विज्ञान पहेली-19 Science Quiz-19 (और Science Quiz-18 का उत्तर)
इस पहेली -१८ का जवाब दिया है
श्री राज भाटिया जी एवं श्री श्रीष जीePandit ने
आपको व अन्य प्रतिभागियों,विजिटर्स को बहुत बहुत बधाईयां व धन्यवाद
श्री राज भाटिया जी जी के हम विशेष रूप से यूं भी आभारी हैं कि आपकी उपस्तिथि बच्चों के इस क्लब गतिविधि ब्लॉग पर सदैव रहती है. विज्ञान गतिविधियाँ विज्ञान क्लब का चिठ्ठा होने के कारण यह क्लब की पत्रिका के समान ही है आप की इस पर उपस्तिथि आप के बाल प्रेम को प्रकट करती हैं हम आपकी इस भावना के आगे नमन करते हैं.
श्री राज भाटिया जी |
श्री राज भाटिया जी एवं श्री श्रीष जीePandit ने
आपको व अन्य प्रतिभागियों,विजिटर्स को बहुत बहुत बधाईयां व धन्यवाद
श्री राज भाटिया जी जी के हम विशेष रूप से यूं भी आभारी हैं कि आपकी उपस्तिथि बच्चों के इस क्लब गतिविधि ब्लॉग पर सदैव रहती है. विज्ञान गतिविधियाँ विज्ञान क्लब का चिठ्ठा होने के कारण यह क्लब की पत्रिका के समान ही है आप की इस पर उपस्तिथि आप के बाल प्रेम को प्रकट करती हैं हम आपकी इस भावना के आगे नमन करते हैं.
भुवनेश और विशाल |
ये बच्चे लिसापोल नामक एक तरल साबुन/डिटर्जेन्ट बना रहे है जिस का प्रयोग डिश वाश तरल सोप के रूप मे किया जाता है. आजकल यह होममेड पदार्थ कम प्रचलन मे है परन्तु फिर भी कभी कभी कोई बना लेता है सस्ता पड़ता है.
ये दोनों बच्चे भुवनेश और विशाल मश्कअली जो की दोनों सी.वी.रमण विज्ञान क्लब के एक्टिव सदस्य भी है.लिसापोल ही बना रहें हैं.
लिसापोल बनने के लिए चार रसायन प्रयोग मे लाये जाते हैं.
यह चारों रसायन आसानी से साबुन उद्योग का कच्चा माल बेचने वाले दूकानदार के पास मिल जाता है.ये चारों रसायन हैं;
१. एसिड स्लरी Acid Slurry 0.2 kg
२. सोडा ऐश Soda Ash .05 kg
३. ट्राई सोडियम फास्फेट Tri Sodium Phosphate .05kg
४. यूरिया .05 kg
एक प्लास्टिक की बाल्टी मे 5 लीटर पानी लेकर उस मे सोडा ऐश घोल लेते हैं.और फिर एसिड स्लरी को धीरे धीरे मिलाते हैं और लकड़ी की स्टिक से चलते रहते है.अब बाकी दोनों रसायन भी मिला कर घोल लेते हैं लो जी बन गया आप का तरल साबुन यानि Liquid Soap. इस से आप बर्तन धो सकते है कोई कालीन,दरी,फर्श आदि बड़े क्षेत्रफल वाला धुलाई का काम जहां ज्यादा साबुन लगने की आवश्यकता हो यह १०-१५ रूपये प्रति किलोग्राम खर्च का तरल साबुन या डिटर्जेन्ट है
सभी उत्साह बढाने वाले बंधुओं का धन्यवाद और अब बारी है नयी पहेली की.....
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विज्ञान पहेली-19 Science Quiz-19
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यह क्या घटना है और ताज़ा ताज़ा कब घटित होने जा रही है?
पहेली का जवाब 19-6-2011, 8 बजे तक दे सकते है |
पहेली का परिणाम 19-6-2011, 9 बजे |
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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Good info . Congrats Bhatiya ji.
ReplyDeleteचन्द्र ग्रहण :)
ReplyDeleteभाटिया जी को बधाई
ReplyDeleteकरनाल के नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट का खुलासाःगाय के घी में कैंसर से लड़ने के गुण
ReplyDeleteगाय के घी के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। क्योंकि इसमें वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं।
इन माइक्रोन्यूट्रींस में शरीर में उत्पन्न कैंसरीयस तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है। यह खुलासा हरियाणा के करनाल स्थित नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्ययन में हुआ है। जिसके मुताबिक शरीर में जमा होने वाला अनसेचुरेटेड फैट कैंसरीयस तत्व उत्पन्न करता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के ताजा अंक में इसे प्रकाशित किया गया है।
ऐसे किया गया अध्ययन :
21 दिन की उम्र के तीस-तीस चूहों के दो समूहों में खास तरह के रासायनिक तत्व की मदद से कैंसर उत्पन्न किया गया। विशेषज्ञों की टीम ने ४४ हफ्तों तक इन चूहों के एक समूह को शारीरिक वजन के हिसाब से गाय के घी से तैयार भोजन दिया, जबकि दूसरे समूह को सोयाबीन ऑयल युक्त भोजन दिया गया।
पाया गया कि जिन चूहों के समूह को सोयाबीन ऑयल युक्त भोजन दिया गया, उनमें ट्यूमर (कैंसरीयस) की मात्रा दूसरे समूह की अपेक्षा ज्यादा है। इन चूहों में 23 हफ्ते के अंदर ट्यूमर बनने लगा था, जबकि गाय के घी का सेवन कर रहे चूहों में 27 हफ्ते का समय लगा।
अध्ययन के दौरान सोयाबीन ऑयल युक्त भोजन लेने वाले चूहों में से कई की मौत भी हो गई।
टीम के मुताबिक मेमोरी ग्लैंड के निर्माण के समय सोयाबीन ऑयल की अपेक्षा गाय का घी खाने वाले चूहों में कैंसर होने की आशंका 39 फीसदी तक कम पाई गई। गौरतलब है कि देश में जीवनशैली के पश्चिमीकरण होने की वजह से चिकनाइयुक्त खाद्य पदार्थो का प्रचलन काफी बढ़ गया है।
बीते एक दशक में सीने व मुंह का कैंसर बहुत तेजी से फैला है। एम्स के कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ. जीके रथ कहते हैं कि भारत में प्रति वर्ष कैंसर के नौ लाख नए मरीज सामने आ रहे हैं(धनंजय कुमार,दैनिक भास्कर
आज पहली बार पहेली जीती हे:) धन्यवाद जी,
ReplyDeleteभाटिया जी को बधाई...
ReplyDeleteबचपन में हमारे स्कूल में डिटर्जेंट पाउडर बनाने का सामान बेचने वाले आते थे और बनाकर दिखाते थे जिससे हम फोटो देखकर समझ गये।
ReplyDeleteबहुत दिनों से गूगल रीडर पर पढ़ना कम हो रखा है नहीं तो शायद पहले नम्बर पर हमारा ही जवाब हो जाता। खैर बैटर लक नैक्स्ट टाइम।
बहुत ही सुन्दर जानकारीपरक और उपयोगी पहेली थी ये तो ... विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteबिना खुश्बू के होता है लिसापोल
ReplyDeleteराहू केतु का हमला होने जा रहा है चन्द्रमा पर, थोड़े ढोल नगाड़े बजाने होंगे, दान पुण्य करना होगा, चन्द्र देवता को बचाने के लए ! बस इसी पूर्णिमा १५ जून को यह चन्द्र देव पर यह मुसीबत आयेगी, हम चले पूजा पाठ , उपवास की तैयारी करनी है !
ReplyDeleteभाटिया जी को बधाई|
ReplyDeleteसाबुन पड़ता तो सस्ता है,पर फिनिशिंग के स्तर पर कमी रह जाने के कारण उत्साह बना नहीं रह पाता।
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