Tuesday, May 24, 2011

खूनी पंजे छापना और भूत भगाना Khuni Panja

खूनी पंजे छापना और भूत भगाना Khuni Panja
लाल पंजों के निशान 
अंतर्राष्ट्रीय रसायन वर्ष के तहत आज स्कूली बच्चों को यह बताया गया कि किस प्रकार ठग बाबे सयाने मियाँ मासूम लोगों को तथाकथित चमत्कार दिखा कर गुमराह करते है और लुटते हैं |
चमत्कारों  के पीछे रसायन शास्त्र
रसायन शास्त्र  का प्रयोग कर के वो लोगो को रासायनिक क्रियाओं के द्वारा बेवकूफ बनाते हैं |
आज ऐसा ही एक प्रयोग कर के दिखाया गया
इस चमत्कार से जुड़ी कहानी पहले सुनाई जाए फिर प्रयोग का खुलासा करने मे आसानी होगी |
एक औरत रोती  हुई एक बाबे की कुटिया मे जाती है और वो वहाँ पर सयानों को बताती है कि उस के घर सब बीमार रहते है आप कोई ऐसा चमत्कार कर दो कि सब ठीक हो जाए, बाबे ने अपनी पोटली से एक पीला कपड़ा निकाला और उस ओरत के हाथ अपने लोटे के जल से धुलवाए और उस पीले कपड़े पर गीले गीले हाथ रखने को कहा; वह ओरत अपने हाथ पीले कपडे पर रख देती है बाबा जी मन्त्र पढ़ते हैं और हाथ उठाने को कहता है तो पीले कपडे पर दोनों खूनी पंजे छप जाते हैं |
बाबा उस ओरत को कहता है जाओ अब तुम्हारे अंदर से मैंने खूनी-प्यासी आत्मा निकाल दी है और उस के सब गहने और नगदी ले कर फरार हो जाते है |
आओ अब जाने ये खूनी पंजे कैसे छप जाते है ?
आवश्यक सामान 
पीला  कपड़ा : एक बर्तन मे पानी मे हल्दी का पाउडर घोल कर उस मे एक सफ़ेद कपड़ा डुबो लेते हैं उस सफेद कपडे पर हल्दी का पीला रंग चढ जाता है|
चूने का घोल : फिर पानी मे सफेदी करने वाला चूना डाल कर घोल लेते हैं थोड़ी देर मे चूना पाउडर नीचे बैठ जाता है और चुने का पारदर्शक घोल बच जाता है|




कल्ब सदस्य प्रयोग करते हुए 
कैसे किया : 
इस घोल से हाथ धुलवा कर जब गीले हाथ पीले कपडे पर रखने से हल्दी के साथ चूने के पानी की क्रिया होती है
 तो लाल लहू जैसा रंग के पंजे पीले कपडे पर छप गए;
हल्दी की क्षार के साथ क्रिया लाल रंग उत्त्पन्न करती है
ऐसा दैनिक जीवन में तब देखने को मिलता है जब कभी खाना खाते हुए सब्जी के दाग कपड़ो पर लग जाते हैं और जब उन कपड़ों को धोया जाता है तो साबुन (क्षार) के साथ क्रिया कर के वो लाल बन जाते है |

यह देखें सारे चित्र
लाल रंगें रुमाल 


प्रयोग सीख कर खुशी 
अब  देखें प्रयोग का यह चलचित्र 


प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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9 comments:

  1. बढ़िया मजेदार प्रयोग। इसी प्रयोग को थोड़ा काले कपड़े पहन कर बाबा बन कर किया जाय तो वाकई कोई भी झाँसे में आ जायेगा।

    आपके प्रयोग सरल और रुचिकर होते हैं और अधिकतर आसानी से बिना ज्यादा ताम-झाम के किये जा सकते हैं।

    वीडियो में कैप्शन थोड़े बड़े आकार में हो तो ज्यादा स्पष्ट दिखेगा।

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  2. आपकी पोस्ट में कुछ वर्तनी की अशुद्धियाँ हैं जिनकी तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा।

    पहली बात तो ये कि पूर्णविराम (।) की जगह पाइप साइन का प्रयोग न किया करें।

    कल्ब --> क्लब
    ओरत --> औरत
    जुडी --> जुड़ी
    कुटीया --> कुटिया
    वहां --> वहाँ
    कपडे --> कपड़े
    मे --> में
    चढ --> चढ़
    मन्त्र पड़ते --> मन्त्र पढ़ते

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  3. धन्यवाद ePandit जी
    शुद्धिकरण कर लिया गया है .

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  4. बहुत ही सुन्दर शिक्षाप्रद प्रयोग ... ऐसे प्रयोग और होने चाहिए जिससे अन्धविश्वास का निराकरण हो ...

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  5. यह सब पाठ्यक्रम का भी हिस्सा होना चाहिए इस देश में। जितने ज्यादा बच्चे यह सब देख सकें और स्वयं आजमा सकें,बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई की ज़रूरत उतनी कम होती जाएगी।

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  6. ऐसा करने वालों को चौराहों परबैठा कर भिगा-भिगा कर लगाना चाहिए।

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    हंसते रहो भाई, हंसाने वाला आ गया।
    अब क्‍या दोगे प्‍यार की परिभाषा?

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  7. बचपन में हमने भी बड़े गच्चे खाए।

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  8. NICE POST AND IT SHOULD BE A EDUCATED IN SCHOOL.

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  9. विज्ञान के संचार का प्रभावी तरीका -
    साईंस ब्लागर्स पर भी इन पोस्टों का जिक्र करें

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