वैज्ञानिक सोच के लिए विज्ञान संचार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
International Conference on Science Communication for Scientific Temper
विज्ञान रिपोर्ट Science Reporting
![]() |
![]() |
NASC काम्प्लेक्स PUSA,नयी दिल्ली |
NASC काम्प्लेक्स PUSA,नयी दिल्ली में 10 to 12 January 2012 तक चल रही अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस सम्पन्न हुई.
सी.एस.आई.आर.-निस्केयर,विज्ञान प्रसार,एन.सी.एस.टी.सी. नेटवर्क-DST के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में देश-विदेश से आये बहुत सारे विज्ञान संचारकों,वैज्ञानिकों,शिक्षाविदों एवं सरकारी नुमाइंदों ने भाग लिया और वैज्ञानिक सोच विकसित करने में विज्ञान संचार पर अपने शोधपत्र पढ़े और महत्वपूर्ण विचार सांझे किये.
राष्ट्रीय कृषि विज्ञान काम्प्लेक्स के ए.पी.शिंदे आडिटोरियम में १०-०१-२०११ को सुबह १० बजे इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन हुआ था
![]() |
उद्घाटन सत्र का दृश्य |
![]() |
गौहर रज़ा जी, महेश भट्ट जी |
१. श्री गौहर रज़ा
२. श्री महेश भट्ट
३. श्री गंगन प्रताप सिंह
४, श्री जस्टिस मारकंडेय काठ्जू
५. श्री बर्नाड स्चिएले
६. श्री बी.एम. भार्गव
७. श्री सुबोध मोहंती
उद्घाटन सत्र
![]() |
आडिटोरियम |
श्री जस्टिस मारकंडेय काठ्जू जी ने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया कि सही मायने में लोकतंत्र और वैज्ञानिक सोच क्या है उनके अनुसार सही मायने में आधुनिक विज्ञान ही हमें मानव समाज को और अधिक सुखी बना सकता है आपने कहा कि वैज्ञानिक ज्ञान परमाणु बम भी बना सकता है और उसी को परमाणु ऊर्जा में बदल कर मानव जीवन सुखमय भी बना सकता है आपने प्राचीन भारतीय विज्ञान के विकास पर भी प्रकाश डाला दशमलव और जीरो शून्य भारत की देन है लाख,करोड़,अरब,खरब,पदम,नील,शंख तक संख्याएँ हमारी ही देन हैं.
NASC,PUSA New Delhi का यह आडिटोरियम बहुत ही सुंदर बड़ा और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिगोचर है.इसमें एक राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्राहलय भी है जिस में बहुत ही ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी और नज़ारे हैं प्राचीन काल से लेकर आज तक के कृषि विकास का बड़ा ही नयनाभिराम नज़ारा है.सभी को यह राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्राहलय जरूर देखना चाहिए.
![]() |
डा.अरविन्द मिश्रा जी एवं मैं |
डा.अरविन्द मिश्रा स्वय एक सत्र की अध्यक्षता करेंगे इस सत्र में विज्ञान गल्प सम्बन्धित पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे.संयोगवश मेरा सत्र भी ठीक उसी समयांतराल पर है जब डा. मिश्रा जी का इसलिए मै साईंस फिक्शन के इस सत्र का लाभ नहीं उठा सका.
![]() |
कांफ्रेंस हाल |

अब मै लखनऊ से आये एक अन्य ब्लोगर,कथाकार और विज्ञान ब्लोगर श्री जाकिर अली रजनीश जी से भी मिला इन से भी मेरी पहली बार मुलाक़ात हुई वैसे इनसे फोन पर कभी कभी बात हो जाती थी
इनके साथ मुलाकात भी यादगार रहेगी.
अब मुझे पता चला कि हमें मिलने दिल्ली के अन्य ब्लोगर साथी भी आ रहे हैं
बात हो ही रही थी कि देखते हैं कि संतोष त्रिवेदी जी आ चुके हैं.
आप भी बहुत ही हसमुख और पेशे से अध्यापक हैं और कुशल ग्लेक्सी मोबाइल ऑपरेटर भी आपसे बहुत सी काम की बाते सीखीं.
बाएं से दायें
१. महेश चंद्र कर्नाटक से
२. डा. अरविन्द मिश्रा जी
३. मैं दर्शन लाल बवेजा
४. श्री संतोष त्रिवेदी जी
५. डा.जाकिर अली 'रजनीश' जी
४. श्री संतोष त्रिवेदी जी
५. डा.जाकिर अली 'रजनीश' जी
फिर सब ने मिल कर चाय काफी का आनंद उठाया
निमिष कपूर जी से बातचीत की
निमिष जी के पास प्रेस मीडिया कवरेज का चार्ज था इसलिए वे काफी वयस्त थे .
सब ने विज्ञान ब्लोग्स के बारे में चर्चा की और ब्लोग्स के माध्यम से विज्ञान संचार को एक नयी तकनीक के तौर पर पसन्द किया गया और चर्चा की गयी की आगामी महीनो में विज्ञान ब्लोगिंग पर एक वर्कशाप करवाई जाए जिसमें नए और कार्यरत विज्ञान संचारकों को अंतर्जाल के प्रयोग में निपुण किया जाए.
![]() |
हिंदी विज्ञान पत्रिका 'विज्ञान प्रगती' के प्रमुख श्री प्रदीप शर्मा जी से मुलाकात |
Development communication Chairperson : Dr Ashwini Kumar, TISS
![]() |
दिनांक ११-०१-२०१२ को ट्रेनिंग हाल में सत्र -९ |
![]() |
Invited Speaker: Dr. N Raghuram |
![]() |
शीर्षक: डिजिटल मिडिया के माध्यम से वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने में विज्ञान चिट्ठाकारी की भूमिका
Seemin Rubab:Communicating Science through Thematic Philately
श्री अजय शेओपुरी जी ने CSIR-NISCAIR Tube: A novel way to communicate science के बारे ने बताया कि CSIR-NISCAIR ट्यूब फेमस YOU ट्यूब की ही तरह से है जहां आप अपने विज्ञान सम्बंधित वीडयो अपलोड कर सकते है इनका काम विशेष रूप से सराहा गया हमारा सी.वी.रमण विज्ञान क्लब भी अपने वीडियो इस टयूब पर अपलोड करेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे व बड़े भी लाभान्वित हो सकें.
Anu Yadav E–teaching, influence of new technology on education system and in eveloping scientific temper
![]() |
दिल्ली से आये मिलने के लिए श्री अविनाश वाचस्पति जी और संतोष त्रिवेदी जी |
शहीदों को नमन करने भी गए 'अमर जवान ज्योति'India Gate
NPL का बेहतरीन गेस्ट हाउस,उच्च स्तरीय प्रबन्ध ठहरने में कोई परेशानी नहीं हुई
कर्नाटक से आये महेश चंद्र जो कि रसायन विज्ञान के प्रवक्ता हैं और बहुत ही क्रियात्मकता के मास्टर हैं
इस सम्मेलन में भाग लेने की एक और भी उपलब्धि रही कि हमने 'राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला'का भ्रमण किया
इसकी विस्तृत रिपोर्ट अगली पोस्ट में की जायेगी यह अनुभव अविस्मणीय था आयोजको का धन्यवाद
श्रीमान गौहर रज़ा जी के साथ बात की विज्ञान संचार पर और आपका धन्यवाद बधाई सफल आयोजन की
एक महत्वपूर्ण चर्चा और विमर्श हुआ इस सत्र में अध्यक्ष थे इंजी. श्री अनुज सिन्हा जी
तर्कशील विचारों से भरपूर इस चर्चा में ओजस्वी विचारक हैं श्री स्यामल चक्रवर्ती कोलकाता वि.वि से
युवा वक्ताओं को भी शामिल किया गया का. प्रवीन खान ने अपने विद्यार्थी जीवन को उद्घृत करते हुए बताया कि आज का युवा विद्यार्थी किस प्रकार से वैज्ञानिक सोच का स्वामी बन सकता है.
समापन सत्र Valedictory Session
और इस प्रकार समापन हुआ इस वैज्ञानिक सोच के लिए विज्ञान संचार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का दिनाकं १२-०१-२०११ को .
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :- दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
"प्लास्टिक की खुशामद "
ReplyDelete---मनमोहन की एक कविता
स्मृतियाँ मिट जायेंगी
लेकिन प्लास्टिक रहेगा
और वे स्मृतियाँ जो प्लास्टिक की बनी हैं
लोग चले जायेंगे
लेकिन प्लास्टिक रहेगा
और वे लोग जो प्लास्टिक के बने हैं
बातें रहेंगी , न काम रहेंगे
लेकिन प्लास्टिक रहेगा
और प्लास्टिक की बातें और प्लास्टिक के काम
यों, "इस्तेमाल करो और फेंक दो "
यह प्लास्टिक की ही संस्कृति है
लेकिन यह विधान
सिर्फ प्लास्टिक की खास चीजों पर ही लागू है
पूरे प्लास्टिक पर नहीं
बेहतरीन प्लास्टिक पर नहीं लागू
Deleteअब नोट बनेंगे प्लास्टिक के भाई
Great effort! Thanks for visiting my blog " from science to SF" in Indian context.
ReplyDeleteLink: http://www.vaneetaa.wordpress.com
स्वागत है आपका मैडम जी
Deleteबढ़िया कार्यक्रम रहा। और आखिर अरविन्द जी से भी आपकी मुलाकात हो ही गयी।
ReplyDeleteजी हाँ पंडित जी बढ़िया रही मुलाक़ात
Deleteअच्छा लगा
ReplyDeleteits good and encouraging
ReplyDelete