Tuesday, May 31, 2011

विधुत मोटर का एक साधारण सा माडल-२ Simplest Electric Motor-2


विधुत मोटर का साधारण सा माडल-२  Simplest Electric Motor-2
विधुत मोटर के वैकल्पिक माडल बनाने की शृंखला में कक्षा सात के बच्चों को विधुत मोटर का यह नवीनतम और साधारण माडल बना कर दिखाया गया 
Simplest Electric Motor-2
 इस को बनने के लिए एक शुष्क सैल,एक बेलनाकार चुम्बक और एक  जूतियाँ गाठने में प्रयुक्त होने वाली कील,तार का एक टुकड़ा चाहिये.
बच्चों की उत्सुकता देखते हुए अब यह सोचा गया है कईं प्रकार की कम लागत की विधुत मोटर बनाने के एक प्रोजेक्ट पर बच्चों को लगाया जाए.
इसी शृंखला मे यह दूसरी विधुत मोटर  आप देखें जिसको बच्चों ने बनाया और खुद ही चला कर भी देखा.
खुद काम करके बच्चे बहुत ही खुश होते हैं कम साधनों वाले स्कूलों मे अध्यापक के जिम्मेदारी कई गुणा बढ़ जाती है कि वो इन बच्चों को भी वो नए नए प्रयोग जुटा कर और कर के दिखाए. इस का एक लाभ यह भी होता है बच्चा तमाम उम्र याद रखता है कि हमने अपने स्कूल मे यह विज्ञान का प्रयोग किया था.
ऐसे लगा लेवें सेल,कील,चुम्बक  
पूरा परिपथ 
सबसे पहले सैल की टोपी की तरफ यानी धन ध्रुव पर कील की नोक और कील की टोपी पर चुम्बक चिपका लेते हैं.फिर तार के टुकड़े को दोनों तरफ से छील कर एक सिर सेल के ऋण ध्रुव पर और दुसरा सिरा बेलनाकार चुम्बक से टच करवाते हैं.
और हम क्या देखते हैं कि कील पर चिपकी हुई चुम्बक तेजी से घूमने लगती हैं.
            चुम्बक की धातु विधुत की सुचालक है और तार भी जब परिपथ पूरा होता है यानी तार का सिरा चुम्बक से स्पर्श करता है तो सामान ध्रुवों के प्रतिकर्षण के कारण वेह सिरा धकेला जता है और विपरीत ध्रुवों के आकर्षण के कारण दुसरा सिरा आकर्षित किया जाता है यह क्रिया बार बार दोहराई जाती है और चुम्बक कील की धुरी पर घूमने लगता है और कील मे चुम्बकत्व आ जाने के कारण वो सेल से चिपका रहता है .
सब बच्चों ने ताली बजाई और जमूरा खुश हुआ,किसी बच्चे ने सामान ले लिया कि मै बना के देखता हूँ फिर सब बारी बारी बना कर देखेंगे, सीखेंगे तोड़ फोड़ कर सामान वापस कर देंगे.
देखें यह वीडियो जो अपना खुद का बनाया हुआ है.
 




किसी ने कहा है कि इस ब्लॉग के इतने फोलोवर और रीडर हैं पर टिप्पणी नहीं आती है ?? मैंने उन को कहा कि मुझे क्या पता ??
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    


17 comments:

  1. यह तो विज्ञान संचार के साथ प्रौद्योगिकी संचार भी है कमाल है !

    ReplyDelete
  2. बालकों को निस्संदेह अच्छा लगेगा..

    ReplyDelete
  3. सब बच्चो को प्यार देखो हम तो टिपण्णी करते हे ना, बाकियो को पकड के लाता हुं, रुको जाना नही

    ReplyDelete
  4. पाठकों आज आपको की खुशबू से युक्त कुछ घरेलू उपयोग की चीजों के बारे में जानकारी दे रहा हूँ | जी हाँ , गुजरात के एक शख्स हैं जिनका नाम मनसुख है |दर असल कक्षा दस में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद मनसुख ने हार नही मानी और एक साधारण परिवार से होते हुए भी इन सभी चीजों का आविष्कार किया | इनकी खासियत ये है की ये सभी चीजे इकोफ्रेंडली हैं |.इनका पुरुषार्थ ही जिनकी बदौलत राष्ट्रपति ,मुख्यमंत्री व् कई अन्य संस्थाओ से भी ये जनाब समानित हो चुकें है .अब ज्यादा न उलझाते हुय आपको उनसे परिचय करवा ही देता हूँ |


    पहले बात करते हैं रेफ्रिजेटर की ..जी हाँ ये रेफ्रिजेटर बिना बिजली के चलता है| इसके उपर एक पानी की छोटी टंकी बनी हुई है जिसमे पानी डाला जाता है | ये पानी पीने के काम भी आ जाता है और इसका तापमान भी बनाये रखता है और इसकी खास बात ये हैं लगभग एक सप्ताह तक इसमें फल व् सब्जियाँ खराब नही होती हैं |और दूध और अन्य पदार्थ 24 घंटे तक खराब नही होते हैं |
    इसके साथ ही ये पूरी तरह इकोफ्रेंडली हैं | आज भी हमारे देश के ऐसे सुदूर इलाके हैं जहां बिजली नही है और बहुत से ऐसे परिवार जो इतना सामर्थ्य नही रख पाते है की वो इन सबका खर्चा उठा सकते हों |उनके लिय ये वरदान से कम नही हैं
    इकोफ्रेंडली वाटर फिल्टर सिस्टम भी है ...जिसको बिना किसी बिजली की सहायता से चलाया जाता है और पानी की अशुदियाँ दूर होती हैं |

    ReplyDelete
  5. रोचक ... इसे एकबार करके देखना चाहता हूँ ...

    ReplyDelete
  6. बढ़िया प्रयोग मास्टर जी। ऐसे ही हमारा और बच्चों का ज्ञान बढ़ाते रहें।

    आज की गलतियाँ:

    सेल -> सैल
    मे -> में
    गाडने -> गाड़ने
    कईं -> कई

    और हाँ वीडियो की रिजॉल्यूशन थोड़ा ज्यादा रखें। यदि साथ ही ऑडियो नैरैशन हो तो और बढ़िया।

    ReplyDelete
  7. धन्यवाद श्रीष जी
    में जहां बिंदी लगता हूँ वहां नहीं लगनी होती और जहां नहीं लगाता हूँ वहां लगानी होती है;
    गजब है अजब है ये,
    लगता है इनस्क्रिप्ट सीखनी ही पड़ेगी.
    हा हा

    ReplyDelete
  8. मेरी बिटिया के भी काम की है।

    ReplyDelete
  9. yeh prayog hai, ise or bada bana ker dekhta hoon

    ReplyDelete
  10. yeh prayog hai.ise or bada banaker dekhtaa hoon

    ReplyDelete
  11. yeh prayog hai, ise or bada bana ker dekhta hoon

    ReplyDelete
  12. It's a shame you don't have a donate button! I'd most certainly donate to this outstanding
    blog! I suppose for now i'll settle for book-marking and adding your RSS feed to my Google account.
    I look forward to fresh updates and will talk about this blog with my Facebook
    group. Talk soon!

    ReplyDelete

टिप्पणी करें बेबाक