कहाँ तक पहुंचा इसोन ISON Updates
सी वी रमण विज्ञान क्लब, यमुनानगर हरियाणा
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साभार नासा |
इसोन
धूमकेतु पिछले लगभग 1 वर्ष से चर्चा में है। हाल ही में नासा की इन्फ्रारेड
स्पिटज़ेर अंतरिक्ष दूरदर्शी ने इसोन धूमकेतु की तस्वीरे लीं जब इसोन धूमकेतु सूर्य
से 3120 लाख मील (5020 लाख किलोमीटर)
दूर था। स्पिटज़ेर टेलीस्कोप द्वारा लिए गए इन चित्रों में धूमकेतु के पीछे लंबी महीन चट्टानी धूल की पूँछ दिखाई देती है जो कि सूर्य के प्रकाश से चमकती
है। एक और चित्र में धूमकेतु के चारों
और प्राकृतिक गैसों का वातावरण है जो कि उसी की जमी हुई कार्बन डाइआक्साइड से
उत्पन्न कार्बन डाइआक्साइड गैस के रूप में है। इसोन से प्रतिदिन 22 लाख पौंड (10 लाख किलोग्राम)कार्बन डाइआक्साइड
गैस उसके चारों और एकत्र होती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि नासा की इन्फ्रारेड स्पिटज़ेर अंतरिक्ष
दूरदर्शी से लिए गए चित्रों से पता चला कि इसोन धूमकेतु
के धूल और कार्बन डाइआक्साइड के गुबार उसके पीछे उसकी तीन लाख किलोमीटर लंबी महीन चट्टानी धूल की पूँछ
बना रहे हैं।
नासा की पैनी नज़र
है इसोन पर
नासा के इसोन निरीक्षण अभियान के
मुखिया केरी लिस्से जो कि जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी में एक वरिष्ठ अनुसंधान
वैज्ञानिक भी हैं, ने
बताया कि हमारे अनुमान के अनुसार इसोन धूमकेतु प्रतिदिन
दस लाख किलोग्राम कार्बन डाइआक्साइड गैस और 550 लाख किलोग्राम धूल उत्सर्जित कर
रहा है। नासा के हब्बल स्पेस
टेलीस्कोप और स्विफ्ट
गामा रे ब्रस्ट
मिशन और डीप इम्पेक्ट अंतरिक्ष यान
द्वारा किए गए पूर्व प्रेक्षणों से हमें
इसोन से किसी भी गैस
उत्सर्जन के लिए केवल
ऊपरी सीमा ज्ञात हो पायी थी परन्तु स्पिट्जर
ने सुनिश्चित कर दिया है कि इसोन धूमकेतु सभी
गतिविधियाँ गैस के द्वारा ही संचालित हैं।
कितना बड़ा और
कितनी दूर है इसोन
शोधकर्ताओं का कहना है कि 13 जून के प्रेक्षणों के समय तक इसोन धूमकेतु सूर्य से पचास करोड़ बीस लाख
किलोमीटर दूर था। इसोन धूमकेतु पाँच किलोमीटर जितना
विस्तृत और बड़ा पिंड है। 28
नवम्बर 2013 को यह सूर्य की सतह के सबसे नजदीक यानि कि
ग्यारह लाख साठ हज़ार किलोमीटर दूर होगा। सूर्य के
साथ इतनी नजदीकी के समय यह नाटकीय ढंग से लपटें भी उत्पन्न कर सकता है और तब यह आकाश
में पूर्णिमा के चंद्रमा से भी अधिक चमकेगा। धूमकेतु
के हालिया अध्ययन से प्रतीत होता है कि इसका अधिकाँश कार्बन इसमें कार्बन डाइआक्साइड
की बर्फ के रूप में जमा पड़ा है। जैसे-जैसे यह
सूर्य के नजदीक आता जाएगा गर्म होता जाएगा और जुलाई के अंत या अगस्त के आरम्भ में मंगल
की कक्षा में पहुँचने पर हम इसमें जमी हुई गैसों का और अधिक पता लगा सकेंगे।
अनुमान व आशंकाएँ
इस कि कोई गारंटी भी नहीं है कि इसोन प्रचलित अनुमानों जैसा रहेगा। यह सूर्य के नजदीक आकर टूट भी सकता है और सदी के अन्य अज्ञात धूमकेतुओं की तरह विस्फोट से असफल भी हो सकता है। किसी भी धूमकेतु के बारे में स्टीक भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है इसलिए अभी भी इसोन के आकाशीय प्रदर्शन के बारे में भी कोई भविष्यवाणी कठिन कार्य है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऊर्ट क्लाउड से आंतरिक सौरमंडल की और इसोन धूमकेतु का सम्भवतः यह पहला ही दौरा है।
ज्ञान की कईं परते खोलेगा
इसोन धूमकेतु
नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के
निदेशक जिम ग्रीन ने एक बयान में कहा है कि इसोन बहुत ही रोमांचक है और हमें इसोन
के संगठनात्मक ढाँचे के अध्ययन व एकत्र आँकड़ों के अध्ययन से सौरमंडल के प्रारम्भिक
निर्माण के बारे में जानने में बहुत आसानी होगी। कुछ
अन्य खगोलविदों ने इसोन के बारे में कहा है कि यह धूमकेतु मात्र स्काइ वाचिंग मनोरंजन
ही नहीं उससे भी बहुत अधिक बताने वाला है। उनके अनुसार यह इसोन मौलिक
निर्माण ब्लॉक, पानी, अमोनिया, मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य सामग्रियों से
बना मौलिक खगोलीय पिंड भी हो सकता है
और यही नहीं यह 4.5 अरब वर्ष पहले की तरह से ग्रहों की
निर्माण सामग्री से भरा भी हो सकता है। इससे यह जानने में
भी सुराग मिलने की सम्भावना बनेगी कि सौरमंडल के ग्रहों के प्रारम्भिक
निर्माण में तब क्या और कैसे हुआ था। साथ ही इस अवधारणा की भी जाँच होने की
सम्भावना है कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति हेतु कच्चा माल धूमकेतुओं से ही आयातित
हुआ था या नहीं।
बस चंद
दिनों की ही प्रतीक्षा रह गयी है। हमें इसोन-सदी के धूमकेतु, के नज़ारे का आनंद
लेने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। हमें आशा करनी
चाहिए कि सदी का सबसे बड़ा धूमकेतु हमें निराश नहीं करेगा और इसके खोजकर्ता शौकिया
खगोलविदों विताली नेवसकी और अर्त्योम नोविचोनोक की मेहनत बेकार नहीं जायेगी।सी वी रमण विज्ञान क्लब, यमुनानगर हरियाणा
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [12.08.2013]
ReplyDeleteचर्चामंच 1335 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
स्पिट्जर की अगर हीलियम गैस ख़त्म हो चुकी है तो यह अपनी कक्षा में कैसे टिका हुआ है ,कृपया बताये। ।?
ReplyDeleteहिलियम उसका ईघन नही है.
DeleteSir , कृपया बतायें की इसका ईंधन क्या है और हिलियम इसके किस कार्य के काम आती है..?,
Deleteआगे की संभावनाएं कहाँ तक पूरी हुईं जानने की प्रतीक्षा रहेगी-आपका आभार!
ReplyDeleteवृसतृत जानकारी के लिए धन्यवाद...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी साझा की है आपने। आपका सहर्ष धन्यवाद।
ReplyDeleteएक बार अवश्य पढ़े : एक रहस्य का जिंदा हो जाना - शीतला सिंह
आपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 6 अगस्त से 10 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
ReplyDeleteकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा