राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला Teachers Training Workshop of NCSC
राष्ट्रीय
बाल विज्ञान कांग्रेस की शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुई
विद्यालयी
बच्चो मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण व खोजी प्रवृती उत्पन्न करने के उद्देश्य से विज्ञान
एवं प्रोद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा एन सी एस टी सी नेटवर्क, हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग व हरियाणा विज्ञान मंच रोहतक
के सयुंक्त तत्त्वाधान द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन
जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर करवाया जाता है
जिस मे
स्कूली बच्चे टीम बना कर दिए गए उपविषय पर सर्वे, केस स्टडी
या प्रयोगात्मक विधियों से परियोजना बनाते हैं और फिर उस प्रोजेक्ट को जिला स्तरीय
विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता मे प्रस्तुत किया जाता है जहां वो अपने कार्यों को
निर्णयको और दर्शको से समक्ष रखते हैं व समस्या निवारण के वैज्ञानिक तरीको व
भविष्य की योजनाओ को प्रकट करते हैं और जिला स्तर पर चयनित होने पर अपने शोध पत्र
को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे प्रस्तुत करते हैं।
जिला साइंस
कोर कमेटी के शैक्षिक समन्वयक जरनैल सिंह सांगवान व जिला समन्वयक दर्शन लाल बवेजा
ने जिले के अध्यापको को अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला मे भाग लेने के लिए जिला
शिक्षा अधिकारी के माध्यम से बुलाया है जहां अध्यापको को राष्ट्रीय बाल विज्ञान
सम्मेलन मे बच्चों को प्रोजेक्ट तैयार करवाने का प्रशिक्षण दिया गया।
इससे
सम्बंधित अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला स्थानीय मुकंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी
कालोनी मे सम्पन्न हुई जिस मे विभिन्न संस्थानों से आमंत्रित रिसोर्स पर्सन्स ने
जिले निजी व राजकीय स्कूलों से आये अध्यापक प्राध्यापकों को विज्ञान प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षित किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या शशि बाटला ने उपस्थित अध्यापको को बताया कि विज्ञान
शिक्षा मे परियोजना कार्य का बहुत महत्त्व है और अध्यापको को अपने विद्यार्थियों
को अधिक से अधिक साइंस प्रोजेक्ट करवाने चाहियें ताकि उनमे विज्ञान विषय की बेहतर
समझ बन सके।
इस
प्रशिक्षण कार्यशाला मे खालसा कालेज के पर्यावरण विभाग से दलबीर कौर, रसायन
प्रवक्ता सुमन शर्मा, जेएस सांगवान, डाक्टर विजय त्यागी, गीता मल्होत्रा, ममता
वर्मा, सीमा कटारिया, प्रोफेसर के सी ठाकुर, दर्शन बवेजा ने उपस्थित अध्यापको को
प्रशिक्षित किया।
जिला
विज्ञान विशेषज्ञ डाक्टर विजय त्यागी ने परियोजना शोधपत्रों मे सरलता और वास्तविकता
पूर्ण तथ्यों को शामिल करने पर बल दिया व
इन परियोजनाओं को जीवन से सम्बन्धित करके उपचारात्मक उपाय बताने पर फोकस किया।
श्री
गुरुनानक खालसा कालेज के पर्यावरण विभाग से दलबीर कौर ने अध्यापको को बताया कि हम अपनी जीवन शैली मे थोड़ा
सा परिवर्तन करके पर्यावरण को बहुंच रहे बड़े बड़े खतरो से बचा सकते हैं वास्तव मे
मनुष्य ही अपनी गतिविधियों से पृथ्वी के मौसम व जलवायु मे परिवर्तनों के लिए
जिम्मेदार है और जिसका कि खामियाजा वह प्राकृतिक आपदाओं के रूप मे झेल रहें है।
हरियाणा
विज्ञान मंच के जिला शैक्षिक समन्वयक जरनैल सिंह सांगवान ने बताया कि विज्ञान
संचार को मात्र विद्यार्थियों तक ही नहीं बल्कि जन जन तक पहुंचाना होगा ताकि अंधविश्वासो
से मुक्ति पाकर मानव जाति उन्नति कर सके।
रसायन
प्रवक्ता सुमन शर्मा ने मौसम और जलवायु मे बदलाव को विस्तार से समझाया और अपने
आसपास के पर्यावरण को समझने के लिए व उन सूक्ष्म बदलावों को अपनी परियोजनाओं का
विषय बनाने पर बल दिया। इस वर्ष के विज्ञान कांग्रेस के मुख्य विषय
‘‘मौसम और जलवायु की समझ’’ पर प्रशिक्षित करेंगे।
जिला
समन्वयक दर्शन लाल ने अध्यापको को परियोजना रिपोर्ट लिखने व कार्य प्रणाली
सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया। उन्होंने ने बताया कि इस वर्ष बच्चे मानवीय गतिविधियों
द्वारा मौसम एवं जलवायु पर प्रभाव, अपने आसपास के मौसम
की पहचान, मौसम, जलवायु एवं परितंत्र,
मौसम, जलवायु, समाज और
संस्कृति, मौसम, जलवायु और कृषि तथा
मौसम, जलवायु और स्वास्थ्य जैसे छह उपविषयों पर दस से सत्रह आयुवर्ग
के बच्चे जूनियर और सीनियर वर्ग में बाल विज्ञान काँग्रेस में अपने रिसर्च
प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर सकेंगे। इस बार बच्चे मौसम और जलवायु से संबंधित प्रोजेक्ट
बनाकर अपनी वैज्ञानिक समझ का परिचय देंगे और लघु शोध पत्र प्रस्तुत कर सीधे राज्य
स्तरीय आयोजन के लिए चयनित किये जाएंगें। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के तहत
शिक्षकों को विषय से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गयी है, ताकि
जिले से बेहतर प्रोजेक्ट प्रस्तुतिकरण हो सके।
शिक्षक
प्रशिक्षण कार्यशाला मे 72
अध्यापकों ने भाग लिया व जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस अक्टूबर
के अंतिम सप्ताह मे सम्पन्न होगी।
इस
अवसर पर स्कूल के भावी बाल वैज्ञानिकों ने मेरी अपनी मौसम प्रयोगशाला शीर्षक के
अंतर्गत एक प्रदर्शनी भी लगाई जिसको प्रधानाचार्या, जिला विज्ञान विशेषज्ञ व
उपस्थित प्रशिक्षुओं ने देखा और सराहा भी ज्ञात रहे ये बच्चे इस विषय पर अपनी
परियोजना भी बना रहे हैं।
आज की इस शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला मे जिला
भर से सिल्की चड्ढा, सुमन लता, राजीव नंदा, अलका रानी, संजीत कुमार, रविंदर कुमार,
इंदु अरोड़ा, इक्षा धरुपद त्यागी, रितेश पाल, अवनीश कुमार, कमाल शर्मा, सोनिया विज,
कोमल चड्ढा, श्वेता चौधरी, सुमन, स्मृति शर्मा, सोमेश राजन, राजेश मेंरॉय, रेनू
देवी, ओमप्रकाश, मनीषा भट्टी, ममता रानी, तरुण कुमार, डाक्टर अनुराधा धीमान, सतबीर
सिंह, रंजना गुलाटी, प्रीती जैन, प्रीटी जैन, ए. सीता, हिमानी शर्मा, ज्योतिका
डांग, रीना मल्होत्रा, गौरव कुमार, मुक्ता भाटिया, मंजू आर्या, रजनी पुंडीर, गीता
मल्होत्रा, डाक्टर बी. के. रीन, मनीषा खेत्रपाल, वनीता गोयल, श्रीश कुमार, अजमेर
शिंह संधू, मधु मेहता, सरिता, ज्योति गर्ग, रश्मी गुप्ता, पूजा, मनोज कुमार, ज्योति,
विनोद, राजेन्द्र झाम्ब, दीपिका भाटला, ब्रह्म सिंह सहित अन्य अध्यापको, टीजीटी व
प्राध्यापकों ने भी भाग लिया।