Friday, September 23, 2011

सोडियम धातु की जल से क्रिया Reaction of Sodium and Water

सोडियम धातु की जल से क्रिया Reaction of Sodium and Water
जब भी सोडियम धातु का जिक्र आता है तो याद आता है यह वो धातु है जो पानी मे आग लगा देती है जी हां सही सुना है आपने.
 सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है ये खुली नहीं रखी जा सकती इसको मिट्टी के तेल किरोसिन आयल मे रखी जाती है हवा मे खुला रखा जाने पर यह आक्सीजन से क्रिया कर लेती है और आक्साईड बनाती है.सामान्यतः धातुएँ कठोर होती हैं परन्तु सोडियम अपवाद है यह इतनी नरम होती है की यह धातु चाकू से भी कट जाए.
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सोडियम धातु को चाकू से काटा जा सकता है.
सक्रिय धातु होने के कारण बहुत समय तक सोडियम धातु का निर्माण करना आसानी से  नहीं  हो सका। 1807  में इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक डेवी ने द्रव सोडियम हाइड्राक्साइड के वैद्युत अपघटन द्वारा इस तत्व का सर्वप्रथम निर्माण किया.
सोडियम की जल से क्रिया सम्पूर्ण हो जाने के बाद जो पानी बचता है उस मे फिनोफ्थलिन के दो बूंदें  डालने से घोल का रंग गुलाबी हो जाता है अर्थात यह घोल क्षारीय प्रकृति का है.  
यदि सोडियम धातु के छोटे से टुकड़े पर पानी की बूंदे डाली जाएँ तो सोडियम हाइड्रोआक्साईड NaOH
क्षार बनता है और हाइड्रोजन गैस बनती है.  
2 Na + 2 H2       > 2 NaOH + H2
आज सोडियम धातु की जल से क्रिया का प्रयोग किया गया पहले बच्चो को सोडियम धातु से परिचित करवाया गया फिर प्रयोग किया गया 
सोडियम धातु से बहुत से चमत्कार कर के कईं दशको से मदारी जादूगर और तथाकथित सयाने अपनी रोजी रोटी चला रहें हैं मदारी लकड़ियों, हड्डियों नारियल, हवन कुण्ड पानी छिड़क कर आग लगाने का चमत्कार इसी धातु तत्व सोडियम की मदद से ही करते हैं.
इस प्रयोग को देखने के बाद कम से कम यह बच्चे इन तथाकथितों के झांसे मे नहीं आयेंगे.
यही मकसद होता है किसी देश मे वैज्ञानिक चेतना के प्रसार का जिस के लिए विज्ञान संचारक दिन रात विज्ञान संचार का काम करते हैं.
देखें यह वीडियो जिस मे सोडियम की जल से क्रिया दिखाई गयी है.


        
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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Saturday, September 10, 2011

गुब्बारा क्यूँ नहीं फटा why balloon not to burst ?

गुब्बारा क्यूँ नहीं फटा  why balloon not to burst?
उत्सुकतापूर्वक देखते अब क्या होने वाला है ?
आज के प्रयोग मे यह दिखाया गया कि उष्मा का अवशोषण पानी के द्वारा कर लिए जाने से गुब्बारा नहीं फटता.
इया प्रयोग के लिए हम दो गुब्बारे balloon लेते है एक गुब्बारे को फूला कर मोमबत्ती या स्प्रिट लैम्प  की लो के उपर ले जाते हैं तो गुबारा ठा कर के फट जाता है.
ऐसा इसलिए होता है जब गुब्बारे की सतह का ज्वलनशील मेटेरियल उष्मा के सम्पर्क मे आता है तो ज्वलन बिंदु आने पर गुब्बारे का मेटेरियल जलने लगता है और अंदर हवा होने के कारण वो फट जाता है और तेजी से हवा बाहर रिलीज़ होती है जिस कारण मोमबत्ती या लैम्प भी बुझ जाता है.
दुसरा गुब्बारा लो उस मे पानी भर लो और फिर उस को फुलाओ. फूलने पर हम देखते हैं कि गुब्बारे के तल पर पानी दिखाई देता है अब हम गुब्बारे को फूला कर मोमबत्ती या स्प्रिट लैम्प  की लो के उपर ले जाते हैं तो गुब्बारा नहीं फटा,ऐसा क्यूँ नहीं हुआ?
मोमबत्ती या स्प्रिट लैम्प  की लो द्वारा उत्पन्न उष्मा Heat पानी द्वारा अवशोषित कर ली जाती है जिस कारण गुब्बारे की सतह का ज्वलनशील मेटेरियल अपने ज्वलन ताप तक नहीं पहुँच पाता है इस कारण नहीं फटता है 
है ना मजेदार कम लागत मे विज्ञान प्रयोग 
क्या कहना है जी      
    • प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
    • द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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