रोबोटिक्स पर दो दिवसीय कार्यशाला जल्द Two days Workshop on Robotics
सी.वी. रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर और रोबोसिसइंडिया संगठन नयी दिल्ली के सयुंक्त तत्वाधान में यमुनानगर के दो स्कूलों व एक पोलिटेक्निक कालेज में अतिशीघ्र रोबोटिक्स पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यशाला में रोबोट्स के विशेषज्ञ कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक ज्ञान देंगे और बच्चों को रोबोट के माडल भी बनवाएंगे। वशेष तौर पर तैयार की गयी रोबोटिक किट से बच्चे अपना अपना रोबोट का माडल तैयार करेंगे। रोबो शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को प्रारंभिक स्तर के रोबोट बनाने भी सिखाए जायेंगे। उम्मीद है इस कि रोबो शिक्षा कार्यशाला से बच्चों की मानसिक क्षमता बढ़ेगी।
दिल्ली में स्थापित रोबोसिसइंडिया संगठन से यश कुमार, मुहम्मद सादिक व सुनील कुमार इस कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी रहेंगे।
दिल्ली में स्थापित रोबोसिसइंडिया संगठन से यश कुमार, मुहम्मद सादिक व सुनील कुमार इस कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी रहेंगे।
क्लब समन्वयक दर्शन लाल ने बताया कि यहाँ क्लब सदस्यों द्वारा अपने स्तर पर तैयार विभिन्न रोबोट्स का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा पांच सत्रों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक तरीके से रोबोट बनाने के सारे गुर सिखाए जायेंगे। विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के बढ़ते कदम रोबोटिक इंजिनयरिंग में विशेष सम्भावना तलाश चुके हैं इसके मद्देनजर सी.वी. रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर, रोबोसिसइंडिया संगठन के साथ मिल कर बच्चों की रूचि रोबोटिक्स के क्षेत्र में जगाने के लिए एक बड़ा प्रयास करने जा रहा है।
विज्ञान संचार के क्षेत्र में क्लब सदस्य व क्लब पदाधिकारी खुले दिल से सहयोग करते हैं व सदैव क्लब की गतिविधियों में सहभागी होते हैं। क्लब सदस्यों के अथक प्रयासों से क्लब आज अंतर्राष्ट्रीय पहचान स्थापित कर चुका है पृथ्वी की परिधि, कम लागत के विज्ञान माडल, साइंस प्रोजेक्ट, खगोलिकी, गणित गतिविधियों (पास्कल का रहस्यमयी षटकोण) और पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के साथ अब रोबोट मेकिंग भी क्लब की नियमित गातिविधि बनने जा रही है। हालांकि रोबोट मेकिंग कार्यशाला एक बहुत खर्चीला प्रोजेक्ट है, परन्तु क्लब के विज्ञान संचार प्रेम के आगे कोई कठिनाई आड़े नहीं आ सकती।
क्लब प्रवक्ता संजय शर्मा जी ने बताया कि मनुष्य के दिल बहलाने और खेल के
लिए बैटरी लगा कर बने रोबोट्स के दिन अब लद गए। रोबोटिक्स विज्ञान और
तकनीक में नई क्रांति हो रही है जिसे इवोल्यूशनरी रोबोटिक कहा जाता है। अब
रोबोट्स का पालतू जानवर की तरह इस्तेमाल करने का विचार वैज्ञानिकों के जेहन में बलवान हो रहा है। रोबोट्स को सिर्फ
पालतू बनाने का विचार ही नहीं बल्कि वे रोबोटों को पैदा करने की भी बात कर
रहे हैं। इवोल्यूशनरी रोबोटिक की खासियत है कि इसके तहत रोबोट्स में
मनुष्यों वाली विशेषताएं भी होंगी। रोबोट में इस्तेमाल होने वाली मशीनें
डायनामिक होंगी, आस-पास के वातावरण से खुद को समायोजित कर लेंगी, खुद को बदल
सकेंगी, आदेश दे सकेंगी, साथ ही अपने आप सीख सकेंगी, सहायता करेंगी,
विकसित होंगी और जिंदा प्राणी या व्यक्ति की तरह खुद को विकसित कर सकेंगी।
इवोल्यूशनरी शब्द की व्याख्या करते हुए क्लब के गणित विशेषज्ञ मुकेश रोहिल ने बताया कि यह शब्द रोबोटिक्स विज्ञान में काम करने वाले अलग-अलग
विभागों के लिए बहुत महत्वपूर्ण शब्द है। उनका विचार है कि अगर रोबोट तकनीक में विकास
का सिद्धांत आ जाए तो रोबोट अपने दम पर हल निकाल सकेंगे, ऐसा हल जो उनके
सॉफ्टवेयर में नहीं इंस्टाल किया गया होगा। जिस प्रकार जीवित प्राणियों में
प्राकृतिक इवोल्यूशन का आधार म्यूटेशन यानी उत्परिवर्तन होता है। इसका मतलब है
आनुवांशिक धरोहर में छोटे-छोटे बदलाव होते है जिन में से लाभदायक स्थाई होते जाते हैं पीढ़ी दर
पीढ़ी यह बदलाव अपने आप आगे जाते हैं। इस तरह के बदलाव उत्तरजीविता के लिए लाभदायक होते हैं ठीक इसी तर्ज पर बने नए रोबाट्स अपने आप अपनी उन्नत पीढ़ी तैयार कर सकेंगे।
रोबोटिक विज्ञान में अपार संभावनाओं को देखते हुए क्लब ने इस क्षेत्र में अन्य विशेषज्ञों से भी सम्पर्क किया है भूतपूर्व क्लब सदस्य होने के नाते वो कार्यशाला लगाने के लिए सहर्ष तैयार है व भविष्य की कार्यशालाओं के लिए मास्टर ट्रेनर्स भी वर्तमान क्लब सदस्यों में से ही चूने जायेंगे जिनके विशेष प्रशिक्षण के अलग से व्यवस्था होगी।
अखबारों में .....
आओ देखें वो 7 शानदार ह्युमनोइड रोबोट जो बनाएंगे आपका जीवन आसान।
अखबारों में .....
आओ देखें वो 7 शानदार ह्युमनोइड रोबोट जो बनाएंगे आपका जीवन आसान।
रोबोटिक दुनिया में अनुसंधान लगातार जारी हैं और अब ऐसे रोबोट बन रहे हैं जो काफी हद तक इंसानों के समकक्ष कार्य कर सकते हैं. इसलिए वैज्ञानिक और इंजीनियर अब अगले स्तर पर जा रहे हैं जहाँ रोबोट भावनाएँ भी व्यक्त करेंगे और भावनाओं को समझेंगे भी. प्रस्तुत है 7 शानदार ह्युमनोइड रोबोट की सूचि जो आजकल चर्चा में हैं. इस सूचि में होंडा का प्रसिद्ध रोबोट आसिमो शामिल नहीं है।
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Reem-A |
स्पैन की पाल टेक्नोलोजी रोबोटिक्स ने यह शानदार रोबोट बनाया है. रीम-ए
आगे पीछे चल सकता है, वजन उठा सकता है और शतरंज भी खेल सकता है। परंतु
इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी चेहरा पहचानने की क्षमता. तो भूल जाइए कि आप
कोई निर्देश देंगे और रीम-ए मान लेगा, क्योंकि यह सिर्फ अपने मालिक की
सुनता है।
Nexi

नेक्सी प्रसिद्ध संस्थान एमआईटी द्वारा विकसित यह रोबोट मोबाइल-क्लेवर-केरिंग तकनीक पर काम करता है। यह रोबोट पहिओं पर चलता है और कई काम कर सकता है. इसमें थ्रीडी इंफ्रारेड कैमेरा है जो इसे चेहरों और चीजों की पहचान करने लायक बनाता है। इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी भावनाएँ व्यक्त करने की क्षमता। इससे बात कीजिए और यह मुस्कुराएगा, उदास होगा और अपनी भौएँ भी ऊपर नीचे करेगा. इसको विकसित करने वाली टीम का मानना है कि एकदिन नेक्सी इंसानों के साथ एक टीम की तरह काम करेगा।
Joe & Co
जर्मनी की म्यूनिख टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित जो श्रेणी के रोबोट शानदार रोबोटिक इंजीनियरिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इस श्रेणी के रोबोट बनाने के पीछे का मूल उद्देश्य था इंसानों की पूरी तरह से नकल करना. तभी तो जॉनी नामक रोबोट, जिसको 2003 में बनाया गया था, एक वयस्क इंसान के जितना लम्बा है और 2.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. परंतु उसकी बहन लोला उससे भी अधिक निपुण है। वह 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और जॉनी के 17 जोडों की विपरित लोला के पास 25 जोड़ हैं जो उसे इंसानों के और करीब लाते हैं।
CB2

जापान की एजेंसी फोर साइंस एंड टेक्नोलोजी ने यह रोबोट बनाया है। सीबी2 का अर्थ है - Child Robot with Biomimetic Body, यानी की एक बच्चा रोबोट जिसके पास ऐसा शरीर है जो भावनाएँ व्यक्त कर सकता है. सीबी2 में 197 अत्यधिक सवेंदनशील सेंसर लगाए गए हैं. इसकी त्वचा मुलायम है उसमें टच सेंसर लगे हैं। इसके अलावा सीबी2 में 56 छोटी मोटरें भी लगी है. यह रोबोट 1 से 3 वर्ष के बच्चे की तरह काम करता है। इसके छूते ही यह अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगता है।
Ishiguro

जापान की इंटेलिजेंट रोबोटिक्स लेब ने इशिगुरो परिवार के रोबोट बनाए हैं। इस श्रेणी के अंतर्गत कई एडवांस रोबोट बनाए गए हैं जैसे कि वाकामारू और एवेली-पी1. ये रोबोट ना केवल ह्यूमनोइड [इंसानों की तरह चलते फिरते] बल्कि एंड्रोइड [इंसानों की तरह व्यवहार करने वाले] श्रेणी में भी आते हैं. ये रोबोट रोजमर्रा के कामकाज में इंसानों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं।
Armar-3

जर्मनी के इंस्टिट्यूट फोर टेक्निकल इंफोर्मेटिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ कार्लशु के द्वारा बनाया गया यह रोबोट रसोई में आपकी मदद करता है। यह रोबोट स्टीरियो मोड में आपकी आवाज से निर्देश प्राप्त कर सकता है। लेजर बीम द्वारा चिह्नित की गई किसी चीज को उठाकर ला सकता है और अब इसे टेबल पर शराब और खाना परोसने लायक बनाया जा रहा है. इंजीनियर इससे एक कदम आगे की सोचते हुए इसमें रिमोट डायग्नोस्टिक सुविधा भी जोड रहे हैं ताकी भविष्य में यदि यह रोबोट अपनी मनमानी पर उतर आए तो इसे रोका जा सके।
Zoe Ren Ti 2

इस रोबोट का व्यवसायिक उपयोग नहीं होगा, इसे इस लायक बनाया भी नहीं गया है. परंतु फिर भी यह रोबोट चर्चा में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बिल्कुल अपने मालिक के जैसा बनाया गया है। चीन की ज़ियान कोरेन स्कल्पचर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने यह रोबोट बनाया है जो हंस सकता है, चेहरा घुमा सकता है और हाथ मिला सकता है। चीन के इस प्रसिद्ध संस्थान ने इस रोबोट को बनाने के लिए विशेष सिलिका जेल का इस्तेमाल किया है ताकी इसकी चमड़ी बिल्कुल इंसानों जैसी लगे। यह बिल्कुल अपने मालिक जो रेन टी की प्रतिकृति है। पहचानिए असली कौन है और नकली कौन!
Nexi

नेक्सी प्रसिद्ध संस्थान एमआईटी द्वारा विकसित यह रोबोट मोबाइल-क्लेवर-केरिंग तकनीक पर काम करता है। यह रोबोट पहिओं पर चलता है और कई काम कर सकता है. इसमें थ्रीडी इंफ्रारेड कैमेरा है जो इसे चेहरों और चीजों की पहचान करने लायक बनाता है। इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी भावनाएँ व्यक्त करने की क्षमता। इससे बात कीजिए और यह मुस्कुराएगा, उदास होगा और अपनी भौएँ भी ऊपर नीचे करेगा. इसको विकसित करने वाली टीम का मानना है कि एकदिन नेक्सी इंसानों के साथ एक टीम की तरह काम करेगा।
Joe & Co
जर्मनी की म्यूनिख टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित जो श्रेणी के रोबोट शानदार रोबोटिक इंजीनियरिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इस श्रेणी के रोबोट बनाने के पीछे का मूल उद्देश्य था इंसानों की पूरी तरह से नकल करना. तभी तो जॉनी नामक रोबोट, जिसको 2003 में बनाया गया था, एक वयस्क इंसान के जितना लम्बा है और 2.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. परंतु उसकी बहन लोला उससे भी अधिक निपुण है। वह 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और जॉनी के 17 जोडों की विपरित लोला के पास 25 जोड़ हैं जो उसे इंसानों के और करीब लाते हैं।
CB2

जापान की एजेंसी फोर साइंस एंड टेक्नोलोजी ने यह रोबोट बनाया है। सीबी2 का अर्थ है - Child Robot with Biomimetic Body, यानी की एक बच्चा रोबोट जिसके पास ऐसा शरीर है जो भावनाएँ व्यक्त कर सकता है. सीबी2 में 197 अत्यधिक सवेंदनशील सेंसर लगाए गए हैं. इसकी त्वचा मुलायम है उसमें टच सेंसर लगे हैं। इसके अलावा सीबी2 में 56 छोटी मोटरें भी लगी है. यह रोबोट 1 से 3 वर्ष के बच्चे की तरह काम करता है। इसके छूते ही यह अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगता है।
Ishiguro

जापान की इंटेलिजेंट रोबोटिक्स लेब ने इशिगुरो परिवार के रोबोट बनाए हैं। इस श्रेणी के अंतर्गत कई एडवांस रोबोट बनाए गए हैं जैसे कि वाकामारू और एवेली-पी1. ये रोबोट ना केवल ह्यूमनोइड [इंसानों की तरह चलते फिरते] बल्कि एंड्रोइड [इंसानों की तरह व्यवहार करने वाले] श्रेणी में भी आते हैं. ये रोबोट रोजमर्रा के कामकाज में इंसानों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं।
Armar-3

जर्मनी के इंस्टिट्यूट फोर टेक्निकल इंफोर्मेटिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ कार्लशु के द्वारा बनाया गया यह रोबोट रसोई में आपकी मदद करता है। यह रोबोट स्टीरियो मोड में आपकी आवाज से निर्देश प्राप्त कर सकता है। लेजर बीम द्वारा चिह्नित की गई किसी चीज को उठाकर ला सकता है और अब इसे टेबल पर शराब और खाना परोसने लायक बनाया जा रहा है. इंजीनियर इससे एक कदम आगे की सोचते हुए इसमें रिमोट डायग्नोस्टिक सुविधा भी जोड रहे हैं ताकी भविष्य में यदि यह रोबोट अपनी मनमानी पर उतर आए तो इसे रोका जा सके।
Zoe Ren Ti 2

इस रोबोट का व्यवसायिक उपयोग नहीं होगा, इसे इस लायक बनाया भी नहीं गया है. परंतु फिर भी यह रोबोट चर्चा में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बिल्कुल अपने मालिक के जैसा बनाया गया है। चीन की ज़ियान कोरेन स्कल्पचर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने यह रोबोट बनाया है जो हंस सकता है, चेहरा घुमा सकता है और हाथ मिला सकता है। चीन के इस प्रसिद्ध संस्थान ने इस रोबोट को बनाने के लिए विशेष सिलिका जेल का इस्तेमाल किया है ताकी इसकी चमड़ी बिल्कुल इंसानों जैसी लगे। यह बिल्कुल अपने मालिक जो रेन टी की प्रतिकृति है। पहचानिए असली कौन है और नकली कौन!
प्रस्तुति: सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर, हरियाणा
द्वारा: दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर, हरियाणा
एक से बढ़कर एक रोबोट। आखिरी वाले में हम तो पहचान नहीं पाये।
ReplyDeletebut still our technology is not that much advance to make a robot like terminator which complete react like human......
ReplyDeleteसराहनीय कार्य। बधाई।
ReplyDeletevery nice work
ReplyDeletevery nice work
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