Friday, October 10, 2014

जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन विश्व अंतरिक्ष सप्ताह World Space Week GPS Location

जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन व पेंटिंग प्रतियोगिता विश्व अंतरिक्ष सप्ताह World Space Week GPS Location
जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन से अपनी अक्षांशीय व देशांतर स्थिति ज्ञात करना सीखा

विश्व अंतरिक्ष सप्ताह, प्रत्येक वर्ष विश्व अंतरिक्ष सप्ताह संगठन और संयुक्त राष्ट्र के बाह्य अंतरिक्ष मामलों के विभाग के सयुंक्त तत्वाधान में पूरी दुनिया के 80 देशो में एक साथ चार अक्टूबर से दस अक्टूबर तक मनाया जाता है। 4 अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक प्रथम अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस दिन मनुष्य की अंतरिक्ष मे प्रवेश की अभिलाषा पूरी हुई थी इसलिए इस दिन की याद को स्मरण करने के उदेश्य से विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जाता है।
इस वर्ष 2014 के लिए विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की थीम ‘अंतरिक्ष: आपका पथप्रदर्शक’ रखी गयी है। इस वर्ष यह थीम पृथ्वी ग्रह पर मानव की बेहतरी मे उपग्रहीय उपयोगिता को समर्पित है इस थीम उपग्रहों द्वारा मानव जीवन में सुधार की सम्भावनाओं की तलाश के मद्देनजर चुना गया है। 
पृथ्वी ग्रह पर मानव और पर्यावरण के हित और सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के प्रयोग और सम्बन्धित जानकारियों को विद्यार्थियों और आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर व हरियाणा विज्ञान मंच यमुनानगर इकाई के सदस्यों ने जीपीएस लोकेशन प्रणाली के द्वारा अपनी अक्षांशीय व देशांतर पोजिशन ज्ञात करना सीखा, इसी कड़ी मे सी वी रमण विज्ञान क्लब के सदस्यों ने अपने क्लब समन्वयक दर्शन लाल बवेजा के मार्गदर्शन मे इंटरनेट व मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये यमुनानगर के विभिन्न स्थानों पर अपनी अक्षांशीय व देशांतर पोजिशन ज्ञात करके एक लोकेशन चार्ट बनाया और इस गतिविधि के जरीय वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियगिता के हिस्सा बने।
दर्शन लाल ने बताया कि जीपीएस एक ऐसी प्रणाली है जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट नेविगेशन के जरिए किसी भी प्रकार के मौसम में किसी की भी लोकेशन की जानकारी देता है। यह प्रणाली अंतरिक्ष मे स्थापित मात्र कुछ सैटेलाइटस के द्वारा मात्र 20 मीटर के रेंज में नेविगेशन की सुविधा प्रदान करती है परन्तु अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस दूरी को घटा कर 15 मीटर रेंज में भी यह सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं। जीपीएस तकनीक उपग्रहों द्वारा भेजे गए संदेशो पर काम करती है। मोबाइल में जीपीएस तकनीक के प्रयोग द्वारा प्रयोक्ता अपनी स्थिती का आसानी से पता लगा सकता है मान लीजिए आप जगाधरी रेलवे स्टेशन पर हैं और आपको जगाधरी बस स्टैंड जाना है तो आप जगाधरी बस स्टैंड का रास्ता जीपीएस तकनीक की मदद से आसानी से पता लगा सकते है। जीपीएस डिवाइस उपग्रह से प्राप्तए सिंगनल द्वारा उस जगह को नक्शे में दशार्ती रहती है। जीपीएस का प्रयोग ट्रैनों, जहाजों की स्थिती, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, और सेना में काफी समय से किया जाता रहा है।
इस गतिविधि मे सोनाक्षी, सुमेधा गल्होत्रा, आंचल काम्बोज, अमन, पारस बतरा, पलक, पार्थवी, प्रमाद ने भाग लिया लोकेशन चार्ट बनाया।
सैटेलाइट हमारा पथप्रदर्शक विषय पर चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह 2014 की थीम ‘अंतरिक्ष: आपका पथप्रदर्शक’ थीम के अंतर्गत आज सरोजिनी कालोनी के अर्जुन पार्क मे हरियाणा विज्ञान मंच और सी वी रमन विज्ञान क्लब के सदस्यों ने ‘अंतरिक्ष मे सैटेलाइट है हमारा पथप्रदर्शक’ विषय पर चित्रकारी प्रतियोगिता मे भाग लिया और उपग्रह प्रणाली को दर्शाते सुंदर सुंदर चित्र बनाए। यमुनानगर के विभिन्न स्कूलों के बच्चो ने आज छुट्टी के दिन का बेहतर प्रयोग करते हुए क्लब द्वारा आयोजित इस पेंटिंग प्रतियोगिता मे भाग लेकर विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया और ८० देशों के बच्चो के साथ मिल इस इवेंट के प्रतिभागी बने।
हरियाणा विज्ञान मंच के जिला समन्वयक दर्शन बवेजा ने बताया कि इस प्रतियोगिता मे आंचल, वंशिका, सुमेधा, सुशांत, अमन, पार्थवी, अवनी, काजल, पारस, पलक, अर्श सैनी, मनप्रीत, शिवम, सुदक्ष, सुकृत, वंश, स्पर्श, विनय, सजल, सुप्रीत, अभिमन्यु, छवि आदि ने भाग लिया। पलक बतरा ने अपनी पेंटिंग मे दर्शाया कि किस प्रकार अंतरिक्ष विज्ञान का प्रयोग करके हम आने वाले आंधी तूफ़ान और चक्रवात का पहले से ही पता लगा लेते हैं और इस तकनीक का प्रयोग करके आपदा पूर्व चेतावनी जारी करके मानव को जान माल की क्षति से बचाया जा सकता है और पेंटिंग के माध्यम से यह भी बताया गया कि वास्तव मे अंतरिक्ष मे छोड़े गए मौसम मानीटरन व सुदूर सवेंदन के उपग्रह मानवो के लिए विज्ञान का वरदान साबित हुए हैं जिसने मानव जीवन को आसान और सुखमय बना दिया है। 

एक अन्य पेंटिंग मे प्रतिभागी वंशिका ने कल्पना की है कि भारत ने मंगल ग्रह पर अपने उपग्रहों की मदद से विजय पा ली है और अपना मानव मिशन कामयाबी पूर्वक मंगल पर भेज कर भारतीयों ने विश्व मे अपनी अंतरिक्ष विज्ञान की योग्यता को सिद्ध किया है। पार्थवी ने अपनी पेंटिंग मे कल्पना की है कि जब मनुष्य आने वाले समय मे अंतरिक्ष मे आसानी से यात्राएं करने लगेगा तब वो पराग्रहियों की खोज करके उनसे मित्रता करेगी व उनके ग्रह पर जायेगी।
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के भारतीय राष्ट्रीय सयोंजक श्री चन्दर देवगन ने बच्चों को विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों मे भाग लेकर देश का नाम रोशन करने के लिए बधाइयां और शुभकामनाएं दी हैं।

अख़बारों मे 



                             




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