Monday, September 23, 2013

खगोल-विज्ञान जागरूकता अभियान Astronomy Awareness campaign

खगोल-विज्ञान जागरूकता अभियान Astronomy Awareness campaign 
खगोल-विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम 
सी वी रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर ने स्थानीय मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी मे अंतरिक्ष विज्ञान संचार कार्यक्रम के अंतर्गत खगोल-विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम की शुरुवात की। इस कार्यक्रम मे क्लब सदस्यों व अध्यापकों को विभिन्न पूर्व व भविष्य मे होने वाली खगोलीय घटनाओं से अवगत करवाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमति शशि बाठला ने किया। क्लब प्रभारी व विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने विद्यार्थियों को  कार्यक्रम में इरैटोस्थनीज प्रयोग, उन्नयन कोण, त्रिकोणमितीय गणनाओं, सूर्यकोण मापन, न्यूनतम परछायी प्रेक्षण, अक्षांशीय व देशान्तर रेखाओं की स्थिति,
नवम्बर मे दृश्यमान होने वाला आइसोन धूमकेतू 
नवम्बर मे दृश्यमान होने वाले आइसोन धूमकेतू अवलोकन, अक्टूबर मे घटित होने वाले चन्द्र ग्रहण अवलोकन आदि की सैद्धान्तिक व प्रायोगिक जानकारियां  दी गई।
आज है शरद विषुव पर होंगे दिन व रात बराबर
शरदकालिक विषुव प्रस्तुति 

शरदकालिक विषुव तेईस सितम्बर यानि कि आज का दिन एक खास विशेषता रखता है कि आज दिन व रात की अवधि बराबर होगी। विषुव एक खगोलीय घटना है जो साल मे दो बार होती है मार्च मे वसंत विषुव और सितम्बर मे शरद विषुव या शरद सम्पत होता है ये दो सम्पात संक्रान्तियाँ कहलाती हैं। स्थानीय मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी मे सी वी रमण विज्ञान क्लब सदस्यों को ऐसी जानकारी देते हुए विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल बवेजा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष चार बार ऐसी स्थितियां आती हैं जब सूर्य भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा पर होता है तब क्रमश मार्च विषुव, जून अयनांत, सितम्बर विषुव, दिसम्बर अयनांत चार सूर्य स्तिथियां बनती है। इस बार तेइस सितम्बर यानि आज शरद विषुव को सूर्य भूमध्य रेखा पर होगा और यदि कोई व्यक्ति भूमध्य रेखा पर खड़ा हो तो सूर्य उसे सीधे अपने सिर के ऊपर दिखाई देगा और एक निश्चित समय पर उस  की परछाई शून्य हो जायेगी। इसका यह भी अर्थ है कि आधा ग्रह पूरी तरह प्रकाशित होता है और इस समय दिन और रात लगभग बराबर होते हैं।
कहाँ कहाँ से गुजरती है भूमध्य रेखा 
भूमध्य रेखा चौदह देशों मे से स्थल या जल से होकर जाती है। पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्रीय ही है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना के लिए अच्छे होते हैं गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ व  फ्रेंच गुयाना का अंतरिक्ष केंद्र भी भूमध्य रेखा पर ही स्थित है। कीनिया गणतंत्र पूर्वी अफ्रीका में भूमध्य रेखा पर स्थित है। इक्वाडोर देश भूमध्य रेखा पर है  जिसके आधार पर ही इस देश का नाम इक्वाडोर रखा गया है  भूमध्य रेखा इक्वाडोर को दो भागों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी क्विटो और सबसे बड़ा शहर गुआयाकिल है।
क्यूं होता है ऐसा ? 
सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से वर्ष में दो बार इक्कीस मार्च और तेइस सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है। इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं। भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर सैद्धांतिक रूप से बारह  घंटों के दिन और रात होते हैं।
क्या होता है इस कारण?
शरद विषुव से मौसम मे बदलाव के असर दिखाई देने लग जाते हैं इस दिन से भूमध्य रेखा के  उत्तर में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं जो शीतकाल की शुरुआत का संकेत है और इसके उल्ट भूमध्य रेखा के  दक्षिण में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं जो ग्रीष्मकाल की शुरुआत का संकेत है। भूमध्य रेखा के दोनों और के गोलार्धों में मौसम एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी लगभग समान ही रहता है।
 पृथ्वी की परिधि नापने का प्रयोग
क्लब सदस्यों ने किया पृथ्वी की परिधि नापने का प्रयोग
शरद विषुव के अवसर का लाभ उठाते हुए क्लब सदस्यों व स्कूल के विद्यार्थियों ने अपना चिर परिचित पृथ्वी की परिधि नापने का प्रयोग भी किया। इस  प्रयोग मे बच्चो ने दर्शन लाल विज्ञान अध्यापक के मार्गदर्शन मे इस प्रयोग से समबन्धित प्रेक्षण लिए व आवश्यक गणना की व पृथ्वी की परिधि ज्ञात की। उन्होंने बताया कि क्लब पृथ्वी की परिधि नापने के प्रयोग को पब्लिक इवेंट बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। विश्व मे बहुत से देशो के विज्ञान संचारक व अध्यापक नियमित रूप से इस प्रयोग को कर रहे हैं जिनके साथ यमुनानगर को भी इन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लाया जाएगा। इस प्रयोग मे कार्तिक, अमन, पारस, निखिल, स्पर्ष, सूर्यांश, क्रमिका सान्याल, सुमेधा गल्होत्रा, श्रेया सचदेवा, युक्ता, साविया, आरुषि व पार्थवी ने भाग लिया। इस अवसर पर ममता वर्मा सचदेवा, अमनदीप कौर, शिव कुमार, रोमी, वीना, किरण,विदुषी, मनीषा,मंजू  आदि अध्यापको का योगदान सराहनीय रहा।
२२/०९/२०१३ को पृथ्वी से ISON की स्थिति
अखबारों मे







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