दर्शन लाल बवेजा (साइंस मास्टर/ESHM) राजकीय मॉडल संस्कृति/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर/कैम्प/दामला यमुनानगर द्वारा सी वी रमण विपनेट (2017, 2019 राष्ट्रीय विजेता) विज्ञान क्लब यमुनानगर का विज्ञाननामा ......
प्रयोग व कार्यशाला में कक्षा
पांच से ग्याराह तक के चुनिन्दा विद्यार्थी
विश्वास और तुषार के ग्रुप ने मापी सबसे सही पृथ्वी की परिधि Results of Circumference of Earth Experiment
विश्वास, तुषार व अंकुर की टीम
23
सितम्बर को मुकुन्द लाल पब्लिक स्कूल, सरोजनी कॉलोनी, यमुनानगर mukund lal public school yamunanagar में पृथ्वी
की परिधि मापने का प्रयोग करवाया गया था। इस प्रयोग व कार्यशाला में कक्षा
पांच से ग्याराह तक के चुनिन्दा विद्यार्थियों को इरैटोस्थनीज प्रयोग के
संदर्भ में उन्नयन कोण, त्रिकोणमिति सूत्रों, सूर्यकोण मापन, न्यूनतम
परछायी, अक्षांशीय व देशान्तर रेखाओं, पृथ्वी की परिधि, पृथ्वी की त्रिज्या
ज्ञात करने की सैद्धान्तिक व प्रायोगिक जानकारियाँ दी गई थी। इस प्रयोग
में यमुनानगर जिले के कुल 55 विद्यार्थियों ने 11 समूहों में भाग लिया था।
इन विद्यार्थियों के प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों को प्राप्त
अंतर्राष्ट्रीय इरैटोस्थनीज प्रयोग संस्था को फ्रांस भेजा गया था जहां इन
सभी समूहों के आंकड़ों को अन्य देशों से प्राप्त आंकड़ों के साथ सम्मिलित
गणना करके पृथ्वी की परिधि ज्ञात की गयी थी।
प्रयोग के परिणाम का ज्यामितीय आरेख
क्लब समन्वयक दर्शन
लाल विज्ञान अध्यापक ने बताया कि इस प्रयोग के अंतर्राष्ट्रीय परिणाम
प्राप्त हो चुके हैं जिसमे सबसे शुद्ध गणना के आधार पर मुकुन्द लाल पब्लिक
स्कूल के समूह संख्या नवम के छात्र विश्वास, तुषार व अंकुर को प्रथम स्थान
प्राप्त हुआ है इन तीनो छात्रों व इनकी मार्गदर्शक विभागाध्यक्ष डाक्टर
ममता वर्मा को अंतर्राष्ट्रीय इरैटोस्थनीज संस्था फ्रांस की तरफ से
अंतर्राष्ट्रीय इ-ट्विनिग़ प्रमाणपत्र से नवाजा जाएगा।
मलेशिया के कुआनतान के एस ऍम के आलोर आकार
इस बार
दुनिया भर के विभिन्न देशों के स्कूल कालेज के विद्यार्थियों ने सितम्बर
विषुव के दिन इस प्रयोग को किया, जिसमे मुकुन्द लाल पब्लिक स्कूल के तुषार व
विश्वास इस समूह को मलेशिया के कुआनतान के एस ऍम के आलोर आकार स्कूल के
विद्यार्थियों की गणना के साथ सम्मिलित किया गया। कुआनतान की यमुनानगर से
अक्षांशीय दूरी 2922 किलोमीटर है। 26.6 डिग्री सूर्यकोण के अंतर के साथ
दोनों स्कूलों के सम्मिलित गणना से पृथ्वी की परिधि 39,546 किलोमीटर
प्राप्त हुई, जिसकी मानक पृथ्वी की परिधि 40,075 किलोमीटर से 1.3 प्रतिशत
त्रुटि दर्ज की गयी।
बच्चों में आधारभूत विज्ञान संकल्पनाओ को
प्रायोगिक तौर पर हाथ से करके देखने के लिए प्रयोग करने वाले सी वी रमन
विज्ञान क्लब के इन विजयी सदस्यों को मुकुन्द लाल पब्लिक स्कूल की
प्रधानाचार्य श्रीमती शशि बाठला, प्रयोग के राष्ट्रीय संयोजक श्री दीपक
कुमार व प्रयोग के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक मिस्टर एरिक वायसी ने बधाई और
शुभकामनाये दी हैं।
अगला प्रयोग 21 दिसम्बर सबसे छोटे दिन (विंटर सॉल्स्टाइस) को किया जाएगा। अखबार अमर उजाला में .......
ब्रौंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस : एक विज्ञान विद्यालय ऐसा भी Bronx HS of Science
उस स्कूल में कौन अपने
बच्चे नहीं पढ़ाना चाहेगा जहां नोबल पुरस्कार विजेता और पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं
की नर्सरी तैयार होती है। आज अमर उजाला अखबार व अंतर्जाल पर विभिन्न साइटों पर एक
ऐसे ही एक स्कूल की जानकारी मिली जहां के कुल 8 भूतपूर्व छात्रों को महान नोबल पुरस्कार मिला है।
7 को भौतिकी में और इस बार
पहला रसायन में मिला है। तो क्यूँ ना क्लब सदस्यों को ऐसे स्कूल से वाकिफ करवाया जाए जहां बचपन से ही ऐसा वातावरण तैयार किया जता है कि बाल मन में विज्ञान के क्षेत्र में शोध करने की प्रेरणा मिले। भारत में भी ऐसे स्कूलों की खास आवश्यकता है जो खेल और विज्ञान में देश को उत्कृष्ट बालक खोज कर दे और वो बालक वैज्ञानिक और खिलाड़ी बन कर देश का नाम रोशन कर सकें।
न्यूयॉर्क
सिटी का यह हाई स्कूल इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि पिछले दिनों इस
स्कूल के एक पूर्व छात्र रॉबर्ट लेफकोविट्ज को इस वर्ष रसायन विज्ञान के क्षेत्र
में नोबल पुरस्कार दिया गया है। यह कदाचित अकेला ऐसा हाई स्कूल है, जिसके आठ पूर्व छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार से
सम्मानित किया गया है।
वर्ष 1938 में स्थापित यह स्कूल अमेरिका के आम सार्वजनिक हाई स्कूलों की तरह ही
है, लेकिन इसे विज्ञान की प्रारंभिक शिक्षा के लिए
विशेष रूप से जाना जाता है। गणित एवं विज्ञान की पढ़ाई के लिए मशहूर इस स्कूल में
मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान की भी पढ़ाई होती है। इस स्कूल में दाखिला प्रवेश
परीक्षा के जरिये होता है, जिसमें हर वर्ष लगभग 20,000 से ज्यादा छात्र हिस्सा लेते हैं। पहले इस स्कूल में लड़कों को ही
दाखिला मिलता था, लेकिन इसके पहले प्रिंसिपल मोरिस मेइस्टर के
प्रयासों से वर्ष 1946 से इसमें लड़कियों को भी दाखिला मिलने लगा।
उन्होंने इस स्कूल पर अपनी गहरी छाप छोड़ी थी। मसलन, उन्होंने स्कूल भवन के लिए
हरे और सुनहरे रंग का चयन किया,
जो क्रमशः क्लोरोफिल एवं
सूर्य का प्रतीक है और दोनों रंग जीवन के लिए जरूरी होते हैं।
न्यूयॉर्क के अन्य स्कूलों
की तरह इसे भी सरकारी सहायता प्राप्त है, पर यहां विज्ञान की पढ़ाई
के लिए विशेष कार्यक्रम हैं। यहां छात्रों को शोध के लिए एक परामर्शदाता और
प्रयोगशाला की आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यह स्कूल नोबल के लिए ही नहीं, बल्कि छह पूर्व छात्रों द्वारा पुलित्जर पुरस्कार हासिल करने के लिए
भी जाना जाता है। नोबल पुरस्कार पाने वाले पूर्व छात्रों के चित्र वाला एक पोस्टर दरवाजे पर लगा है, इस स्कूल की 17
एथलेटिक्स टीम भी हैं।
(अमर उजाला अखबार)
प्रस्तुति: सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर, हरियाणा
द्वारा: दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर, हरियाणा
विश्व अंतरिक्ष
सप्ताह पर होंगे विभिन्न कार्यक्रम World Space Week 2012
विश्व अंतरिक्ष
सप्ताह, प्रत्येक वर्ष विश्व अंतरिक्ष सप्ताह संगठन और संयुक्त राष्ट्र
केबाह्य अंतरिक्षमामलों का विभाग
के सयुंक्त समन्वयन में पूरी दुनिया के 65देशो मेंविश्व अंतरिक्ष सप्ताह 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक मनाया जाता है इस दिन 4 अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक
प्रथमअंतरिक्ष में भेजा गया था।
इस
वर्ष 2012 के लिए विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की थीम," मनुष्य की सुरक्षा और सलामती के लिए
अंतरिक्ष""स्पेस फार ह्यूमन सेफ्टी एंड सिक्यूरिटी" The theme of the WSW 2012 is ‘Space for Human Safety and Security’ है इस वर्ष यह थीम अंतरिक्ष में विभिन्न मानव गतिविधियों द्वारा
मानवता के दैनिक जीवनमेंसुधारकाजश्नमनानेकेलिएचुना गया है।
अंतरिक्ष
में पृथ्वी अवलोकन, दूरसंचार और नेविगेशन सेटेलाईट रोजाना मानव और पर्यावरण के हित
और सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किये जा रहे हैं।
इन
विभिन्न प्रकार के उपग्रहों की मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका है आज मनुष्य इन
सेटेलाइट्स की मदद से मानवीय सहयता के प्रयास स्वरूप
दूरदराज के क्षेत्रों के लिए भोजनऔरदवाओं
केवितरणकीयोजना
बनाने और सहयता सामग्री वितरण में सहयोगी है।
शहरी
फैलाव की मॉनीटरिंग, समुद्रीमार्ग
केसुरक्षा,
खोज और बचाव कार्य सहयता, हवा की गुणवत्ता और प्रदूषण स्तर जांचने, वनोन्नमूलन व मरूस्थल
के फैलाव की मॉनीटरिंग और जंगल की आग, बाढ़ औरअन्य प्राकृतिक आपदाओंकी वजह सेनुकसान
का आंकलन करना व उन को रोकने के प्रयासों में अंतरिक्ष उपग्रहों मानव कल्याण में महत्वपूर्ण
भूमिका निभा रहे हैं।
1999
में "अंतरिक्ष
मिलेनियम सम्मेलन में अंतरिक्षऔरमानव
विकासकेलिएवियना
घोषणा" में,मानव और पर्यावरणसुरक्षाकेप्रमुख वैश्विकमुद्दों को हलकरनेकेलिएअंतरिक्ष
विज्ञान औरप्रौद्योगिकीकेउपयोगकोबढ़ानेकी सहमति व्यक्त की गई थी।
इस घोषणाकेजवाबमें दोमहत्वपूर्ण
योजनाओं की पहल की गयी थी, जिन में एक तो ग्लोबल
नेवीगेशन सेटेलाइटसिस्टम(आई सी जी) और दूसरी इंटरनेशनलचार्टर"अंतरिक्षऔर मेजरआपदाओं" परअंतर्राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया था।
आई सी जी को
संयुक्त राष्ट्रसमिति
द्वारा2001
मेंशुरू
किया गया था जिसका उद्देश्य बाह्य अंतरिक्षके
शांतिपूर्ण उपयोगऔर
ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइटसिस्टमकेउपयोग
पर चर्चाकरनेकेलिएदुनिया भर कोलाभ पहुंचाने
प्रयोग किया जाता है।
दर्शन लाल
विज्ञान अध्यापक ने बताया कि इस विश्व अंतरिक्ष सप्ताह में सी वी रमण विज्ञान क्लब के सदस्य विभिन्न स्पेस गतिविधियों में
भाग लेंगे जिस में मुख्य रूप से रात्री आकाश अवलोकन, खगोलीय पिंडों की पहचान, विश्व
अंतरिक्ष कार्यक्रम पर प्रश्नोत्तरी, मिनी दूरदर्शी बनना, रात्री आकाश में स्टार काउंटिंग,
सूर्य घड़ी बनाना, विश्व के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों व अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन
व कार्यों पर चर्चा, जल राकेट, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और चंद्रयान अभियान पर गोष्ठी, कृत्रिम
उपग्रहों के लाभ व हानि पर वाद विवाद प्रतियोगिता व पेंटिंग प्रतियोगिता, विज्ञान
व अंतरिक्ष फिक्शन कहानी वाचन आदि कार्यक्रमों
का आयोजन किया जायेगा। अमरउजाला अखबार में ...
क्लब
सदस्यों ने सीखा रात्री आकाश अवलोकन और स्टार गेजींग
क्लब सदस्यों का उत्साह
विश्व अंतरिक्ष
सप्ताह के प्रथम गातिविधि दिवस के अवसर पर आज सी वी रमन विज्ञान क्लब के सदस्यों को
रात्री आकाश अवलोकन और स्टार गेजींग कीगातिविधि
करवाई गयी।
क्लब सदस्यों
ने विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल के मार्गदर्शन में रात्री आकाश का अवलोकन किया और तारा, ग्रह, उपग्रह, तारामंडल व कईं खगोलीय
पिंडो के बारे में जाना।
रात्री
आकाश में ग्रह और तारे में चमकनेऔर
टिमटिमाने के अनुसार अंतर जानकर बच्चे बहुत उत्साहित थे आजकलरात्री आकाश में बृहस्पती ग्रह सुलभता से दर्शन
हेतु उपलब्ध है।
क्लब सदस्य आकाश दर्शन का लुत्फ़ उठाते हुए
अक्टूबर
महीने के आकाशदर्शन चार्ट के अनुसार क्लब सदस्यों ने राशिचक्र तारामंडल भी पहचानने
का दावा किया है।
इसी कड़ी
में दूसरी गातिविधि में क्लब सदस्य अंतरिक्ष विज्ञान गल्प कहानी लेखन प्रतियोगिता
में भाग लेंगेऔर तीसरी गातिविधि में क्लब सदस्य
आज राकेट का माडल बनाएंगे और वायु दबाव के प्रयोग से उसको उड़ा कर अंतरिक्ष यान
प्रमोचन के सिद्धांत को प्रयोगिक तौर पर जानगें।
अक्टूबर महीने का आकाश दर्शन चार्ट
विश्व
अंतरिक्ष सप्ताह के अवसर पर सातों दिन अलग अलग अंतरिक्ष और खगोलीय गतिविधियां
करवाई जायेंगी।
Writing Space Science Fiction and Fantasy competition अंतरिक्ष विज्ञानगल्प कथा लेखन प्रतियोगिता
आज विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतर्गत दिवस 2
गातिविधि के अंतर्गत क्लब सदस्यों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान गल्प कथा लेखन
प्रतियोगिता करवाई गयी,
जिस में 63 क्लब सदस्यों ने भाग लिया और कागज पर अपनी कल्पनाओं को
उकेरा। कोई अंतरिक्ष यात्री बन कर दूसरे ग्रह पर गया तो कोई पृथ्वी को बचाने के
लिए एलियंस से ही भिड़ गया किसी को दूसरी आकाश गंगा तक जाना है तो कोई अमरता का जल
लेने किसी अन्य ग्रह पर पहुँच गया। क्लब समन्वयक विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने
बताया कि विज्ञान और कल्पना का गहरा नाता होता है, मनुष्य पहले कल्पना करता है कि ऐसा होना चाहिए और
बाद में विज्ञान उस कल्पना को साकार रूप देता है। इस प्रतियोगिता में लिखी गयी
कल्पनाओं में बच्चों ने दिखा दिया कि विज्ञान और तकनीकी में ही वो शक्ति है जो
मनुष्य के जीवन को और सुखमय बना सकती है और कल्पनाओं को भी साकार कर सकती हैं।
इस प्रतियोगिता में पलक, पारस, अमन, सोनाक्षी,
रीमा, आंचल, आरुषि, शगुन, अवनि, इशप्रीत, जसमीत, काजल, पार्थवी आदि क्लब सदस्यों
की कहानियां चयनित की गयी और 10 अक्टूबर को विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के अंतिम दिवस पर विजयी
प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।
आज विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के
अंतर्गत गातिविधि दिवस 3
के अंतर्गत क्लब सदस्यों ने राकेट का माडल बनाया और उसे उड़ाया भी।
बच्चो में सदा यह जिज्ञासा रहती है कि अंतरिक्ष में कैसे जाया जाता है इसी
जिज्ञासा को शांत करने के उद्देश्य से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर के
विज्ञान के छात्रों ने बोतल से राकेट का माडल बनाया।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने
बच्चों को रॉकेट का सिद्धांत बताया और फिर बच्चो ने वेस्ट मेटीरियल से अपना राकेट
का माडल बनाया।
बोतल और सायकिल के वाल्वसेट के प्रयोग से बनाया गया यह माडल राकेट
पानी और वायु को उच्च दबाव पर भर कर छोड़ने से 50 फीट उपर तक गया
जिसे देख कर बच्चे बहुत उत्साहित हुए वे न्यूटन के क्रिया प्रतिक्रिया के नियम के
प्रायोगिक सत्यापन से रूबरू हुए।
आवश्यक सामग्री
आवश्यक सामग्री
एक कोल्ड ड्रिंक की 2 लीटर की बोतल
सायकिल की ट्यूब का वाल्वबाडी सेट
चार्ट पेपर
सेलो टेप
हवा भरने का पम्प आदि।
वालसेट बोतल में फिट करना
नियम और सिद्धांत
वायु दबाव
न्यूटन का क्रिया
प्रतिक्रिया का तीसरा नियम।
बनाने की विधि
एक कोल्ड ड्रिंक की 2 लीटर की बोतल लो।
उस के मुँह के 6 इंच नीचे एक आधा सेंटीमीटर का छिद्र करो।
उस छिद्र में धागे की मदद से
वाल्वबाडी का सबसे बड़ा भाग फसाओ।
नट कसते हुए
वाल्व के उपर नीचे रबर ट्यूब के
टुकड़े भी लगाओ ताकि वायु लीक ना हो सके।
वाल्व का नट कस दो।
चार्ट
पेपर का एक शंकु
अब आपका राकेट तैयार है।
सुंदर दिखाने के लिए मोटे चार्ट
पेपर का एक शंकु बना कर टेप से चिपका देते हैं।
बोतल में पानी भरते हुए
क्रियाविधि
बोतल में 200 ml पानी भर देते हैं।
दायें हाथ का
अंगूठा फसा लेते हैं
बोतल के मुहं में दायें हाथ का
अंगूठा फसा लेते हैं ताकि हवा लीक ना हो सके।
हवा पम्प करतेहुए
हवा भरने के पम्प को वाल्व में कस
कर लगभग 20 बार हवा पम्प करते हैं।
अब राकेट को उपर की और 45 डिग्री का कोण बनाते हुए सावधानी से अंगूठा निकाल लेते हैं।
अंगूठा निकालते ही माडल रॉकेट पानी
और हवा के मिश्रण को तेजी से बाहर फेकता हुआ उपर उठ जाता है।
लांचिंग करते हुए
सरोजिनी कालोनी के पार्क में
आज विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की
जानकारी आम आदमी तक भी पहुंचाने के उद्देश्य से सरोजिनी कालोनी के पार्क में इस
राकेट के प्रमोचन का पुनः प्रदर्शन किया गया। उपस्थित जनसमुदाय ने क्लब और बच्चों
के वैज्ञानिक चेतना के इस प्रयास की सराहना की।
समुदाय में प्रदर्शन
इस माडल को बनाने में अनिकेत,
अंशुल, कपिल चौहान, सलमान, शुभम, लवली, गौरव, निशा, अंजू, आरती, अनु, सोनिया, पूजा,
दिव्या, आंचल, पलक, पारस, अमन, सोनाक्षी, रीमा, आंचल, आरुषि, शगुन, अवनि, इशप्रीत,
जसमीत, काजल, स्पर्ष, पार्थवी आदि क्लब सदस्यों ने योगदान दिया। देखें यह विडियो ...........
Discussions on the life and works
of Space Scientists and Astronauts - speaker Reema Kumar अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन व कार्यों पर
चर्चा - वक्ता रीमा कुमार
date 07-10-12
बच्चों ने किया
कल्पना चावला और नील आर्मस्ट्रोंग को याद विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की गतिविधियों के
अंतर्गत आज सी. वी. रमन विज्ञान क्लब सदस्यों ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष
यात्रियों के जीवन व कार्यों पर चर्चा में भाग लिया। इस परिचर्चा कार्यक्रम में
बच्चों ने नील आर्मस्ट्रोंग, एडविन एल्ड्रिन जूनियर, यूरी गागरिन, राकेश शर्मा, कल्पना
चावला, सुनीता विलियम, विक्रम साराभाई,
डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, माधवन नायर आदि
अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला गया। मुकंद
लाल पब्लिक स्कूल की छात्रा व सक्रिय क्लब सदस्या रीमा कुमार ने अन्य क्लब सदस्यों
को प्रभावशाली तरीके से मार्स रोवर क्यूरियोसिटी, भारतीय
चंद्रयान अभियान, गाड पार्टिकल, डार्क
मैटर, सन स्पाट, इसरो और नासा के बारे
में बताया। क्लब समन्वयक विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने
बताया कि सुनीता विलियम्स ने किसी महिला के अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने
का रिकार्ड बनाया है। भारतीय मूल की अमेरिकी नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स
ने किसी महिला के अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने का और अंतरिक्ष में चहलकदमी
का पेगी व्हिटसन के रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अंतरिक्ष में सुनीता ने किसी भी महिला
अंतरिक्ष यात्री के द्वारा सबसे अधिक समय तक कुल चहलकदमी करने का नया रिकॉर्ड कायम
किया है। इस चर्चा में आंचल काम्बोज, पलक बत्रा, स्पर्ष गम्भीर ने भी अपने विचार व्यक्त
किये। कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और नील आर्मस्ट्रोंग को
भावभीनी श्रद्धांजली दी गयी। विश्व अंतरिक्ष सप्ताह की आगामी गतिविधियों
में अंतरिक्ष पेंटिंग प्रतियोगिता, कृत्रिम उपग्रहों को जानो
और अंतरिक्ष में मानव का बढ़ता हस्तक्षेप लाभ व हानि पर वाद-विवाद प्रतियोगिता की
जायेगी।
देखें यह विडियो .......
अमर उजाला अखबार में.......
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दिनांक 8-10-12
गातिविधि दिवस -5 Activity Day-5
Group Discussion on Advantages and Disadvantage of Artificial Satellites कृत्रिम उपग्रह के फायदे नुकसान पर समूह वाद - विवाद
समूह वाद - विवाद
विश्व
अंतरिक्ष सप्ताह के छठे दिवस की गतिविधियों के अंतर्गत आज सी वी रमन विज्ञान क्लब के
सदस्यों ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर में कृत्रिमउपग्रहों के फायदे नुकसान व अंतरिक्ष में बढ़
रहे मानव हस्तक्षेप पर समूह वाद – विवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कक्षा आठ व कक्षा नौं के छात्र
छात्राओं ने भाग लिया।
दो दो समूह
में क्लब सदस्यों ने पहले अंतरिक्ष विज्ञान और कृत्रिम उपग्रहों के फायदे बताए,
छात्र कपिल कुमार ने बताया कि उपग्रह तकनीक के कारण ही दूरसंचार के साधन टेलीफोन,
फैक्स, इंटरनेट, टेलीविजन आदि काम करते हैं। उपग्रह संचार प्रणाली के द्वारा ही मौसम कीमोनिटरिंग की जाती है जिससे वर्षा, बाढ़,
चक्रवात, अतिवृष्टी, दावानल, बर्फबारी आदि प्राकृतिक आपदाओं का पता लगता है। उपग्रह
संचार प्रणाली की नयी तकनीकद्वारा ही
आजकल कृषि कीमोनिटरिंग की जाती है जिस
में फसल का रकबा, बीमारी आदि का पता मिनटों में लगाया जा सकता है। कृत्रिम उपग्रह
से जीपीएस प्रणाली से सड़क, वायु, जल परिवहन में बहुत लाभ लिए जा रहें हैं। रिमोट
सेंसिंग के द्वारा उन दुर्गम स्थानों का अध्ययन किया जा रहा है जहां पहुँच पाना
अतिकठिन होता है। अंशुल ने बताया कि इन सब प्रत्यक्ष लाभों के अलावा कृत्रिम
उपग्रहोंकेऔर भी कुछ लाभ हैं जिन से हम सुदूर अंतरिक्ष
अन्य आकाश गंगाओं व अपने सौर मंडल की महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।
निशा ने
कहा कि बिना कृत्रिम उपग्रहों के मोबाइल फोन मात्र प्लास्टिक के खिलोने ही तो हैं
मोबाइल फोन अंतर्राष्ट्रीय काल पूर्णतया उपग्रहीय दूरसंचार प्रणाली के उपर निर्भर
है आज अगर हमे यहां से न्यूयार्क बात करनी है तो यह चंद सेकिंड्स की दूरी पर ही तो
है। देश की रक्षा और सीमाओं की सुरक्षा, विज्ञान और खोज, नेविगेशन, ट्रैकिंग,
मानचित्रण सब कार्य उपग्रहीय प्रणाली से ही तो सरल व सुलभ हो पायें हैं।
दूसरी तरफ
कृत्रिम उपग्रह प्रणाली व अंतरिक्ष में मनुष्य बढ़ते के हस्तक्षेप पर चिंता व्यक्त
करते हुए सलमान, लवली, पारुल ने कहा कि इस हस्तक्षेप से ओजोन की परत को नुकसान
पहुंचता है और दुश्मन देश के जासूसी उपग्रहों से देश की सुरक्षा को खतरा पहुँच
सकता है। आंतकवादी इस अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठा कर कोई नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शुभम सोनिया व ज्योती ने स्पेस वार पर चिंता व्यक्त की अंतरिक्ष युद्ध मानवता के
लिए खतरा है क्यूंकि यह सैद्धांतिक रूप से सम्भव हो चुका है कि अंतरिक्ष में
मिसाइल आदि अस्त्रों को स्टोर कर के रखा जा सकता है और वहाँ से किया गया एक वार
आणविक बम्ब जितना नुकसान करेगा।
इस ग्रुप
डिस्कशन के निर्णायक के रूप विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने कहा कि इस प्रकार का
वाद-विवाद बच्चों को उनके ज्ञान में वृद्धी के लिए सहायता करता है और वो अपने तर्क
प्रस्तुत करने की योग्यता को विकसित करतें है। अंत में कृत्रिमउपग्रहों के फायदे नुकसान व अंतरिक्ष में बढ़
रहे मानव हस्तक्षेप पर इस समूह वाद – विवाद में कपिल चौहान के ग्रुप को बेहतरीन
पक्ष रखने के लिए विजेता घोषित किया गया। अमर उजाला अखबार में.......
गातिविधि दिवस -6,7 Activity Day-6,7 अंतरिक्ष विज्ञान पर चित्रकला प्रतियोगिता Painting CompetitiononSpaceScience
अंतरिक्ष विज्ञान पर पेंटिंग प्रतियोगिता
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह का पेंटिंग प्रतियोगिता
के साथ समापन
आज विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के
अंतर्गत गतिविधि दिवस 7 के अंतर्गत सी वी रमन विज्ञान क्लब सदस्यों के बीच
अंतरिक्ष विज्ञान विषय पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता करवाई गयी जिस में 17 क्लब सदस्यों ने भाग लिया। बच्चों ने अपनी कल्पनाओं के अंतरिक्ष को कागज
पर रंगों के साथ उतार कर स्याह अंतरिक्ष को रंगीन बना दिया। अन्तराष्ट्रीय अंतरिक्ष सप्ताह संगठन व स्पेस संस्था नई
दिल्ली के सहयोग से विश्व समुदाय के साथ मिल कर भारतीय बच्चों ने देश भर में इस
आयोजन का आनंद लिया व ज्ञानअर्जन किया। अन्तराष्ट्रीय अंतरिक्ष सप्ताह संगठन के
राष्ट्रीय सयोंजक श्री सी बी देवगन ने सी वी रमन विज्ञान क्लब यमुनानगर के
आयोजको व सदस्यों को बधाई दी है विजेताओं के पुरस्कार व प्रमाण पत्र शीघ्र डाक
द्वारा पहुंचा दिए जायेंगे।
विज्ञान
अध्यापक दर्शन लाल ने बताया कि विश्व के 65 देशों के साथ मिल
कर इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में सातों दिन अलग अलग गतिविधियां करवाई गयी। विश्व
अंतरिक्ष सप्ताह के इस आयोजन में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर, मुकंद
लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी, सेंट थामस स्कूल जगाधरी के क्लब सदस्यों ने भाग
लिया था।
सी वी रमण विज्ञान क्लब द्वारा सात दिनों तक विभिन्न
स्पेस गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिस में मुख्य रूप से रात्री आकाश अवलोकन,
खगोलीय पिंडों की पहचान, विश्व अंतरिक्ष कार्यक्रम पर प्रश्नोत्तरी, मिनी दूरदर्शी
बनना, रात्री आकाश में स्टार काउंटिंग, सूर्य घड़ी बनाना, विश्व के महान अंतरिक्ष
वैज्ञानिकों व अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन व कार्यों पर चर्चा, भारत का अंतरिक्ष
कार्यक्रम और चंद्रयान अभियान पर गोष्ठी, कृत्रिम उपग्रहों के लाभ व हानि अंतरिक्ष
में बढ़ रहा मानवीय हस्तक्षेप विषयों पर पर वाद विवाद प्रतियोगिता, अंतरिक्ष
विज्ञान विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता, विज्ञान व अंतरिक्ष विज्ञान
पर गल्प कथा लेखन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सभी विजेताओं व प्रतिभागियों के नाम राष्ट्रीय सयोंजक
को भेज दिए गए हैं।
आज की इस
पेंटिंग प्रतियोगिता में आंचल प्रथम, पलक द्वितीय व स्पर्ष को तृतीय स्थान
मिलाऔर वाद विवाद प्रतियोगिता में कपिल
चौहान को, भाषण प्रतियोगिता में रीमा कुमार को, साइंस फिक्शन कहानी लेखन में आरुषि
व शगुन को पुरस्कार के लिए चुना गया।
राकेट्री माडल बनाने में अंशुल व अनिकेत को पुरस्कार के लिए चुना गया।
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के इस सफल
आयोजन में हिमांशु, योगेश, किरण, अनिकेत, अंशुल, कपिल चौहान, सलमान, शुभम,
लवली, गौरव, निशा,
अंजू, आरती, अनु,
सोनिया, पूजा, दिव्या,
आंचल, पलक, पारस,
अमन, सोनाक्षी, रीमा,
आंचल, आरुषि, शगुन,
स्पर्श गम्भीर, अवनि, इशप्रीत, जसमीत,
काजल, पार्थवी आदि क्लब सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा। अमर उजाला अखबार में.......