज्ञान प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें
नितिन सैनी ने प्रथम स्थान व अभिनव धीमान ने दिवितीय तथा इतेश काम्बोज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी श्री आनन्द चौधरी, जिला परियोजना अधिकारी श्री रामप्रकाश तथा सर्व शिक्षा अभियान के सहायक परियोजना अधिकारी डॉ॰ धर्मवीर ने विजयी व सभी प्रतिभागी बाल वैज्ञानिकों और उनके मार्गदर्शक अध्यापकों को स्मृति चिह्न और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
जिला समन्वयक दर्शन लाल बवेजा ने बताया कि सभी चयनित टीमें 28-29 नवम्बर को डीएवी मल्टीपरपज पब्लिक स्कूल सोनीपत में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने जायेंगी। निर्णायक मंडल में प्रोफेसर केसी ठाकुर, श्री सुरेन्द्र गोयल, श्रीमती सीमा अरोड़ा तथा श्री देवराज सिंह पुंडीर शामिल थे।
इस कार्यक्रम में ज्योतिका डाँग, श्रीश बेंजवाल शर्मा, राजकुमार धीमान, ओम प्रकाश सैनी, परमजीत मेहता, पूजा कालड़ा, दीपक शर्मा, सुमन शर्मा, अमृत बेदी, दीपिका देसवाल, रजनी पुंडीर, ज्योति गर्ग, धर्मेन्द्र सिंह, खुशवन्त सिंह, प्रभजोत कौर, श्वेता सिंह तथा कपिल कुमार का सक्रिय योगदान रहा।

Darshan Lal Baweja
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Thursday, November 05, 2015

माई साइंस बॉक्स प्रोजेक्ट प्रतियोगिता My Science Box

माई साइंस बॉक्स प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में संयम की टीम प्रथम आयुषी की टीम द्वितीय  

विद्यार्थियों ने बाक्स में एकत्र किये गए विज्ञान उपकरणों से विज्ञान के प्रयोग करके दिखाए माई साइंस बॉक्स प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में 
हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक व सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल हुडा सेक्टर सत्रह के कक्षा सात के 52 विद्यार्थियों को आज साइंस बॉक्स प्रोजेक्ट के अंतिम चरण में प्रतियोगिता के जरिये सीखे गए हुनर का प्रदर्शन करने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता में कक्षा सात के विद्यार्थियों ने अपने विज्ञान बक्से में प्रशिक्षण दौरान एकत्र किये गए विज्ञान उपकरणों का बेहतर प्रयोग करते हुए कईं हैंड्स आन एक्टिविटीज करके दिखायी। इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों ने विज्ञान विषय में अपनी समझ को विकसित किया। 
विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता काम्बोज ने इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रतिभागियों को व अध्यापको को संबोधित करते हुए कहा की बच्चो के पास इस साइंस बॉक्स में जो सामान उसका और भी बेहतर उपयोग तब माना जायेगा जब प्रत्येक प्रशिक्षु बच्चा कम से कम पांच अन्य बच्चों को इस गतिविधि का प्रशिक्षण देगा है। अनीता काम्बोज ने कहा की ज्ञान एक दीपक के समान है जिसकी जोत से अन्य असंख्य दीपकों को प्रज्जवलित किया जा सकता है, प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो अपने हुनर को अपने अग्रजों को सिखाये ताकि ज्ञान कभी विलुप्त ना हो सके। 
बवेजा ने बताया की इस साइंस बॉक्स में प्रकाश के अपवर्तन, परावर्तन, विक्षेपण, बर्नौली, आर्कमडीज, न्यूटन, पास्कल, जडत्व, वायु दबाव सम्बंधित उपकरणों को शामिल करते हुए अपकेन्द्रण बल, दृष्टि भ्रम, इलेक्ट्रोनिक्स से परिचय, दिक् सूचक, घर्षण बल, अम्लीयता व क्षारीयता को जांचना, पृष्ठतनाव सम्बंधित  विज्ञान गतिविधियों को शामिल किया है। 
हरियाणा विज्ञान मंच के जिला समन्वयक दर्शन लाल ने प्रतिभागियों से कहा कि आपकी यह माई साइंस बाक्स गतिविधि आगे माई साइंस कार्नर गतिविधि में तब्दील हो जानी चाहिए। स्कूल के बाद घर पर भी अपने पाठ्यक्रम से सम्बंधित विज्ञान प्रयोगों व गतिविधियों को  दोहराने में साइंस बाक्स व साइंस कार्नर बालको की मदद करेगा।
निर्णायक के रूप में अश्विनी कुमार प्रवक्ता रसायन ने निभाई व विद्यालय की विज्ञान अध्यापिका ज्योतिका डांग, सुबुही सहगल, रीना मल्होत्रा, गौरव कुमार, विकास पुंडीर समेत दस टीम्स में 52 विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में  भाग लिया। 
इस प्रतियोगिता में संयम, आर्यन, रजत, चेतन, नकुल, सचिन प्रथम स्थान पर रहे। आयुषी, नुपुर, श्रेया, जीनत, अनिका द्वितीय स्थान पर रही। खुशी, रितिका, दीपशिखा, गजल, याशिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। ये विजयी टीम्स आगामी बीस नवम्बर को नेशनल कालेज आफ पालीटेक्निक जगाधरी में राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन में भाग लेंगे। 
अखबारों में


प्रस्तुती
Darshan Lal Baweja
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Saturday, October 10, 2015

भारत के अन्तरिक्ष में बढ़ते क़दम WSW-2015

भारत के अन्तरिक्ष में बढ़ते क़दमों से पूरी दुनिया आश्चर्यचकित शशि बाठला
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के छठे दिन आज आज स्थानीय मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी मे अंतरिक्ष में खोज और नयी तकनीक विषयों पर एक भाषण प्रतियोगिता और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का शुभारम्भ विद्यालय की प्रधानाचार्या शशि बाठला ने किया और अपने संबोधन में बच्चों को बताया कि भारत के अन्तरिक्ष में बढ़ते क़दमों से पूरी दुनिया आश्चर्यचकित है। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो नित नए रिकार्ड कायम कर रहा है जिस से विश्व के लिये भारत एक बड़ा अन्तरिक्ष बाज़ार बन रहा है। 
बहुत से देश अपने उपग्रह अब भारत से प्रक्षेपित करवा रहें है जो कि हम सब के लिए गर्व का विषय है। हमारे लिए और भी गर्व की बात है कि नासा जैसे विश्वविख्यात अन्तरिक्ष प्रतिष्ठान में भी बहुत से अन्तरिक्ष वैज्ञानिक भारतीय या भारतीय मूल के ही हैं। एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने  देश के पहले एस्ट्रोसैटउपग्रह पीएसएलवी-सी30 का प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया। 
यह भारत का पहला एस्ट्रोसैट उपग्रह है और इससे ब्रहांड को समझने और सुदूरवर्ती खगोलीय पिंडों के अध्ययन करने में में मदद मिलेगी। 513 किलोग्राम का एस्ट्रोसैट उपग्रह को 6 अन्य विदेशी उपग्रहों के साथ प्रक्षेपित किया गया, जिससे दुनिया के अन्तरिक्ष तकनीक से लैस चंद नामी देशों में भारत का नाम भी आ गया। 
इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा भी चंद्रयान, मंगल मिशन, परग्रहीय जीवन की खोज, अन्तरिक्ष कचरा और निवारण, मौसम और जलवायु नियन्त्रण पर अन्तरिक्षीय नजर, मिशन बृहस्पति, एलियन से दोस्ती, मंगल पर जल और जीवन की तलाश विषयों पर चर्चा की गयी।
बालकों ने खगोलीय घटनाओं सूर्य व चन्द्र ग्रहण आदि के अवलोकन का सामजिक, धार्मिक दृष्टि से प्रचलित अंधविश्वासों पर मंथन और निवारण विषयों पर अपने विचारों और समझ को आपस में सांझा किया। इस अवसर पर बच्चों ने जिला समन्वयक दर्शनलाल से अन्तरिक्ष विज्ञान और विज्ञान पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में कैरियर बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की।    
परिणाम

इन प्रतियोगिताओं में शालिनी भट्ट, मानवी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। आकांक्षा राणा व अमन सैनी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। पारस बतरा व यश कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।। इस कार्यक्रम मे किरण मनोचा, पूजा कालरा व ममता वर्मा सचदेवा, साक्षी सिक्का व जसप्रीत कौर अध्यापिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।

अखबारों में 

Darshan Lal Baweja
Science Teacher Cum Science Communicator
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Friday, October 09, 2015

क्ले मोडलिंग व पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता WSW-2015 competitions

क्ले मोडलिंग व पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता WSW-2015 competitions 
अंतरिक्ष में डिस्कवरी विषय पर हुई क्ले मोडलिंग व पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता  
पोस्टर का प्रदर्शन करते हुए बच्चे और साथ में प्रधानाचार्या व शिक्षिकाएं 
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत आज होली मदर पब्लिक स्कूल कांसापुर रोड़ मे विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत स्पेस डिस्कवरी थीम पर क्ले मोडलिंग, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दिन के मध्यान्ह समय को ज्ञात करने का प्रयोग (नून डे टाइम एक्सपेरिमेंट) भी करवाया गया। 
क्ले मौडलिंग कलाकृतियाँ दिखाते बच्चे 
इन प्रतियोगिताओं में बच्चों ने ग्रह, उपग्रह, धूमकेतु, आकाश गंगा, स्पेस क्राफ्ट, कृत्रिम उपग्रह, सौर मंडल की आकृतियाँ बना कर सबका मन मोह लिया। इस प्रतियोगिता का आयोजन विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह के आजोजक संगठन, स्पेस संस्था नयी दिल्ली, हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक व सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के सयुंक्त तत्वाधान में किया गया। प्रतियोगिता में अस्सी बच्चों ने विभिन्न बच्चों ने अंतरिक्ष व खगोलीय खोज विषय पर पोस्टर बनाए।
आज ही बच्चों ने भूमध्य, कर्क-मकर, अक्षांशिय, देशांतर रेखाओं का भी ज्ञान अर्जित किया। बच्चों ने विज्ञान शिक्षिका दीपिका देशवाल के मार्गदर्शन में दिन के मध्यान्ह समय को ज्ञात करने का प्रयोग करना भी सीखा।
आज के इस आयोजन में प्रतिभागी विद्यार्थियों से संवाद करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या मोनिका कश्यप कहा कि बच्चों को विज्ञान में रूचि लेते हुए बड़ी बड़ी कल्पनाएँ करनी चाहियें कि वो विज्ञान से क्या चाहते हैं ताकि वैज्ञानिक उन कल्पनाओं साकार कर सकें। स्कूल के बच्चों ने  विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत विज्ञान गतिविधियों में बहुत ही उत्साह से भाग लिया।

परिणाम
इस पोस्टर प्रतियोगिता मे पदमालाया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दिव्यांशु   ने द्वितीय व निखिल राणा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस कार्यक्रम मे विद्यालय के भूगोल अध्यापक डीके पाण्डेय, विज्ञान विभाग से दीपिका देसवाल, रेखा सुंदर, सपना वा दीपिका काम्बोज का योगदान सराहनीय रहा।
अख़बारों में 

प्रस्तुती:  दर्शन लाल बवेजा 







Wednesday, October 07, 2015

विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह-2015 World Space Week-2015

विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत हुआ विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
अंतरिक्ष में खोज विषय पर हुई पेंटिंग प्रतियोगिता में देविका और अर्पित प्रथम
   
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत आज स्वामी विवेका नन्द पब्लिक स्कूल सेक्टर सात हुडा जगाधरी  मे विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत अंतरिक्ष में खोज  विषय पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह आजोजक संगठन, स्पेस संस्था दिल्ली, हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक व सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के सयुंक्त तत्वाधान में चालीस
बच्चों ने अंतरिक्ष व खगोलीय खोज विषय पर अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से कागज पर उकेरा। आज ही बच्चों ने पृथ्वी की परिधि एवं माई साइंस बाक्स प्रोजेक्ट से सम्बंधित गतिविधियाँ भी की।
आज के इस आयोजन में प्रतिभागियों व विज्ञान क्लब के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए स्वामी विवेका नन्द पब्लिक स्कूल सेक्टर सात हुडा जगाधरी की प्रधानाचार्या अनीता काम्बोज ने बताया
कि चार  अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक प्रथम अंतरिक्ष में भेजा गया था। इसी  दिन मनुष्य की अंतरिक्ष मे कोई मानव निर्मित उपग्रह भेजने की अभिलाषा पूरी हुई थी, इसलिए इस दिन को स्मरण करने के उद्देश्य से विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जाता है।
जिले के विभिन्न विद्यालयों मे विश्व अंतरिक्ष सप्ताह का आयोजन चार अक्टूबर से दस अक्टूबर तक किया जा रहा है जिसमे विभिन्न प्रतियोगिताएं और कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी। इस आयोजन में स्वामी विवेका नन्द पब्लिक स्कूल जगाधरी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर, मुकंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी, होली मदर पब्लिक स्कूल यमुनानगर सक्रियता से भाग ले रहे हैं।
आगामी कार्यक्रम
हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक व सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के प्रभारी दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक ने बताया कि इस जिले भर के बच्चे विश्व अंतरिक्ष सप्ताह में विभिन्न स्पेस गतिविधियों में भाग लेंगे जिस में मुख्य रूप से दिन के समय की जा सकने वाली खगोलीय गतिविधियां, सुरक्षित सूर्य अवलोकन, मंगल ग्रह अन्वेषण, धूमकेतु पर कार्यशाला
माई साइंस बाक्स, रात्री आकाश अवलोकन, खगोलीय पिंडों की पहचान, मंगल गेह अन्वेषण कार्यक्रम पर प्रश्नोत्तरी व वाद विवाद, मिनी दूरदर्शी बनना, रात्री आकाश में स्टार गेजिंग, सूर्य घड़ी बनाना, विश्व के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों व अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन व कार्यों पर चर्चा, जल राकेटभारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और चंद्रयान अभियान पर गोष्ठी, कृत्रिम उपग्रहों के लाभ व हानि पर वाद विवाद प्रतियोगिता व पेंटिंग प्रतियोगिता, स्पेस साइंस फिक्शन व विज्ञान गल्प कथा वाचन, अंतरिक्ष विज्ञान माडल प्रदर्शनी  आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
परिणाम
इस पेंटिंग प्रतियोगिता मे देविका, अर्पित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जिज्ञासा व सार्थक  द्वितीय स्थान पर रहे। श्रेया व हिमानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पृरस्कृत आयुषी व अक्षित की पेंटिंग्स ने भी सभी को आकर्षित किया। इस कार्यक्रम मे विद्यालय के कला प्रभारी गुरदेव सिंह, विज्ञान विभाग से ज्योतिका डांग, रीना मल्होत्रा, सुबुही सहगल व भावना का योगदान सराहनीय रहा।
अखबारों में 





प्रस्तुतिकरण: दर्शन लाल बवेजा 




Monday, September 28, 2015

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस IISER Mohali Foundation Day

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस IISER Mohali Foundation Day 
जिले के अध्यापकों ने विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस पर शिरकत की
मूल विज्ञान शिक्षा के इस अग्रणी संस्थान में यमुनानगर की छात्रा शिवांगी कर रही है मास्टर आफ साइंस डिग्री
यमुनानगर से विज्ञान अध्यापकों एवं प्राध्यापकों का एक प्रतिनिधि मंडल रसायन विज्ञान प्रवक्ता उमेश खरबंदा के नतृत्व में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मोहाली पंजाब (आई आई एस ई आर) के अष्टम स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मोहाली पहुंचा। इस दल में विज्ञान प्रवक्ता अजय धीमान, सुदेश यादव, राकेश मल्होत्रा, राकेश मक्कड़ विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल, रजनी खरबंदा के साथ रजत, हर्षित और शिवांगी ने भी भाग लिया। उमेश खरबंदा ने बताया की विज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में शोध तथा उत्कृष्ट उच्च शिक्षा हेतु भारत सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से वर्ष 2007 में भारतीय विज्ञान शिक्षा एंव अनुसंधान संस्थान मोहाली पंजाब की स्थापना की थी। 
तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष संस्थान के स्थापना दिवस पर दूर दूर से विज्ञान अध्यापको और विद्यार्थियों को संस्थान अवलोकन के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां पर आज के दिन बहुत सी प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनियों व वैज्ञानिकों से मुलाकात कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमे अभिभावक और बच्चे भाग लेकर विज्ञान शिक्षा की तरफ प्रेरित होते हैं।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बताया की आज हर बालक इंजीनियर बनना चाहता है जबकि देश को आज वैज्ञानिकों, प्रोफेसर्स और अनुसंधानकर्ताओं की सख्त आवश्यकता है इसलिए हमे बेसिक साइंस की पढ़ाई को भी बढ़ावा देना होगा जिसके लिए भारत सरकार ने मोहाली में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का संस्थान स्थापित किया हैं
जहां से विद्यार्थी विज्ञान में मास्टर आफ साइंस की डिग्री और साथ में ही डाक्टरेट की डिग्री भी कर सकते है। इसके बाद भारत सरकार के व निजी क्षेत्र के संस्थानों में ऊँचे ओहदों पर पदस्थ हो सकते हैं।
प्रवक्ता अजय धीमान, सुदेश यादव व राकेश मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया की संस्थान में विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं हैं, केवल स्थापना दिवस के दिन ही अथितियों के अवलोकनार्थ खोली जाती हैं अन्यथा बाह्य प्रवेश वर्जित है और वहां के विद्यार्थी इस दिन अपने शोधकार्यों और माडल्स का प्रदर्शन अथितियों के समक्ष करते हैं विज्ञान विभाग अपनी प्रदर्शनियों का आयोजन करते हैं जिन्हें देख कर संस्थान में विश्व स्तरीय शिक्षा का सहसा ही आभास हो जाता है।
यहां आठ सौ विद्यार्थी बारहवी कक्षा के बाद पांच वर्षीय मास्टर आफ साइंस की डिग्री व बाद में डाक्टरेट डिग्री और समेकित डाक्टरेट डिग्री भी कर सकते हैं, आइ आइ टी की बराबरी के कहे जाने वाले इस तरह के भारत में केवल पांच ही संस्थान हैं। इस संस्थान में पढ़ रहे प्रत्येक विद्यार्थी को पहले दिन से ही स्कोलरशिप दी जाते है और यहाँ शिक्षा प्राप्त करने का पूरा खर्च भी सरकार ही उठाती है।
मिडिया