शुक्र पारगमन अवलोकन मेला सम्पन्न Transit of Venus
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पार्थवी |
आज
शुक्र पारगमन अवलोकन मेला मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी में सम्पन्न
हुआ। इस अवलोकन मेले का उद्घाटन विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती शशि भाठला ने किया। सी. वी. रमण विज्ञान क्लब सरोजिनी कालोनी के प्रयास से यमुनानगर
जिले में एक साथ 12 स्थानों पर शुक्र पारगमन अवलोकन मेलों का
आयोजन किया गया। आज सूर्योदय पर आसमान में काले बादल छाये हुए थे परन्तु बाद में
सूर्य और शुक्र के इस अदभुद खगोलीय नज़ारे का अवलोकन करके बच्चे, अध्यापक व क्लब सदस्य बहुत खुश हुए। शुक्र पारगमन के नज़ारे को देख कर बच्चे
व बड़े सब झूम उठे जब उन्हें यह पता चला कि अब दोबारा यह खगोलीय घटना 2117 ईस्वी में होनी है और वे सब इस सदी के वो चुनिन्दा व्यक्ति हैं जिन्होंने
शुक्र पारगमन देखा है।
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पारस का पोस्टर प्रदर्शन |
वाह वाह! क्या नज़ारा है, 6 जून, 2012 को सूर्योदय के साथ लोग एक
दुलर्भ खगोलीय घटना को देखने के गवाह बने, जब शुक्र ग्रह सूर्य के ऊपर से होकर गुज़रता दिखाई दिया।
इस अनोखी खगोलीय घटना शुक्र पारगमन (वीनस ट्रांज़िट) को दिखाने के लिए सी.वी. रमण
विज्ञान क्लब द्वारा सुरक्षित विधि से शुक्र पारगमन
दिखाने की व्यवस्था मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी में की गई जहां लोगों
ने, विशेषतः बड़ी संख्या
में बच्चों ने इसे वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षित फ़िल्टर चश्मों और पिनहोल कैमरे की
सहायता से देखा और अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण मज़बूत किया।
इस अवसर पर सी.वी. रमण
विज्ञान क्लब के समन्वयक दर्शन लाल ने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी के चारो ओर अपनी कक्षा मे नियमित रूप से चक्कर
लगा रहा है और सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक विशेष स्थिति में आने पर ही ग्रहण दिखाई पड़ता है, इसी प्रकार जब शुक्र और बुद्ध
जैसे आंतरिक ग्रह जब पृथ्वी और सूर्य के बीच आते हैं तो यह घटना पारगमन कहलाती है।
शुक्र पारगमन के समय जब शुक्र सूर्य के सामने से गुज़रा तो यह सूर्य पर एक बिन्दु
के रूप में दृष्टिगोचर होता है। पारगमन की घटनाएं बहुत विलक्षण होती हैं।
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खुशी से झूम उठे बच्चे |
इसी सदी शुक्र पारगमन 8 जून, 2004 को देखा गया था, लेकिन यदि पारगमन देखने की
अवधि पर नज़र डाले तो आपको इसके विलक्षण होने की बात समझ आयेगी। दूरबीन के आविष्कार
के बाद अब तक शुक्र पारगमन को अब तक 8 बार ही देखा जा सका है। इक्कसवीं सदी में 8 जून, 2004 में शुक्र पारगमन की घटना को
पूरे 12.5 वर्षों के बाद देखा
गया था और जो फिर 8 वर्ष बाद पुनः 2012 को दिखाई दिया। इस वर्ष के बाद शुक्र पारगमन 105.5 वर्ष बाद होगा और उसके बाद
पुनः 8 वर्ष बाद दृष्टिगोचर
होगा। शुक्र पारगमन का दोहराव बड़ा ही निराला है। शुक्र पारगमन के अगले जोड़े होंगे 11 दिसम्बर, 2117 और 8 दिसम्बर, 2125, अतः जो लोग इस बार इस खगोलीय
घटना को देखने से वंचित रह गये, अब वे अपने जीवन में फ़िर कभी इसे नहीं देख सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इस बार शुक्र पारगमन का पहला और दूसरा सम्पर्क नहीं देखा जा सका
क्योंकि शुक्र पारगमन सूर्योदय से पहले ही शुरू हो गया था।
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बादलों ने डराया पर हार ना मानी सूर्य ने भी |
यमुनानगर में पारगमन 05.19.00 बजे सूर्योदय के साथ देखा
जाना था परन्तु तब काले बादल थे। बच्चे पारगमन 8.30.55 बजे से ही देख पाए, इसका तृतीय स्पर्श 10.04.55 बजे रहा और चतुर्थ व अन्तिम
स्पर्श 10.22.15 दिखाई दिया। सी.वी. रमण विज्ञान क्लब के सदस्यों ने बताया कि शुक्र पारगमन के समय मंथन अहमदाबाद द्वारा
सुरक्षित विधि से पारगमन दिखाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से परीक्षित व प्रामाणित
ब्लैक पोलिमर से बने चश्मों के माध्यम से लोगों को शुक्र पारगमन दिखाया गया। दर्शन
लाल ने बताया कि ऐसे फ़िल्टर सूर्य के प्रकाश की तीव्रता घटाकर एक लाखवें हिस्से तक कम
कर कर देते हैं, जिससे आंखों को हानि नहीं पहुँचती। वहीं अलाहर के सरकारी स्कूल के बच्चों ने
भी सामान्य दर्पण और पिन होल कैमरे से छायायुक्त दीवार
पर सूर्य का प्रतिबिम्ब प्रेषित कर शुक्र पारगमन का आनन्द लेकर शुक्र पारगमन देखने
व पोजिशन मार्क करने के वैज्ञानिक प्रयोग किये। शुक्र पारगमन कार्यक्रम के दौरान विज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।
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क्लब के स्वंसेवी |
इस अवसर पर पिनहोल कैमरा, बाक्स कैमरा से सूर्य का प्रतिबिम्ब लेना भी बताया गया व पारगमन सम्बन्धित बहुत सी भी गतिविधियां करवाई गयी।
क्लब के समन्वयक श्री दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक ने बताया कि यमुनानगर जिले में अलाहर, कैम्प, जगाधरी वर्कशाप, कृष्णा कालोनी, खारवन, माडर्न कालोनी, सरोजिनी कालोनी, पालेवाला, जठलाना, सढौरा, प्रोफेसर कालोनी व जयपुर वासीयों ने इस अदभुद कुदरती नज़ारे का अवलोकन किया।
शिवम, अरुण, अमन, आंचल, पारस, कपिल, सक्षम, सिमरन, विशु, इंदु, डा. प्रवीन चोपड़ा, श्रीश शर्मा, रजत, रविन्द्र पुंज, दर्शन लाल, मोनिका शर्मा, संजय शर्मा, संदीप आदि अध्यापकों व क्लब सदस्यों का सहयोग सराहनीय रहा।
क्लब के समन्वयक श्री दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक ने बताया कि यमुनानगर जिले में अलाहर, कैम्प, जगाधरी वर्कशाप, कृष्णा कालोनी, खारवन, माडर्न कालोनी, सरोजिनी कालोनी, पालेवाला, जठलाना, सढौरा, प्रोफेसर कालोनी व जयपुर वासीयों ने इस अदभुद कुदरती नज़ारे का अवलोकन किया।
शिवम, अरुण, अमन, आंचल, पारस, कपिल, सक्षम, सिमरन, विशु, इंदु, डा. प्रवीन चोपड़ा, श्रीश शर्मा, रजत, रविन्द्र पुंज, दर्शन लाल, मोनिका शर्मा, संजय शर्मा, संदीप आदि अध्यापकों व क्लब सदस्यों का सहयोग सराहनीय रहा।
अखबारों में ......
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन
साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
शानदार आयोजन के लिये बधाई जी!
ReplyDeleteधन्यवाद आशीष जी
ReplyDeleteJitnee tareef ki jaye kam hai.
ReplyDeletethanks
Deleteबहुत बढ़िया ... स्कूली बच्चों क्या, बड़े-बुज़ुर्गों में भी विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करने हेतु आप के प्रयास सराहनीय हैं। ऐसे ही लगे रहिये...शुभकामनाएं।
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