क्लब सदस्यों ने राष्ट्रीय शिविर अहमदाबाद मे भाग लिया National Camp for VIPNET Clubs
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सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के सदस्य |
सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर के सदस्यों आंचल काम्बोज, रीमा कुमार, अमन काम्बोज, मोनिका, ब्रिजपाल काम्बोज समेत सात सदस्यों ने विपनेट क्लबों के राष्ट्रीय शिविर सम्पन्न 13-15 दिसम्बर को साइंस सिटी अहमदाबाद में भाग लिया। इस कैम्प मे भाग लेने के बाद उन्होंने यहां यमुनानगर मे शेष क्लब सदस्यों को अपनी इस प्रतिभागिता के बारे मे विस्तार से बताया। इस राष्ट्रीय कैम्प की विस्तृत रिपोर्ट इस प्रकार से है।
विपनेट क्लबों
का राष्ट्रीय शिविर सम्पन्न 13-15 दिसम्बर को
अहमदाबाद में आयोजित किया गया13-15 दिसम्बर को विज्ञान
प्रसार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अर्तगत् एक स्वायत्तशासी संस्था है। इस संस्था के अंतर्गत्
विपनेट कल्बों का समूह देशभर में कार्यरत
है, जिसमें स्कूलों, संस्थाओं मे क्लबों का गठन किया जाता है। इसी का परिणाम है
कि वर्तमान में भारत के 535 से अधिक जिलों में विपनेट क्लबों
की उपस्थिति है। उक्त क्लबों
हेतु विज्ञान प्रचार-प्रसार को अधिक महत्व देने के लिए समय-समय पर देश के
कोने-कोने में कार्यशालाएं आयोजित की जाती है।
साथ ही प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित
शीर्षक के अंतर्गत् विपनेट क्लबों का एक
राष्ट्रव्यापी शिविर आयोजित किया जाता है।
इसी कडी के तहत इस वर्ष यह शिविर,
13-15 दिसम्बर, 2013 को साइंस सिटी, अहमदाबाद में आयोजित किया गया,
जिसमें देश भर में लगभग 200 से ज्यादा
विद्यार्थी, क्लब कोर्डिनेटर, शिक्षकों आदि ने भाग लिया। इस
शिविर में क्लबों द्वारा जल विषय से
सम्बंधित विभिन्न परियोजनाओं, व जागरूकता
कार्यक्रमों के आधार पर प्राप्त
रिपोर्टों, के अनुसार लगभग 100 क्लबों
का चयन किया गया।
प्रथम दिवस 13 दिसम्बर,
प्रथम दिवस फोटो विपनेट न्यूज |
सभी विपनेट
सदस्यों को 12 दिसम्बर की सायं को आने के लिए कहा गया था,
जिससे कि उनकी व्यवस्था बनाने एवं कार्यक्रम को समय पर आयोजित करने
में सुविधा हो। अधिकतर कल्ब सदस्य 12
दिसम्बर की सांय तक अहमदाबाद
पहुंच गये थे। और अन्य सभी सदस्य 13
दिसम्बर की सुबह
तक कार्यक्रम
स्थल साइंस सिटी पहुंचे। उक्त क्लब सदस्यों को
स्टेशन से हॉस्टल तक
लाने के लिए परिवहन व्यवस्था की गयी थी। सभी
क्लब सदस्य एवं अन्य
कर्मचारियों के लिए रात्रि विश्राम की व्यवस्था ‘अडालज’ स्थित हॉस्टल
-स्टे-एन-स्टोप’ में की गयी थी। यहीं पर इनके लिए सुबह का नाश्ता एवं रात्रि
भोजन की व्यवस्था थी, जिसको की सभी ने खूब पसंद किया।
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क्लब सदस्य श्री वी.बी. काम्बले जी के साथ |
शिविर का
पंजीकरण कार्य प्रातः 9.00 बजे से आरम्भ हुआ साथ ही 10.00
बजे बाद परम्परा अनुसार उद्घाटन कार्यक्रम आरम्भ हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि
के रुप में विज्ञान प्रसार के पूर्व निदेशक श्री वी.बी. काम्बले, विज्ञान
प्रसार के मुख्य वैज्ञानिक अधिकरी श्री बी.के. त्यागी,
गुजरात कौंसिल एवं साइंस
एण्ड टैक्नोलॉजी के एडवाइजर एवं मेम्बर सेक्रेटरी श्री नरोत्तम शाहू,
नर्मदा डैम परियोजना के अधिकारी श्री एस.डी. बोहरा ने भाग लिया।
स्वागत् कथन
प्रस्तुत करते हुए श्री नरोत्तम शाहू ने बताया कि विपनेट कल्ब की
गतिविधियां बच्चों व समुदाय में विज्ञान को लोकप्रिय करने की दिशा में
महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही वर्ष 2014 में स्कूलों
में नए विचारों के साथ काम किया जायेगा।
शिविर के मुख्य वक्तागण |
राष्ट्रीय
शिविर के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए श्री बी.के त्यागी ने जल संरक्षण करने
वाले देशों का विशेष उल्लेख किया एवं हिमालय पुरुष अनिल जोशी,
मुकेश पाण्डवा-पर्यावरण मित्रा एवं अन्ना हजारे का विशेष रुप से उल्लेख किया। उन्होंने दिन
भर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के विषय में भी अवगत कराया कि आज
के दिन सभी कल्ब सदस्यों को विज्ञान से परिचित कराने के लिए साइंस
सिटी भ्रमण कराया जायेगा। इसमें
मुख्यतौर पर 3डी. फिल्म ‘अन्डर वाटर सी’,
‘प्लानेट अर्थ’, एवं म्यूजिकल फाउंटेन का विशेष आयोजन
एवं भ्रमण किया जायेगा। इस अवसर पर
विज्ञान प्रसार के पूर्व डायरेक्टर
श्री वी.बी. काम्बले ने अपने उद्बोधन में कहा कि
विपनेट क्लब अपने आप में जन
आंदोलन है।
विज्ञान प्रसार, नई दिल्ली द्वारा विकसित प्रयोग,
खगोलीय घटनाओं के लिए ग्रामीण
अंचलों तक प्रेषित की गई सामग्रियों व प्रकाशित पुस्तकों
से लोगों में कॉफी जागरुकता आई है। जल वर्ष, 2013
की गतिविधियों की
जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी पर 71
प्रतिशत जल है, पर पीने योग्य
मीठा जल की उपलब्धता अत्यन्त चिंतनीय है।
साथ ही जल पर निर्भर
रहने वाले जीव-जन्तुओं, वनस्पतियों का नष्ट होना हमारे प्राकृतिक संतुलन की
पद्वति को पूर्णतः नष्ट कर रहा है। दोपहर के भोजन
से पहले श्री वी.बी. काम्बले जी ने स्लाइड प्रदर्शन के माध्यम से जल
की उपलब्धता से लेकर नदियों के उद्गम व समुद्र की यात्रा तक की विभिन्न
स्थितियों को स्पष्ट किया। साथ ही मीठा पानी की उपलब्धता के
लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने
विश्व की सबसे बड़ी नदी नील, समुद्र का जल
स्तर व साथ ही जल जन्तुओं की
विलुप्तता के खतरों की स्थिति से भी सबको आगाह किया। मुख्य अतिथि
श्री एस.डी. बोहरा ने विपनेटियनों का स्वागत करते हुए कहा कि
वर्तमान पीढ़ी को जल सहित प्रकृति संरक्षण, संतुलन
पद्वति पर ध्यान
दिए जाने की
जरुरत है। सरदार सरोवर नर्मदा विकास निगम के कार्यों व ग्रामीण
क्षेत्रों तक सिंचाई के लिए गठित ‘वाटर
यूजर एसोशिएसन’ का उल्लेख कर बताया कि
जल की उपयोगिता की समझ ग्रामीणों को है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण
बहुत जागरूकता का परिचय दे रहे हैं। इस जागरूकता को विपनेट क्लबों द्वारा
देश भर में प्रचारित करने में योगदान देना होगा। दोपहर के भोजन से पहले एक
पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी द्वारा सभी विपनेट क्लबों
को अन्य क्लबों द्वारा किये गये कार्यों को जानने का अवसर मिला।
ग्रुप फोटो |
भोजन के
पश्चात् श्री बी.के. त्यागी ने तीन दिवसीय शिविर की रुपरेखा प्रस्तुत की,
जिसने सबको उत्साहित किया। तत्पश्चात् सभी विपनेटियन साइंस सिटी स्थित
आइमैक्स में 3डी फिल्म ‘अंडर वाटर सी’
देखने गए जो कि विशेष रूप से
जल जीव-जन्तुओं पर आधारित है। इस फिल्म का विपनेटियन ने खूब आनंद
लिया जो मनोरजंन के साथ ज्ञानवर्धक भी थी और सभी प्रतिभागियों
को जल जीव-जन्तुओं की दुनियां से अवगत कराने में विशेष रुप से सहायक रही।
उक्त मूवी के
आनंन्द के बाद क्लब सदस्यों का उत्साह चरम पर था, जिसके बाद उन
सभी को साइंस सिटी स्थित ‘प्लानेट अर्थ’ देखने का अवसर मिला,
जो कि विशेष रुप से विज्ञान प्रचार-प्रसार आधारित कार्यक्रमों से सुसज्जित है।
अंत में
रात्रि लगभग 7.00 बजे सांइस सिटी आधारित एशिया के सबसे बड़े संगीतयमय
फव्वारे को देखने का सभी को अवसर मिला। इस संगीतमय फव्वारे में
विज्ञान एवं तकनीक का समायोजन भलीभांति किया गया है यहां फव्वारे की
ऊंचाई लगभग 37 मीटर तक पहुंच जाती है और हिन्दी गीतों पर उन फव्वारे का
झूमना सचमुच एक नई तरह के आनन्द का अनुभव था। तत्पश्चात्
सभी ने भोजन किया एवं रात्रि विश्राम हेतु हॉस्टल के प्रस्थान किया। उक्त
कार्यक्रम का संचालन एंव समन्वय गुजकोस्ट की कर्मचारी सुश्री धारा जी ने
किया।
द्वितीय दिवस 14 दिसम्बर,
नर्मदा बांध |
शिविर का
द्वितीय दिवस बहुत रोमांचकारी रहा पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार सभी क्लब
सदस्यों को सुबह 5.00 बजे जागने को कहा गया था, जिसके बाद सुबह जल्दी ही
सभी ने नाश्ता किया। सभी ने लगभग 7.00
बजे तक तैयार होकर नर्मदा
बांध के लिए यात्रा आरम्भ की जो लगभग 200
किलोमीटर की थी। लम्बे एवं
थकावट भरे रास्ते के बावजूद सभी का उत्साह अपने चरम पर था। दोपहर बाद
लगभग 2.00
बजे नर्मदा बांध सभी पहुंच गये थे एवं वहीं पर सभी के लिए
भोजन का प्रबंध किया गया था। जिसके बाद सभी नर्मदा एवं
विध्ंयाचंल की पहाडियों से होकर नर्मदा बांध देखने के लिए गए। जहां नर्मदा की
निर्मल जल धारा ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया।
नर्मदा बांध
के लिए सुरक्षा का मजबूत घेरा है, इसी कड़ी में
नर्मदा बांध का लगभग 1.5 किलोमीटर पहाड़ के अंदर सुरंग का रास्ता नर्मदा निगम की बसों द्वारा
तय किया गया। सुरंग के अंदर जाकर विशेष तौर पर बनाया गया, हाइड्रो पॉवर
प्लांट देखने का अवसर सभी को मिला, जो
कि पहाड़ को
काटकर लगभग 150-160 फीट तक ऊपर एवं नीचे बनाया गया था। वहां पर उपस्थित
गाइड ने बताया कि टरबाइन की मरम्मत करने के लिए जब उनको उठाया
जाता है तो वहां लगी हुई लिफ्ट, जो कि एक बार में
250 टन वजन तक उठा
सकती है एवं उसमें लगे हुक जो कि 420 टन
वजन का होता है काम में
लाया जाता है। उन्होंने विशेष तौर से बताया कि उक्त बांध से जितनी बिजली
पैदा होती है उसका 57 प्रतिशत मध्य प्रदेश को एवं 27 प्रतिशत
महाराष्ट्र को तथा 17 प्रतिशत गुजरात को दिया जाता है। मध्य प्रदेश का हिस्सा
इसलिए ज्यादा है कि अधिकतर पानी मध्य प्रदेश से ही आता है।
नर्मदा यात्रा
करते-करते लगभग सायं के 7.00 बज गये थे। पुनः रात्रि भोजन की
व्यवस्था नर्मदा गेस्ट हाउस में की गयी जिसके बाद लगभग 830 बजे वापसी
अहमदाबाद के लिए लगभग 200 किलोमीटर यात्रा की। रोमांच सभी के अंदर
था इसलिए यह यात्रा कठिन नहीं रही। पुनः रात्रि
लगभग 2.00
बजे तक सभी वापसी अपने हॉस्टल आये।
तृतीय एवं
अंतिम दिवस 15 दिसम्बर,
शिविर के
अंतिम दिन सुबह नाश्ता आदि से निवृत होकर पदमश्री हिमालय पुरुष
श्री अनिल जोशी, श्री बी.के. त्यागी व श्री नरोत्तम शाहू जी की अगुवाई में
साइंस सिटी में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ थीम पर
आधारित ‘रन
फॉर यूनिटी’ दोड़ प्रारम्भ की गयी। इसके पश्चात् 10.30 बजे सभी सभागार मे उपस्थित हुए यहां पर श्री नरोत्तम शाहू
ने सभी आगन्तुक विशेषज्ञों का परिचय कराया जिसमें पदमश्री, हिमालय पुरुष
के नाम से विख्यात डॉ. अनिल जोशी जी मैगशेसे पुरस्कार प्राप्त एवं
जलपुरुष के नाम से विख्यात श्री राजेन्द्र सिंह जी, विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ.
आर. गोपीचन्द्रन मुख्य रहे।
डॉ. अनिल जोशी
ने सत्रा को सम्बोधित करते हुए विज्ञान की उपलब्धियों पर प्रकाश
डाला एवं भारत को एक कृषि प्रधान देश बताते हुए कहा कि भारत में
हजारों-लाखों गांव है, विकास के नाम पर उन्होंने गांव एवं पर्यावरण की हो रही
हानि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गांवों के सभी संसाधनों का अधिक से
अधिक उपयोग हो और उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाया जाए तभी
विज्ञान की सार्थकता सिद्ध होगी एवं गांव का विकास होगा पर्यावरण
बचेगा। यहां पर श्री बी.के. त्यागी जी ने भी सभी अतिथियों का परिचय दिया
एवं विज्ञान, जल एवं प्रर्यावरण को लेकर उनके कार्यों का उल्लेख किया।
क्लबों द्वारा गातिविधि प्रदर्शन |
इस अवसर पर
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. आर. गोपीचन्द्रन ने कहा कि हमे अपने
अंतर मन की बातों को सुनना है। प्रकृति को बचाने के लिए खुद को आगे
आना होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान प्रसार एक उत्कृष्ट विद्यालय है, हम अधिक से अधिक लोगों के साथ
मिलकर काम करते रहेंगे
और आगे भी सभी
को सक्रियता से काम करना है। इस अवसर पर
जलपुरुष के नाम विख्यात राजेन्द्र सिंह जी ने पर्यावरण एवं संशाधनों
के प्रति प्रयासों को स्पष्ट करते हुए बताया कि 1985 के बाद से भूमि-जल के
खाली होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्लेशियरों व पहाडियों से
बहने वाली नदियां के अस्तित्व को बचाना, प्रयावरण
की संरक्षा करना,
बंजर भूमि को हरियाली भूमि में बदलना हेतु आम जन में दृढ़ता की कमी है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों का प्रयोग कर धरती को बचाना होगा।
उन्होंने राजस्थान को अपनी संस्था द्वारा किए गए कार्यों के अनुभव को भी साझा
किया।
कार्यक्रम के
अंत में कुछ चुने हुए प्रतिभागियों ने क्लब द्वारा किये गये कार्यों व
शिविर के दौरान प्राप्त हुए अपने अनुभवों को बताया। कुछ क्लब सदस्यों ने तो
स्वयं द्वारा तैयार क्लब कार्यों का पीपीटी द्वारा प्रस्तुतीकरण भी किया,
जिससे अन्य क्लब सदस्यों ने भी प्रेरणा ली। सायं पांच बजे कार्यक्रम
को समाप्त
किया गया। सभी प्रतिभागी अपने नये अनुभवों के साथ अपने-अपने
घरों को विदा हो गये आगे की तैयार में जुटन के निश्चय के साथ।
श्री बी. कु. त्यागी वैज्ञानिक