Friday, October 11, 2013

आज सम्पन्न हुआ विश्व अंतरिक्ष सप्ताह Last day of World Space Week 2013 today

आज सम्पन्न हुआ विश्व अंतरिक्ष सप्ताह Last day of World Space Week 2013 today

विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतिम दिन आज अंतरिक्ष विषय पर बहुत से उपविषयों को समाहित करते हुए एक निबंध प्रतियोगिता करवाई गयी जिसमे 160 प्रतिभागियों ने अपने उदगार कलमबद्ध किये प्रतिभागियों को मोके पर ही निम्न उपविषय दिए गए थे जिस पर बच्चो ने निबंध लिखने थे 
पराग्रही जीवन का अस्तित्व, मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश अभियान मे मानव उपलब्धियांरिमोट सेंसिंग से मानवता को लाभपृथ्वी एक विलक्षण ग्रहअंतरिक्ष मे बढ़ता मानव हस्तक्षेप - चिंता एवं निवारणखगोल विज्ञान को भारत की देनवायजर की यात्राअंतरिक्ष क्षेत्र मे भारत का स्थानआईसोन धूमकेतु का आगमन मिथक और शोधदूरसंचार क्रान्ति का जनक अंतरिक्ष विज्ञानदूरदर्शी (टेलीस्कोप) की विकास यात्राबस हमारा सौर मंडल कोई दुसरा नहींभारतीय चंद्रयान अभियान विकास यात्राज्योतिष और खगोल विज्ञानधूमकेतू पृथ्वी पर जीवन के जनकअंतरिक्ष विज्ञान अध्ययन क्षेत्र मे व्यावसायिक सम्भावनायेअंतरिक्ष यात्रियों व वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश आदि विषयों पर मुक्तहस्त  निबंध लेखन के लिए दो घंटे का समय प्रदान किया गया था बच्चों ने बहुत ही उत्साह से इस मुक्तहस्त निबंध लेखन मे भाग लिया और अपने विचारों को प्रकट किया
निबन्धों की झलकियां 
दूरसंचार क्रान्ति का जनक अंतरिक्ष विज्ञान विषय पर लिखते हुए बताया कि  उपग्रह तकनीक के कारण ही दूरसंचार के साधन टेलीफोन, फैक्स, इंटरनेट, टेलीविजन आदि काम करते हैं।  उपग्रह संचार प्रणाली के द्वारा ही मौसम की  मोनिटरिंग की जाती है जिससे वर्षा, बाढ़, चक्रवात, अतिवृष्टी, दावानल, बर्फबारी आदि प्राकृतिक आपदाओं का पता लगता है। उपग्रह संचार प्रणाली की नयी तकनीक  द्वारा ही आजकल कृषि की  मोनिटरिंग की जाती है जिस में फसल का रकबा, बीमारी आदि का पता मिनटों में लगाया जा सकता है। कृत्रिम उपग्रह से जीपीएस प्रणाली से सड़क, वायु, जल परिवहन में बहुत लाभ लिए जा रहें हैं। रिमोट सेंसिंग के द्वारा उन दुर्गम स्थानों का अध्ययन किया जा रहा है जहां पहुँच पाना अतिकठिन होता है। अंशुल आदि ने लिखा कि इन सब प्रत्यक्ष लाभों के अलावा कृत्रिम उपग्रहों  के  और भी कुछ लाभ हैं जिन से हम सुदूर अंतरिक्ष अन्य आकाश गंगाओं व अपने सौर मंडल की महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।
आंचल ने कहा कि बिना कृत्रिम उपग्रहों के मोबाइल फोन मात्र प्लास्टिक के खिलोने ही तो हैं मोबाइल फोन अंतर्राष्ट्रीय काल पूर्णतया उपग्रहीय दूरसंचार प्रणाली के उपर निर्भर है आज अगर हमे यहां से न्यूयार्क बात करनी है तो यह चंद सेकिंड्स की दूरी पर ही तो है। देश की रक्षा और सीमाओं की सुरक्षा, विज्ञान और खोज, नेविगेशन, ट्रैकिंग, मानचित्रण सब कार्य उपग्रहीय प्रणाली से ही तो सरल व सुलभ हो पायें हैं।
अंतरिक्ष मे  बढ़ रहे मानवीय हस्तक्षेप पर चिंतित दिखे विद्यार्थी  
दूसरी तरफ कृत्रिम उपग्रह प्रणाली व अंतरिक्ष में मनुष्य बढ़ते के हस्तक्षेप पर चिंता व्यक्त करते हुए पारुल आदि ने लिखा कि इस हस्तक्षेप से ओजोन की परत को नुकसान पहुंचता है और दुश्मन देश के जासूसी उपग्रहों से देश की सुरक्षा को खतरा पहुँच सकता है। आंतकवादी इस अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठा कर कोई नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमन, अंकित व राहुल ने स्पेस वार पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा कि  अंतरिक्ष युद्ध मानवता के लिए खतरा है क्यूंकि यह सैद्धांतिक रूप से सम्भव हो चुका है कि अंतरिक्ष में मिसाइल आदि अस्त्रों को स्टोर कर के रखा जा सकता है और वहाँ से किया गया एक वार आणविक बम्ब जितना नुकसान करेगा।
अंतरिक्ष के क्षेत्र के महानुभावों को भी किया याद 
बच्चों ने नील आर्मस्ट्रोंग, एडविन एल्ड्रिन जूनियर, यूरी गागरिन, राकेश शर्मा, कल्पना चावला, सुनीता विलियम, विक्रम साराभाई, डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, माधवन नायर आदि अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के जीवन पर भी प्रकाश डाला गया व साथ ही साथ मार्स रोवर क्यूरियोसिटी, भारतीय चंद्रयान अभियान, गाड पार्टिकल, डार्क मैटर, सन स्पाट, इसरो और नासा के बारे में भी लिखा।
कुल कितने प्रतिभागी  
अंतरिक्ष सप्ताह के आयोजन मे कुल तीन स्कूलों के पांच सौ से अधिक प्रतिभागियों ने आठ इवेंट्स मे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भाग लिया जिनमे से नब्बे बच्चों ने मेरिट प्रमाण पत्र प्राप्त किये  
प्रमाण पत्र वितरण 
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के सफल आयोजन में सावियो, मुस्कान, श्रेया, सोम्या, चेतना, सुप्रीत, नमन, सोनल, शुभदीप, संयम, सूर्यांश, मिलन, अमीषा, ललित,आकांक्षा, योगिता, रमनीत कौर, भारत, जतिन, हर्षित, लोकेन्द्र, याशिका, अरुष्प, दिशांत, विभूति, रागिनी, दक्ष, अभिषेक, कार्तिक, मिहिर, लक्ष्य, हर्षिता गौतम, हर्षिता शर्मा, निकिता, हर्ष, हार्दिक, भौरम, जोया, नेहा, हिमांशु, योगेश, किरण, अनिकेत, अंशुल, कपिलचौहान, सलमान, शुभम, लवली, गौरव, निशा, अंजू, आरती, अनु, सोनिया, पूजा, दिव्या, आंचल, पलक, पारस, अमन, सोनाक्षी, रीमा, आंचल, आरुषि, शगुन, स्पर्श गम्भीर, अवनि, इशप्रीत, जसमीत, काजल, पार्थवी आदि क्लब सदस्यों का  योगदान  सराहनीय रहा। 
विज्ञान अध्यापिकाओं ममता वर्मा, रोमी बक्शी, किरण मनोचा, पूजा कालरा, मिशिका, अमनदीप कौर, साक्षी सिक्का, आदि का योगदान सराहनीय रहा 
अखबार मे  


   

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