मई महीना विज्ञान गतिविधियों के नाम May month of science activities
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर मे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत आज कक्षा छह से दस तक के विद्यार्थियों ने अपने द्वारा बनाए गए विज्ञान प्रदर्शों का प्रदर्शन किया। \
विद्यालय के बच्चे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत बहुत उत्साह से भाग ले रहे हैं और उनको सभी विषयों मे बहुत कुछ नया नया सीखने को मिल रहा है। तीन चार दिनों के अभ्यास मे ही बच्चे विज्ञान गतिविधियों मे अभूतपूर्व परिणामों का प्रदर्शन कर रहे है।
अलाहर के
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के क्लब सदस्यों ने कक्षा तत्परता कार्यक्रम के
अंतर्गत अपने विज्ञान अध्यापकों दर्शन लाल बवेजा और सोनिया शर्मा के साथ प्रकृति
अवलोकन के जरिये ज्ञानार्जन किया। कक्षा नवम व दशम के छात्र छात्राओं को समूहों मे
बाँट कर स्थानीय प्राकृतिक स्थलों बगीचों, खेतों व यमुना नहर
के किनारे के जंगलात का भ्रमण करवाया गया। इन प्राकृतिक स्थलों के अवलोकन से
विद्यार्थियों ने बहुत कुछ सीखा और प्रकृति को प्रत्यक्ष अवलोकन से जाना।
विज्ञान के कम लागत के प्रयोग
राजकीय वरिष्ठ
माध्यमिक विद्यालय अलाहर मे कक्षा तत्परता कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं। इन गतिविधियों मे सी वी रमण विज्ञान क्लब के दर्शन लाल व सोनिया शर्मा ने विज्ञान के कम लागत के प्रयोग करके
दिखाए गये। इन प्रयोगों की खास बात यह थी कि ये सारे माडल वेस्ट पदार्थों से बनाए गए
थे। इन प्रयोगों मे बच्चों को भौतिकी मे विधुत, चुम्बकत्व,
गति, आघूर्ण, बल,
गुरुत्व, आवेश, वायु दबाव,
बरनौली, पास्कल, आर्कमिडिज,
न्यूटन, प्रकाश का अपवर्तन, प्रकाश का परावर्तन, प्रकाश का विक्षेपण, विधुत मोटर व डायनमो, विधुत फ्लस्क, आवेश विसर्जन, घर्षण, चलचित्र,
पम्प, ध्वनि की उत्पत्ति एवं संचरण आदि सिद्धांतों
नियमों के नवाचारी प्रयोग करके दिखाये।
विज्ञान अध्यापक
दर्शन लाल बवेजा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने राज्य के विद्यालयों में
प्रवेश उत्सव के दौरान सभी छात्र छात्राओं में पठन-पाठन के प्रति
रूचि उत्पन्न करने के लिए कक्षा तत्परता कार्यक्रम (सीआरपी)
लागू किया है। कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न उपयोगी गतिविधियां
करवाए जाने के आदेश हैं। शिक्षकों को प्रवेश उत्सव के बाद संजिदगी से कक्षा तत्परता
कार्यक्रम कार्यक्रम को चलाने आदेश दिए गए हैं। सीआरपी के तहत पहली कक्षा से लेकर बारहवी
कक्षा तक के लिए विभाग ने विशेष मॉड्यूल तैयार करवाए गए हैं
इन खास माड्यूल्स के दो दो सेट विद्यालय मुखियाओं को उपलब्ध करा दिए गए है। बच्चों के सार्वागीण विकास के तहत उन्हें विज्ञान, बैंक प्रणाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, डाक घर, अल्प बचत, स्वास्थ्य सुरक्षा, सामुदायिक सहयोग भावना का विकास, रुचिकर गणितीय गतिविधियां, योगा, प्रकृती भ्रमण, जल संरक्षण के तरीके, कीटनाशियों व उर्वरकों के प्रयोग की हानियाँ, बेस्ट आउट आफ वेस्ट, दैनिक क्रियाकलापों के वैज्ञानिक सिद्धांत समझना, सुलेख, कथा लेखन, पेंटिंग, क्ले मोडलिंग, जीवन रक्षा गुर, प्राथमिक चिकित्सा, किताबों पर जिल्द बाँधना व ठोस कचरा प्रबंधन का सैद्धांतिक व प्रयोगात्मक ज्ञान दिया जा रहा है।
इन खास माड्यूल्स के दो दो सेट विद्यालय मुखियाओं को उपलब्ध करा दिए गए है। बच्चों के सार्वागीण विकास के तहत उन्हें विज्ञान, बैंक प्रणाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, डाक घर, अल्प बचत, स्वास्थ्य सुरक्षा, सामुदायिक सहयोग भावना का विकास, रुचिकर गणितीय गतिविधियां, योगा, प्रकृती भ्रमण, जल संरक्षण के तरीके, कीटनाशियों व उर्वरकों के प्रयोग की हानियाँ, बेस्ट आउट आफ वेस्ट, दैनिक क्रियाकलापों के वैज्ञानिक सिद्धांत समझना, सुलेख, कथा लेखन, पेंटिंग, क्ले मोडलिंग, जीवन रक्षा गुर, प्राथमिक चिकित्सा, किताबों पर जिल्द बाँधना व ठोस कचरा प्रबंधन का सैद्धांतिक व प्रयोगात्मक ज्ञान दिया जा रहा है।
विज्ञान प्रदर्शों का प्रदर्शन किया।
क्लब सदस्यों ने विभिन्न वैज्ञानिक नियमों और सिद्धांतों को दर्शाते विज्ञान माडलो को बनाया और उनका प्रदर्शन किया।
विद्यालय के बच्चे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत बहुत उत्साह से भाग ले रहे हैं और उनको सभी विषयों मे बहुत कुछ नया नया सीखने को मिल रहा है। तीन चार दिनों के अभ्यास मे ही बच्चे विज्ञान गतिविधियों मे अभूतपूर्व परिणामों का प्रदर्शन कर रहे है।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल व सोनिया शर्मा के मार्ग दर्शन मे अरुण व शिवम ने आज्ञाकारी गेंद बना कर घर्षण को समझा। लवली ने यांत्रिक ऊर्जा को दिखाता कम्पन पंखा बनाया। विशु ने रदरफोर्ड का प्रयोग का प्रदर्श बनाया। मीनू ने सिगरेट के दुष्प्रभाव दिखाता श्वशन तंत्र का वर्किंग माडल बनाया। ज्योति ने वायु दिशासूचक, योगेश ने चुम्बकत्व व सोनिया ने विधुत मोटर का वर्किंग माडल बनाया।
निशा ने विधुत प्रेरण पर और पारुल ने वायु दबाव को दर्शाता माडल बनाया। केशव ने सोलर हाउस व अंजू ने राकेट का माडल बनाया। महक ने होवरक्राफ्ट व दिव्या ने उत्प्लावन बल को समझाता प्रदर्श बना कर अपनी वैज्ञानिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
प्रधानाचार्य ने सभी अध्यापकों के कक्षा तत्परता कार्यक्रम का निरीक्षण किया और बच्चो के काम को सराहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बच्चो मे बहुत क्षमताएं होती है बस उन्हें अवसर और मार्ग दर्शन की कमी रहती है यदि इन बच्चों को उचित प्लेटफार्म व अवसर प्रदान किया जाए तो ये भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं और कक्षा तत्परता कार्यक्रम इस मार्ग मे एक सार्थक पहल है।
प्रकृति
अवलोकन से ज्ञानार्जन किया विद्यार्थियों ने
विज्ञान
अध्यापक दर्शन लाल ने बताया कि इन स्थलों पर बच्चे बहुत बार गए होंगे परन्तु अपने
अध्यापको के साथ विस्तार से पेड़ पौधों, मिट्टी आदि के बारे
मे जान कर वो प्रकृति व मनुष्य के बीच गहरे नाते को जान पाए। उन्होंने यह भी बताया
कि विज्ञान एक ऐसा विषय है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवलोकन के जरिए सिद्धांतों
का प्रमाणों के साथ मिलान पर आधारित है। अध्यापक पाठ्यक्रम की जटिलताओं और
पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा से बँधे होते हैं इसलिए अध्यापक
विज्ञान जैसे विषय को भी पढ़ाने के लिए निर्देशात्मक शैली अपनाते हैं जो कि प्रश्न
उत्तर की रट्टा विधि पर आधारित होती है इस
प्रणाली मे पाठ पढ़ाने में एवं उसकी तैयारी
करवाने अध्यापक को ज्यादा वक्त नहीं लगता। निर्देशात्मक शैली से बच्चे ज्ञान तो अर्जित करते हैं लेकिन वे इस
ज्ञान का उचित उपयोग करना नहीं सीख पाते।
इस प्रकृति
अवलोकन के उद्देश्यों बारे अवगत कराते हुए सोनिया शर्मा ने बताया कि बच्चों को
अपने आसपास की चीजों के साथ खुद का व समाज का सरोकार विकसित करने में बच्चों की
मदद करना है। अवलोकन के माध्यम से बच्चे सूक्ष्मता से परीक्षण करने में सक्षम होते
हैं ताकि वे प्रकृति को और बेहतर ढंग से समझ सकें। बच्चे प्रकृति को अपने
पाठ्यक्रम के साथ प्रमाणिक तौर पर वर्गीकरण व विविधता को जोड़ कर देख सकें।
बच्चो ने
प्रकृति अवलोकन से क्या सीखा
प्रधानाचार्य
नरेंद्र धींगडा ने कक्षा तत्परता कार्यक्रम मे निरीक्षण के दौरान बच्चों से पूछा
कि उन्होंने क्या क्या सीखा तो कपिल, अंशुल, हिमांशु आदि विद्यार्थियों बताया कि प्रकृति अवलोकन से उन्होंने सीखा कि
जहाँ भी और जब भी सम्भव हो सके हमे पौधे
लगाने चाहियें। हम अपने घर खेत खलिहान मे अपने लिए एक सुन्दर-सा किचन गार्डेन
बनाएंगे। किचन गार्डेन करेला, सरसों, बैंगन,
टमाटर, नीबू, मिर्च,
मेथी, करी पत्ता एवं मीठा नीम जैसे पौधे
उगाएंगे। हम स्कूल के अध्यापकों से सूचना
और मार्गदर्शन हासिल करके गाजर घास उन्मूलन अभियान चलायेंगें व पर्यावरण संरक्षण
करेंगें। प्रवक्ता
संजय शर्मा ने बच्चों की तत्परता को देखते हुए कहा कि अध्यापकों के प्रयासों के
कारण प्रतीत होता है कि विद्यार्थियों ने प्रकृति के साथ अपना गहरा रिश्ता स्थापित
कर लिया है यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है।
विज्ञान एवं गणित क्विज का आयोजन
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर मे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान एवं गणित क्विज का आयोजन किया गया। इस अंतरकक्षीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे कुल छह टीम ने भाग लिया। प्रश्नोत्तरी मे आठ राउंड मे आडियो विजुअल, प्रायोगिक गातिविधि प्रश्न राऊंड भी रखे गए। पूछे गए प्रश्नों को सरलतम, सरल, औसत, कठिन व कठिनतर स्तर मे रखा गया। इस प्रश्नोत्तरी मे दर्शकों और अध्यापकों से भी प्रश्न पूछे गए।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल, सोनिया शर्मा व गणित अध्यापकों रणजीत सिंह व लवलीन कौर ने क्विज मास्टर व स्कोरर की भूमिका अदा की।
इस क्विज प्रतियोगिता मे कपिल चौहान व अंशुल की टीम प्रथम स्थान पर रही। ज्योति व हिमांशु की टीम द्वितीय स्थान पर रही। ज्योति व महक की टीम तृतीय स्थान पर रही। क्विज प्रतियोगिता के संचालन मे धर्मेन्द्र सिंह, संजय शर्मा, सुनील कुमार, सुभाष चंद, संदीप कुमार अध्यापकों का योगदान सराहनीय रहा।
विज्ञान एवं गणित क्विज का आयोजन
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर मे कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान एवं गणित क्विज का आयोजन किया गया। इस अंतरकक्षीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता मे कुल छह टीम ने भाग लिया। प्रश्नोत्तरी मे आठ राउंड मे आडियो विजुअल, प्रायोगिक गातिविधि प्रश्न राऊंड भी रखे गए। पूछे गए प्रश्नों को सरलतम, सरल, औसत, कठिन व कठिनतर स्तर मे रखा गया। इस प्रश्नोत्तरी मे दर्शकों और अध्यापकों से भी प्रश्न पूछे गए।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल, सोनिया शर्मा व गणित अध्यापकों रणजीत सिंह व लवलीन कौर ने क्विज मास्टर व स्कोरर की भूमिका अदा की।
इस क्विज प्रतियोगिता मे कपिल चौहान व अंशुल की टीम प्रथम स्थान पर रही। ज्योति व हिमांशु की टीम द्वितीय स्थान पर रही। ज्योति व महक की टीम तृतीय स्थान पर रही। क्विज प्रतियोगिता के संचालन मे धर्मेन्द्र सिंह, संजय शर्मा, सुनील कुमार, सुभाष चंद, संदीप कुमार अध्यापकों का योगदान सराहनीय रहा।
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