Saturday, October 25, 2014

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 22nd NCSC Tips

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की तैयारियों की समीक्षा 22nd NCSC Tips

जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस ग्यारह नवम्बर को विवेकानन्द पब्लिक स्कूल हुडा सेक्टर सत्रह जगाधरी मे होगी  
                
विद्यालयी बच्चो मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण व खोजी प्रवृती उत्पन्न करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा एन सी एस टी सी नेटवर्क, हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग व हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक के सयुंक्त तत्त्वाधान द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर करवाया जाता है जिस मे स्कूली बच्चे टीम बना कर दिए गए उपविषय पर सर्वे, केस स्टडी या प्रयोगात्मक विधियों से परियोजना बनाते हैं। इससे सम्बंधित बनाये गए परियोजनाओं को प्रस्तुति पूर्व निरीक्षण हेतु आज बच्चे विवेकानन्द पब्लिक स्कूल हुडा सेक्टर सत्रह जगाधरी मे एकत्र हुए जहां उन्होंने अपने परियोजना कार्यों को जिला समन्वयक दर्शन लाल और प्रवक्ता ज्योतिका डांग के समक्ष प्रस्तुत किया। आयोजन पूर्व इस निरीक्षण कार्यक्रम मे बच्चो को उनके विज्ञान प्रोजेक्ट्स मे सुधार व उनको और बेहतर बनाने के टिप्स दिए गए।
बच्चो द्वारा तैयार किये जा रहे विज्ञान प्रोजेक्ट  
बच्चो ने ठोस कचरा प्रबंधन और मौसम, 
मेरी अपनी मौसम प्रयोगशाला, 
मौसम परिवर्तन के  दौरान स्कूल मे विद्यार्थियों की उपस्थिति पर प्रभाव, 
मौसम परिवर्तन का त्वचा पर प्रभाव, 
सेक्टर सत्रह मे प्रवासीयो के जीवन मे मौसम व जलवायु मे परिवर्तन के प्रभाव, यातायात नियंत्रण पर मौसम का असर, 
सरोजनी कालोनी व आसपास रह रहे अन्य प्रदेशो के परिवारों का स्थानीय मौसम के साथ तालमेल व प्रभाव का अध्ययन, 
मानसून के दौरान नहर तटीय क्षेत्रों मे जलस्तर बढ़ने से होता आर्थिक नुकसान व निवारण के उपाय, 
झुग्गी बस्ती मे मौसम से बचाव के त्रिकोण का अध्ययन व सेहत पर प्रभाव, 
बदलते मौसम मे खानपान के बदलाव का सेहत व आर्थिक दशा पर प्रभाव, 
बदलते मौसम के प्रभाव से पालतू पशुओं के बचाव के देसी तरीको का अध्ययन व सुझाव, 
स्थानीय क्षेत्र मे मौसम की मार और वनस्पतियों पर प्रभाव, 
विद्यालय भवन पर मौसम परिवर्तन का प्रभाव और मुरम्मत पर वार्षिक खर्च का आंकलन व सुझाव,
स्थानीय कृषी पर वर्षा का प्रभाव व बदलाव की सम्भावना, 
दूध के उत्पादन पर मौसम का प्रभाव, 
गावं के तालाबो का जलस्तर-मानसून पूर्व व मानसून पश्चात, 
मौसम मुताबिक़ पक्षियों के व्यवहार मे परिवर्तन का अध्ययन, 
वर्षा को मापना, 
वर्तमान और भविष्य मे हुई वर्षा का तुलनात्मक अध्ययन समेत बहुत से प्रोजेक्ट पर चर्चा की गयी।
इस बार की जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस ग्यारह नवम्बर को विवेकानन्द पब्लिक स्कूल हुडा सेक्टर सत्रह जगाधरी मे होगी। विद्यालय की प्रधानाचार्य अनीता काम्बोज व विज्ञान अध्यापक विकास पुंडीर ने इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साह व खुशी व्यक्त की है।
जिला के भावी बाल वैज्ञानिकों केशरी, विश्वास, मेहुल, तन्वी, गर्वित, आकाश, अभिशान, पारखी, आयुष, यशस्वी, श्रुति, फिज़ा, शोभित, अर्जुन, निकुंज, हर्ष, लव, शुभम, रिया, अमीषा, साहिल, ध्रुव, अक्षित, उमंग, मयंक ने पाने विज्ञान प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किये व इनके साथ उनके मार्गदर्शक अध्यापक विकास पुंडीर, ज्योतिका डांग, गौरव, रीना व सुबुही  ने भी प्रोजेक्ट्स का जायजा लिया व सुझाव दिए ताकि बच्चे मुख्य प्रतियोगिता तक अपने प्रोजेक्ट्स को और बेहतर बना सकें।         




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Friday, October 10, 2014

जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन विश्व अंतरिक्ष सप्ताह World Space Week GPS Location

जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन व पेंटिंग प्रतियोगिता विश्व अंतरिक्ष सप्ताह World Space Week GPS Location
जीपीएस सैटेलाइट नेविगेशन से अपनी अक्षांशीय व देशांतर स्थिति ज्ञात करना सीखा

विश्व अंतरिक्ष सप्ताह, प्रत्येक वर्ष विश्व अंतरिक्ष सप्ताह संगठन और संयुक्त राष्ट्र के बाह्य अंतरिक्ष मामलों के विभाग के सयुंक्त तत्वाधान में पूरी दुनिया के 80 देशो में एक साथ चार अक्टूबर से दस अक्टूबर तक मनाया जाता है। 4 अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक प्रथम अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस दिन मनुष्य की अंतरिक्ष मे प्रवेश की अभिलाषा पूरी हुई थी इसलिए इस दिन की याद को स्मरण करने के उदेश्य से विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जाता है।
इस वर्ष 2014 के लिए विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की थीम ‘अंतरिक्ष: आपका पथप्रदर्शक’ रखी गयी है। इस वर्ष यह थीम पृथ्वी ग्रह पर मानव की बेहतरी मे उपग्रहीय उपयोगिता को समर्पित है इस थीम उपग्रहों द्वारा मानव जीवन में सुधार की सम्भावनाओं की तलाश के मद्देनजर चुना गया है। 
पृथ्वी ग्रह पर मानव और पर्यावरण के हित और सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के प्रयोग और सम्बन्धित जानकारियों को विद्यार्थियों और आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर व हरियाणा विज्ञान मंच यमुनानगर इकाई के सदस्यों ने जीपीएस लोकेशन प्रणाली के द्वारा अपनी अक्षांशीय व देशांतर पोजिशन ज्ञात करना सीखा, इसी कड़ी मे सी वी रमण विज्ञान क्लब के सदस्यों ने अपने क्लब समन्वयक दर्शन लाल बवेजा के मार्गदर्शन मे इंटरनेट व मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये यमुनानगर के विभिन्न स्थानों पर अपनी अक्षांशीय व देशांतर पोजिशन ज्ञात करके एक लोकेशन चार्ट बनाया और इस गतिविधि के जरीय वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियगिता के हिस्सा बने।
दर्शन लाल ने बताया कि जीपीएस एक ऐसी प्रणाली है जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट नेविगेशन के जरिए किसी भी प्रकार के मौसम में किसी की भी लोकेशन की जानकारी देता है। यह प्रणाली अंतरिक्ष मे स्थापित मात्र कुछ सैटेलाइटस के द्वारा मात्र 20 मीटर के रेंज में नेविगेशन की सुविधा प्रदान करती है परन्तु अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस दूरी को घटा कर 15 मीटर रेंज में भी यह सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं। जीपीएस तकनीक उपग्रहों द्वारा भेजे गए संदेशो पर काम करती है। मोबाइल में जीपीएस तकनीक के प्रयोग द्वारा प्रयोक्ता अपनी स्थिती का आसानी से पता लगा सकता है मान लीजिए आप जगाधरी रेलवे स्टेशन पर हैं और आपको जगाधरी बस स्टैंड जाना है तो आप जगाधरी बस स्टैंड का रास्ता जीपीएस तकनीक की मदद से आसानी से पता लगा सकते है। जीपीएस डिवाइस उपग्रह से प्राप्तए सिंगनल द्वारा उस जगह को नक्शे में दशार्ती रहती है। जीपीएस का प्रयोग ट्रैनों, जहाजों की स्थिती, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, और सेना में काफी समय से किया जाता रहा है।
इस गतिविधि मे सोनाक्षी, सुमेधा गल्होत्रा, आंचल काम्बोज, अमन, पारस बतरा, पलक, पार्थवी, प्रमाद ने भाग लिया लोकेशन चार्ट बनाया।
सैटेलाइट हमारा पथप्रदर्शक विषय पर चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह 2014 की थीम ‘अंतरिक्ष: आपका पथप्रदर्शक’ थीम के अंतर्गत आज सरोजिनी कालोनी के अर्जुन पार्क मे हरियाणा विज्ञान मंच और सी वी रमन विज्ञान क्लब के सदस्यों ने ‘अंतरिक्ष मे सैटेलाइट है हमारा पथप्रदर्शक’ विषय पर चित्रकारी प्रतियोगिता मे भाग लिया और उपग्रह प्रणाली को दर्शाते सुंदर सुंदर चित्र बनाए। यमुनानगर के विभिन्न स्कूलों के बच्चो ने आज छुट्टी के दिन का बेहतर प्रयोग करते हुए क्लब द्वारा आयोजित इस पेंटिंग प्रतियोगिता मे भाग लेकर विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया और ८० देशों के बच्चो के साथ मिल इस इवेंट के प्रतिभागी बने।
हरियाणा विज्ञान मंच के जिला समन्वयक दर्शन बवेजा ने बताया कि इस प्रतियोगिता मे आंचल, वंशिका, सुमेधा, सुशांत, अमन, पार्थवी, अवनी, काजल, पारस, पलक, अर्श सैनी, मनप्रीत, शिवम, सुदक्ष, सुकृत, वंश, स्पर्श, विनय, सजल, सुप्रीत, अभिमन्यु, छवि आदि ने भाग लिया। पलक बतरा ने अपनी पेंटिंग मे दर्शाया कि किस प्रकार अंतरिक्ष विज्ञान का प्रयोग करके हम आने वाले आंधी तूफ़ान और चक्रवात का पहले से ही पता लगा लेते हैं और इस तकनीक का प्रयोग करके आपदा पूर्व चेतावनी जारी करके मानव को जान माल की क्षति से बचाया जा सकता है और पेंटिंग के माध्यम से यह भी बताया गया कि वास्तव मे अंतरिक्ष मे छोड़े गए मौसम मानीटरन व सुदूर सवेंदन के उपग्रह मानवो के लिए विज्ञान का वरदान साबित हुए हैं जिसने मानव जीवन को आसान और सुखमय बना दिया है। 

एक अन्य पेंटिंग मे प्रतिभागी वंशिका ने कल्पना की है कि भारत ने मंगल ग्रह पर अपने उपग्रहों की मदद से विजय पा ली है और अपना मानव मिशन कामयाबी पूर्वक मंगल पर भेज कर भारतीयों ने विश्व मे अपनी अंतरिक्ष विज्ञान की योग्यता को सिद्ध किया है। पार्थवी ने अपनी पेंटिंग मे कल्पना की है कि जब मनुष्य आने वाले समय मे अंतरिक्ष मे आसानी से यात्राएं करने लगेगा तब वो पराग्रहियों की खोज करके उनसे मित्रता करेगी व उनके ग्रह पर जायेगी।
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के भारतीय राष्ट्रीय सयोंजक श्री चन्दर देवगन ने बच्चों को विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों मे भाग लेकर देश का नाम रोशन करने के लिए बधाइयां और शुभकामनाएं दी हैं।

अख़बारों मे