सोडियम धातु की जल से क्रिया Reaction of Sodium and Water
जब भी सोडियम धातु का जिक्र आता है तो याद आता है यह वो धातु है जो पानी मे आग लगा देती है जी हां सही सुना है आपने.
सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है ये खुली नहीं रखी जा सकती इसको मिट्टी के तेल किरोसिन आयल मे रखी जाती है हवा मे खुला रखा जाने पर यह आक्सीजन से क्रिया कर लेती है और आक्साईड बनाती है.सामान्यतः धातुएँ कठोर होती हैं परन्तु सोडियम अपवाद है यह इतनी नरम होती है की यह धातु चाकू से भी कट जाए.
सोडियम धातु को चाकू से काटा जा सकता है.
सक्रिय धातु होने के कारण बहुत समय तक सोडियम धातु का निर्माण करना आसानी से नहीं हो सका। 1807 में इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक डेवी ने द्रव सोडियम हाइड्राक्साइड के वैद्युत अपघटन द्वारा इस तत्व का सर्वप्रथम निर्माण किया.
सोडियम की जल से क्रिया सम्पूर्ण हो जाने के बाद जो पानी बचता है उस मे फिनोफ्थलिन के दो बूंदें डालने से घोल का रंग गुलाबी हो जाता है अर्थात यह घोल क्षारीय प्रकृति का है.
2 Na + 2 H2O > 2 NaOH + H2
आज सोडियम धातु की जल से क्रिया का प्रयोग किया गया पहले बच्चो को सोडियम धातु से परिचित करवाया गया फिर प्रयोग किया गया
सोडियम धातु से बहुत से चमत्कार कर के कईं दशको से मदारी जादूगर और तथाकथित सयाने अपनी रोजी रोटी चला रहें हैं मदारी लकड़ियों, हड्डियों नारियल, हवन कुण्ड पानी छिड़क कर आग लगाने का चमत्कार इसी धातु तत्व सोडियम की मदद से ही करते हैं.
इस प्रयोग को देखने के बाद कम से कम यह बच्चे इन तथाकथितों के झांसे मे नहीं आयेंगे.
यही मकसद होता है किसी देश मे वैज्ञानिक चेतना के प्रसार का जिस के लिए विज्ञान संचारक दिन रात विज्ञान संचार का काम करते हैं.
देखें यह वीडियो जिस मे सोडियम की जल से क्रिया दिखाई गयी है.
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
जब भी सोडियम धातु का जिक्र आता है तो याद आता है यह वो धातु है जो पानी मे आग लगा देती है जी हां सही सुना है आपने.
सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है ये खुली नहीं रखी जा सकती इसको मिट्टी के तेल किरोसिन आयल मे रखी जाती है हवा मे खुला रखा जाने पर यह आक्सीजन से क्रिया कर लेती है और आक्साईड बनाती है.सामान्यतः धातुएँ कठोर होती हैं परन्तु सोडियम अपवाद है यह इतनी नरम होती है की यह धातु चाकू से भी कट जाए.
![]() |
vanderkrogt.net |
सक्रिय धातु होने के कारण बहुत समय तक सोडियम धातु का निर्माण करना आसानी से नहीं हो सका। 1807 में इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक डेवी ने द्रव सोडियम हाइड्राक्साइड के वैद्युत अपघटन द्वारा इस तत्व का सर्वप्रथम निर्माण किया.
सोडियम की जल से क्रिया सम्पूर्ण हो जाने के बाद जो पानी बचता है उस मे फिनोफ्थलिन के दो बूंदें डालने से घोल का रंग गुलाबी हो जाता है अर्थात यह घोल क्षारीय प्रकृति का है.
यदि सोडियम धातु के छोटे से टुकड़े पर पानी की बूंदे डाली जाएँ तो सोडियम हाइड्रोआक्साईड NaOH
क्षार बनता है और हाइड्रोजन गैस बनती है. 2 Na + 2 H2O > 2 NaOH + H2
आज सोडियम धातु की जल से क्रिया का प्रयोग किया गया पहले बच्चो को सोडियम धातु से परिचित करवाया गया फिर प्रयोग किया गया
सोडियम धातु से बहुत से चमत्कार कर के कईं दशको से मदारी जादूगर और तथाकथित सयाने अपनी रोजी रोटी चला रहें हैं मदारी लकड़ियों, हड्डियों नारियल, हवन कुण्ड पानी छिड़क कर आग लगाने का चमत्कार इसी धातु तत्व सोडियम की मदद से ही करते हैं.
इस प्रयोग को देखने के बाद कम से कम यह बच्चे इन तथाकथितों के झांसे मे नहीं आयेंगे.
यही मकसद होता है किसी देश मे वैज्ञानिक चेतना के प्रसार का जिस के लिए विज्ञान संचारक दिन रात विज्ञान संचार का काम करते हैं.
देखें यह वीडियो जिस मे सोडियम की जल से क्रिया दिखाई गयी है.
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर
उपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteआभार।
------
आप चलेंगे इस महाकुंभ में...
...मानव के लिए खतरा।
मेरे गांव मे एक काशी बाबा की पूजा होती है,आजकल नया नया प्रचलन मे है।वो गाय के गोबर से बने उपले को धूप मे देर तक रखे रहने के बाद हाथ से उपर उठा लेते हैं,और फिर उसमे से धुआं निकलने लगता है।इसका क्या रहस्य हो सकता है।
ReplyDeleteSir kya hm sodium ko idhan ke rup me use kar sakte hai
ReplyDelete