23सितम्बर 2011 को क्लब सदस्यों ने ज्ञात की पृथ्वी की परिधि Circumference of the Earth date September 23,2011
सी.वी.रमन विज्ञान क्लब यमुनानगर के सदस्यों ने विषुव के अवसर पर पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने का प्रयोग किया. क्लब सदस्यों ने क्लब बाल सचिव मानवेंद्र शर्मा के नेतृत्व मे अपनी १० साथियों की टीम के साथ जिमखाना क्लब के साथ खाली पड़े मैदान मे यह पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने का प्रयोग किया.
विषुव एक भागोलिक समय-बिंदु है जो की २३ सितम्बर के दिन होता है इस दिन और रात एक बराबर होते हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुकी हुई है सूर्य के चारो और चक्कर लगते हुए पृथ्वी का एक गोलार्ध सूर्य के एक तरफ रहता है और फिर दूसरा गोलार्ध सूर्य की और रहता है वर्ष मे दो बार ऐसी स्तिथि भी आती है जब जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है, और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है.
क्लब के सचिव दर्शन लाल ने बताया कि यह स्तिथि पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने की सबसे बेहतर स्तिथि होती है. आज के दिन सूर्य बिलकुल भूमध्य रेखा पर होता है यदि ऐसी स्तिथि मे दो शहर जो एक दूसरे से 500-600 किलोमीटर दूर हो वहां पर भी कोई दूसरी टीम यही प्रयोग कर के सूर्य का कोण ज्ञात करे तो दोनों कोणों की मदद से इरैटोस्थनिज़ की विधि से पृथ्वी की परिधि की गणना की जाती है क्लब सदस्यों की इस काम मे मदद करने मे अंतर्राष्ट्रीय इरैटोस्थनिज़ टीम के सदस्यों मे पूरी दुनिया मे जगह जगह यह प्रयोग किये जिस के नतीजे ईमेल कर दिए गए हैं अब सभी सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने के अगले चरण मे प्रवेश करेंगे. सभी क्लब सदस्यों को इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था के द्वारा प्रमाणपत्र दिया जायेगा.
क्लब के रिसोर्स पर्सन्स डा.चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि एक वर्ष मे चार दिन ऐसे आते है बस उन्ही चार दिनों मे कईं देशो के बच्चे मिल कर संस्था के सहयोग से यह अर्थ एक्सपेरिमेंट करते है वो चार दिन विषुव मार्च मे, समर सॉल्स्टाइस जून मे फिर विषुव सितंबर मे और विंटर सॉल्स्टाइस दिसंबर मे आते है विषुव को दिन रात बराबर होते हैं और समर सॉल्स्टाइस व विंटर सॉल्स्टाइस को क्रमश सबसे बड़ा दिन और रात होती है. अब क्लब सदस्य दिसम्बर मे विंटर सॉल्स्टाइस के दिन फिर से यह प्रयोग करेंगे और उस दिन और अधिक बच्चे इस मे शामिल किये जायेंगे.
इस प्रयोग मे अर्जुन,आदित्य,मानवेंद्र,शाश्वत,हृतिक,पारस,मेघा,मानस,प्रदीप,शुभम,विपिन,राहुल व नीरज ने दर्शन लाल विज्ञान अध्यापक और डा.चन्द्रशेखर शर्मा के मार्गदर्शन मे यह गतिविधि सम्पन्न की.
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मानवेंद्र शर्मा के नेतृत्व मे |
विषुव एक भागोलिक समय-बिंदु है जो की २३ सितम्बर के दिन होता है इस दिन और रात एक बराबर होते हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुकी हुई है सूर्य के चारो और चक्कर लगते हुए पृथ्वी का एक गोलार्ध सूर्य के एक तरफ रहता है और फिर दूसरा गोलार्ध सूर्य की और रहता है वर्ष मे दो बार ऐसी स्तिथि भी आती है जब जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है, और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है.
क्लब के सचिव दर्शन लाल ने बताया कि यह स्तिथि पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने की सबसे बेहतर स्तिथि होती है. आज के दिन सूर्य बिलकुल भूमध्य रेखा पर होता है यदि ऐसी स्तिथि मे दो शहर जो एक दूसरे से 500-600 किलोमीटर दूर हो वहां पर भी कोई दूसरी टीम यही प्रयोग कर के सूर्य का कोण ज्ञात करे तो दोनों कोणों की मदद से इरैटोस्थनिज़ की विधि से पृथ्वी की परिधि की गणना की जाती है क्लब सदस्यों की इस काम मे मदद करने मे अंतर्राष्ट्रीय इरैटोस्थनिज़ टीम के सदस्यों मे पूरी दुनिया मे जगह जगह यह प्रयोग किये जिस के नतीजे ईमेल कर दिए गए हैं अब सभी सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने के अगले चरण मे प्रवेश करेंगे. सभी क्लब सदस्यों को इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था के द्वारा प्रमाणपत्र दिया जायेगा.
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डा.चन्द्रशेखर शर्मा के साथ |
पृथ्वी की परिधि ज्ञात करने की इरैटोस्थनिज़ गणना Eratosthenes' measurement of the Earth's circumference विधि का प्रयोग कर के इन क्लब सदस्यों ने पृथ्वी की परिधि ज्ञात की.
इस प्रयोग को करने के लिए एक छड चाहिए होती है जो पृथ्वी पर खड़ी की जा सके यानी जैसे क्रिकेट की विकेट होती है उसे हम जमीन मे गाड़ देते हैं या फिर लकड़ी के तख्ते पर एक स्टिक छडी खड़ी कर लेते हैं.
23सितम्बर 2011 को क्लब सदस्यों 11 AM से 1 PM के बीच इस स्टिक को जमीन पर खडा कर के प्रत्येक 4 मिनट के बाद परछाई की लम्बाई नापते रहे और इस सारणी मे नोट करते रहे.
माप सारणी मे लिख लेते हैं
समय | छड की ऊँचाई | परछाई की लम्बाई |
11:30 AM | 80 cm | 53cm |
11.34 AM | 80 cm | 52 cm |
11.38 AM | 80 cm | 50 cm |
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11.58 AM | 80cm | 41 cm |
12.02 Noon | 80 cm | 40.5 cm |
12.04 PM | 80 cm | 41 cm |
12.08 PM | 80 cm | 41.5 cm |
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12.26 PM | 80 cm | 44 cm |
12.36 PM | 80 cm | 45 cm |
छड की लम्बाई = 80 cm
परछाई की न्यूनतम लम्बाई = 40.5 cm
अब इन दोनों गणनाओं की सहायता से हम सूर्य का कोण ज्ञात कर सकते है.
City | यमुनानगर |
Country | India |
Date | 23सितम्बर 2011 |
Location | सेक्टर 17 |
Latitude | 30°08’ N |
Longitude | 77°17’ E |
Gnomon | 80 cm |
Shadow | 40.5 cm |
Angle | 26.85° |
इस प्रयोग मे अर्जुन,आदित्य,मानवेंद्र,शाश्वत,हृतिक,पारस,मेघा,मानस,प्रदीप,शुभम,विपिन,राहुल व नीरज ने दर्शन लाल विज्ञान अध्यापक और डा.चन्द्रशेखर शर्मा के मार्गदर्शन मे यह गतिविधि सम्पन्न की.
नतीजे प्राप्त हो गए हैं
पीट रोड peet road मलेशिया के SMK st Thomas स्कूल के बच्चो की गणना के अनुसार,
City | Jalan gambut |
Country | Malaysia |
Date | 21 June 2011 |
Solar Noon (UT) | |
Latitude | 03°49’N = +3,8167° |
Longitude | 103°20’E |
Gnomon | 80 cm |
Shadow | 40.5 cm |
Angle | 01°22’ = 01.375° |
हल करने पर,
पृथ्वी की परिधि = 41290 किलोमीटर
पृथ्वी की परिधि (स्टैंडर्ड) = 40075 किलोमीटर
सदस्यों की गणना मे त्रुटि = 3.031 %
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप ..शुभकामनाएं !
ReplyDeleteGreat experiment
ReplyDeleteKrypya jaankari dein -
ReplyDelete1. Kya ise do alag-alag shahron ke aankdon ki tulna karke hi gyat kiya ja sakta hai ? Donon sharon ke beech ki duri (2924 km)bhi purv se hi gyat hai !
2. Surya ka angle gyat karne ki kya vidhi hai ?
3. Kya ek hi sthan par aankade ekatr kar Paridhi gyat karne ki bhi koi vidhi hai ?
@अभिषेक मिश्र जी
ReplyDeleteसूर्य कोण = परछाई की प्राप्त न्यूनतम लम्बाई / दंड की लम्बाई
यानी लम्ब / आधार
यानी tan Q = P/B
यहाँ से tan ज्ञात कर के थीटा कोण ज्ञात किया जा सकता है
दुसरा प्रश्न
जी ऐसी विधि भी है उस में हम अपने गणना के स्थान की दूरी भूमध्य रेखा से ज्ञात कर सकते हैं
देखो एक उदाहरण
किसी स्तान का Latitude है 44:45:47N माना और
Longitude इतना है 085:37:14W और भूमध्य रेखा से दूरी है
Distance to Equator= 4977 km किलोमीटर
तब यह सूत्र लगा
(दोनों नगरों के बीच की * ३६०)/प्राप्त सूर्य कोण
Measured shadow angle in degrees मापा गया कोण : 44.966 डीग्री
तब
(३९८५४*३६०)/ ४४.९६६ = ???????????
Calculated Earth circumference: 39,845 km
और कोई बात पूछनी हो तो आप फोन कर सकते हैं