22 व 23 सितम्बर को पृथ्वी की परिधि नापने की तैयारियां जोरों पर Measurement of Circumference of Earth on September Equinox
इस प्रयोग
के इतिहास के बारे में बताते हुए श्री दीपक शर्मा जी ने बताया कि भारत में वो
अकेले ही इस प्रयोग को करने चले थे और देखते ही देखते बहुत बड़ी संख्यां में
विद्यार्थी, अध्यापक, विज्ञान संचारक, वैज्ञानिक और आमजन उनके साथ जुड़ते चले गये
और आज यह स्तिथि है कि पृथ्वी की परिधि को नापने का यह प्रयोग पूरे भारत में एक
लोकप्रिय विज्ञान और गणित की गातिविधि बन कर आकर्षण का केन्द्र बन रही है। भारत
में उज्जैन देश का वह शहर हैं जो कि कर्क रेखा पर स्थित है और प्राचीनकाल से ही
शुद्ध कालगणना के लिए विख्यात रहा है। 21 जून
को प्रगति विज्ञान संस्था के कुशल मार्गदर्शन में हरियाणा के यमुनानगर के विज्ञान
अध्यापक दर्शन लाल उज्जैन जा कर ये प्रयोग कर चुके हैं जहां के आंकड़ों का प्रयोग
करके विश्व समुदाय के साथ आंकड़ो के तुलनात्मक अध्ययन से पृथ्वी की स्टीक परिणाम
प्राप्त हुए हैं और नगण्य त्रुटि के साथ मानक परिधि सत्यापित हुई।
22
सितम्बर को होंगें दिन और रात बराबर
सूर्य
अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, 21 मार्च और 23 सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है। इन दिनों
भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं।
पृथ्वी
24
घंटे में अपनी धुरी पर एक बार घूमने के साथ ही एक साल में सूरज का
भी चक्कर पूरा कर लेती है। लेकिन अयनांश की गणना के कारण एक दिन कभी आगे तो कभी
पीछे हो जाता है। इसी कारण दिन -रात की बराबर अवधि कभी
22 सितम्बर और कभी 23 सितम्बर को आ
जाती है। इस वर्ष अयनांश की गणना के कारण यह दशा 22
सितम्बर को बन रही है। 22-23 सितम्बर के
दिन को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। आज दिन और रात दोनों का समय बराबर
होगा। दिन 12 घंटों का तो रात भी
12 घंटों की होगी।
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मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल |
इस
अवसर पर सी.वी.रमण विज्ञान क्लब के सदस्य मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल में पृथ्वी की
परिधि नापने का प्रयोग 23 सितम्बर को करेंगे। जिसमे 10 समूहों में बच्चे विज्ञान
अध्यापक दर्शन लाल,
स्कूल अध्यापको के मार्गदर्शन में पृथ्वी की परिधि नापने के प्रयोग
की आवश्यक गणनाएं करेंगें।
इस
दिन सूर्य के दक्षिणायन होने के कारण दिन-रात बराबर होंगे। भूमध्य रेखा पर स्थित
प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों
पर वर्ष भर,
सैद्धांतिक रूप से, १२ घंटों के दिन और रात
होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का
समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात
लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे
व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे
होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।
भूमध्य रेखा 14 देशों के स्थल या जल से होकर जाती है।
पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है। भूमध्य रेखा के
आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे होते हैं। इक्वाडोर देश भूमध्य रेखा पर है जिसके आधार
पर ही इस देश का नाम रखा गया है भूमध्य रेखा इक्वाडोर को दो भागों में विभाजित
करती है। इसकी राजधानी क्विटो और सबसे बड़ा शहर गुआयाकिल है। जहां दोपहर को सूर्य
एकदम लम्बवत होगा और परछाई शून्य हो जायेगी।
प्रगति विज्ञान संस्था |
गौरतलब है कि प्रगति
विज्ञान संस्था मेरठ और इरेटोस्थनीज़ संस्था फ्रांस के संयुक्त तत्वाधान पूरे भारत
में बीस से भी अधिक स्थानों पर 45 टीम की 22 व 23 सितम्बर को पृथ्वी की परिधि नापने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पृथ्वी
की परिधि यानि अर्थ एक्क्स्पेरिमेंट के राष्ट्रीय संयोजक दीपक शर्मा जी ने बताया
कि वर्षों की अथक मेहनत के बाद पूरे भारत में एक समूह बन कर तैयार हो चुका है जो
कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर लगभग 2300 वर्ष पुरानी
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Eratosthenes |
इरेटोस्थनीज़ विधि से पृथ्वी की परिधि ज्ञात करेगा। दीपक शर्मा जी ने यह भी बताया
कि यह प्रयोग वर्ष में चार बार किया जाता है मार्च विषुव, जून अयनांत, सितम्बर विषुव, दिसम्बर अयनांत चार ऐसी सूर्य स्तिथियां
हैं जब सूर्य भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा पर होता है। इस बार 22 व 23 सितम्बर
2012 को शरद विषुव को सूर्य भूमध्य रेखा पर होगा और यदि कोई व्यक्ति भूमध्य रेखा पर खड़ा हो तो सूर्य उसे सीधे अपने सिर के ऊपर
दिखाई देगा और एक निश्चित समय पर उस की
परछाई शून्य हो जायेगी। इसका यह भी अर्थ है कि आधा ग्रह पूरी तरह प्रकाशित होता है
और इस समय दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से,
वर्ष में दो बार, २१ मार्च और २३ सितंबर को
भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है। इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें
पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं। भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय
और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, १२ घंटों के दिन और रात होते हैं,
जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार
बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं,
तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं।
वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य
रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।
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भूमध्य रेखा |
भूमध्य
रेखा 14
देशों के स्थल या जल से होकर
जाती है। पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है। भूमध्य
रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं गुयाना अंतरिक्ष केंद्र,
कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना भूमध्य रेखा पर ही स्थित
है। कीनिया गणतंत्र पूर्वी अफ्रीका में भूमध्य रेखा पर स्थित है। इक्वाडोर देश
भूमध्य रेखा पर है जिसके आधार पर ही इस
देश का नाम रखा गया है भूमध्य रेखा
इक्वाडोर को दो भागों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी क्विटो और सबसे बड़ा शहर
गुआयाकिल है।
इस बार
सितम्बर विषुव पर भारत के राज्यों हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, जे एंड के,
गुजरात, असम, महाराष्ट्र राज्यों में
पृथ्वी की परिधि को नापने का प्रयोग एक साथ 22 व 23 सितम्बर
को किया जा रहा है अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी
के रूप में इस बार इस प्रयोग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी फ्रांस से अंतर्राष्ट्रीय
सयोंजक एरिक वैसी के साथ अर्जेंटाइना, स्पेन, मलेशिया, जर्मनी, कनाडा,स्लोवेनिया,
मोरक्को, रोमानिया, सर्बिया, माल्टा, इजिप्ट व यू एस ए देशों से बच्चे भाग लेंगें।
इसके बाद परिणामों की गणना करके अंतर्जाल पर भी उपलब्ध कराया जायेगा, जिस में सभी
समूह अपने अपने प्रयोग से प्राप्त आकडों को घोषित करेंगे और फिर इन आंकड़ों का
प्रयोग करके विभिन्न देशों के युग्म बना कर सम्मिलित गणना की जायेगी और परिणाम
निकाले जायेंगे।
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प्रयोग के लिए तैयार बच्चे |
दीपक शर्मा
जी ने बताया कि इस प्रयोग की कमान विभिन्न राज्यों में उनके राज्य सयोंजक और जिला
सयोंजक सम्भालेंगे जिनमे हरियाणा यमुनानगर से दर्शन लाल, यू. पी. बागपत से योगेश
कुमार,गाजियाबाद से रोहणी गोले, मेरठ से मतीन अंसारी, पूना से डाक्टर अशोक कुमार,
दिल्ली से रंजीता रानी, अश्विन कुमार भट्ट, ओ एन शुक्ल, जम्मू से जफरुल्लाह खान,
कश्मीर से जावेद मंसूर, असाम से गणेश, भुज से नागेन्द्र गौड़ जोशी प्रयोग का
प्रतिनिधित्व करेंगें। 22 तारीख को बाल चेतना वेबसाईट पर इस प्रयोग का सीधा
प्रसारण मेरठ से होगा।
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श्री दीपक शर्मा |
अभी जारी........
अमर उजाला में ......
दैनिक भास्कर में .....
एक अन्य खबर दिल्ली में भी नपेगी परिधि ......
अमर उजाला में ......
दैनिक भास्कर में .....
एक अन्य खबर दिल्ली में भी नपेगी परिधि ......
प्रस्तुति: सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर, हरियाणा
द्वारा: दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर, हरियाणा
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