विज्ञान क्लब सदस्य जायेंगे उज्जैन जंतर मंतर 21 व 22 जून को Ujjain Jantar Mantar Observatory 21 June
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उज्जैन जंतर मंतर |
21 जून 2011 का प्रयोग |
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प्रवक्ता संजय शर्मा |
Shanku (Gnomon) शंकुयंत्र |
इस खगोलीय घटना जिसे समर सॉल्स्टाइस कहा जता है यानि 21 जून के बाद से सूर्य दक्षिण दिशा की ओर गति करना प्रारंभ
कर देगा, जिसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहा जाता है। अब दिन
क्रमशः छोटे होते जाएंगे और फिर 23 सितंबर को रात-दिन बराबर
होंगे। इस दिन पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर अधिकतम होता है जिस कारण दिन की
अवधि बढ़ जाती है। कर्क संक्रांति के समय पर पृथ्वी, सूर्य की ओर अपनी धुरी पर 23 डिग्री
और 26 मिनट तक झुकी रहती है, जोकि इसके
झुकाव की अधिकतम सीमा है।
सूर्य के उत्तरायन और दक्षिणायन होने के बारे में क्लब के पदाधिकारी
संजय शर्मा ने बताया कि पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगाने के दौरान
पृथ्वी का गोलार्द्ध कुछ समय के लिए सूर्य से
दूर चला जाता है। जिसे सूर्य का उत्तरायन और दक्षिणायन हो जाना कहा जाता है।
पृथ्वी पर स्थित दो काल्पनिक रेखाएं कर्क और मकर रेखा है। सूर्य उत्तरायन के समय
कर्क रेखा पर और दक्षिणायन के समय मकर रेखा पर होता
है। पृथ्वी पर इसी परिवर्तन के कारण ग्रीष्मकाल तथा शीतकाल का आगमन होता है। यहां
पर मुख्यरूप से तीन मौसम होते हैं। ग्रीष्मकाल- ग्रीष्मकाल की अवधि मार्च से जून
तक, वर्षाकाल- वर्षाकाल की अवधि जुलाई से अक्टूबर, शीतकाल- शीत काल की अवधि नवम्बर
से फरवरी होती है। मौसम में इसी परिवर्तन के साथ हवा की दिशा भी बदलती है। जहां
ज्यादा गर्मी होती है वहां से हवा गर्म होकर ऊपर उठने लगती है और पूरे क्षेत्र में
निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। ऐसी स्थिति में हवा के इस रिक्त स्थान को
भरने के लिए ठंडे क्षेत्र से हवा गर्म प्रदेश की ओर बहने लगती है। शुष्क और वर्षा काल
का बारी-बारी से आना मानसूनी जलवायु की मुख्य विशेषताएं हैं। ग्रीष्म काल में हवा
समुद्र से स्थल की ओर चलती है जो कि वर्षा के अनुकूल होती है और शीत काल में हवा स्थल
से समुद्र की और चलती है। ग्रीष्म काल में 21 मार्च से सूर्य उत्तरायण होने लगता है तथा 21 जून को
कर्क रेखा पर लंबवत चमकता है। इस कारण मध्य एशिया का भूभाग काफी गर्म हो जाता है।
फलस्वरूप हवा गर्म होकर ऊपर उठ जाती है और निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाता है। जबकि
दक्षिणी गोलार्द्ध के महासागरीय भाग पर ठंड के कारण स्थित उच्च वायुदाब की ओर से वायु
उत्तर में स्थित कम वायुदाब की ओर चलने लगती है। इसे दक्षिणी-पश्चिमी मानसून कहते
हैं। ये हवा समुद्र की और से चलती है इसलिए इसमें जलवाष्प भरपूर होती हैं। इसी कारण
एशिया महाद्वीप के इन क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है। यह मानसूनी जलवायु भारत,
दक्षिण-पूर्वी एशिया में भरपूर वर्षा करती है।
अखबार में .....
क्लब प्रभारी
दर्शन लाल ने बताया कि 21 व 22 जून को उज्जैन के जंतर महल और उज्जैन के नजदीक
महिदपुर तहसील के डोंगला गांव में जुटाए जाने वाले आंक़डों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर मान्यता प्राप्त होगी। उज्जैन की महिदपुर तहसील के डोंगला गांव भी खगोलीय
दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह गांव कर्क रेखा पर
स्थित है। यहां पर 21 व 22 जून को
परछाईं खत्म हो जाती है मतलब सूर्य सीधे सिर के ऊपर चमकता है।
यमुनानगर में सूर्योदय प्रातः 5 बजकर 21 मिनट पर
और सूर्यास्त सायं 7 बजकर 28 मिनट पर
होगा। यमुनानगर में 21 जून का दिन 14 घंटे
7 मिनट का साल का सबसे बड़ा दिन होगा।अखबार में .....
प्रस्तुति: सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर, हरियाणा
द्वारा: दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर, हरियाणा
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