विज्ञान पहेली-12 Science Quiz-12(और Science Quiz-11 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-11 के विजेता बने हैं,
श्री संजय शर्मा जी उनको बधाईयाँ …….
यह चित्र आपदा प्रबंधन को प्रकट करता है आपने शायद इसी ब्लॉग पर एक पुरानी पोस्ट पढ़ रखी होगी आपदा प्रबंधन सीखे वहीँ से यह चित्र लिया गया था |
श्री आशीष मिश्र जी ने आपदा नियंत्रण उत्तर दिया था वो सही नहीं है क्यूंकि आपदा प्रबंधन और आपदा नियंत्रण में फर्क है लेकिन फिर भी आशीष जी को भी बहुत बहुत बधाईयां.
आओ जाने क्या है? आपदा और आपदा प्रबंधन.
आपदा प्रबंधन सीखना समय की मांग Disaster Management
जापान की आपदा ने एक बार फिर बता दिया है कि प्रकृति की मार सब से भयंकर होती है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम आपदा आने पर किस प्रकार हम बच सके और दूसरों की भी जान बचा सके. आपदा प्रबंधन के द्वारा हम यह सब जान सकते है.
आपदा को अंग्रेज़ी में Disaster कहा जाता है Hazard,Risk दो अन्य अंग्रेज़ी के समानार्थी शब्द है और हिंदी में भी इस को कईं शब्दों जैसे प्रलय,विपदा,प्रकोप,विपत्ति,खतरा शब्दों से जाना जाता है परन्तु आपदा के लिए सर्वथा Disaster ही उपयुक्त शब्द है.
आपदा एक असामान्य घटना है जो थोड़े ही समय के लिए आती है और अपने विनाश के चिन्ह लंबे समय के लिए छोड़ जाती है.
प्राकृतिक आपदा को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि एक ऐसी प्राकृतिक घटना जिस में एक हज़ार से लेकर दस लाख लोग तक प्रभावित हों और उनका जीवन खतरे में हो तो वो प्राकृतिक आपदा कहलाती है.
बेशक प्राक्रतिक आपदाएं मनुष्य व अन्य जीवों को बहुत प्रभावित करती है प्राकृतिक आपदा को कई रूपों में जाना जाता है.
उपर के चित्र है: १.हरिकेन २.टायफून ३.सुनामी ४.हिमघाव
हरिकेन,सुनामी,सुखा,बाड़,टायफून,बवंडर,चक्रवात सब मौसम से सम्बन्धित प्राकृतिक आपदा हैं.
भूस्खलन और अवधाव या हिमघाव (बर्फ की सरकती हुई चट्टान) ऐसी प्राकृतिक आपदा हैं जिस में स्थलाकृति बदल जाती है.
भूकम्प और ज़्वालामुखी(ज़्वालामुखी के कारण अग्निकांड,दावानल) टेक्टोनिक प्लेट (प्लेट विवर्तनिकी) के कारण आते हैं.
टिड्डीदल का हमला,कीटो का प्रकोप को भी प्राकृतिक आपदा माना गया है.
जवालामुखी,भूकम्प,सुनामी,बाड़,दावानल,टायफून,बवंडर,चक्रवात,भूस्खलन ये सब तीव्रगामी आपदाएँ हैं जबकि सूखा,कीटो का प्रकोप,अग्निकांड मंदगामी आपदाएँ है.
मानवीकृत (Man Made) आपदाएँ वो हैं जो मानवीय क्रियाकलाप के कारण होते हैं,जैसे अग्निकांड,बाड़े,भूस्खलन,सूखा.
यहाँ पर यह बता देना अति आवश्यक हो जाता है कि मानवीय दखल से एक नए प्रकार की आपदा से मनुष्य को दो चार होना पड रहा है और वो है,पर्यावरणीय आपदा वैश्विक ऊष्मन Global Warming.
ओद्योगिक क्रियाकलाप जनसंख्या वृद्धि और प्रकृति के साथ खिलवाड़ ने पर्यावरणीय आपदा को जन्म दिया है.
आपदाएँ तो प्राचीन काल से ही आती रही होंगी परन्तु आज के प्रगतिशील मानव ने उनको समझने में जो तेजी ला दी है इससे जन्म हुआ आपदा प्रबंधन का और मनुष्य ने इसके अंतर्गत इन परिस्तिथियों ने जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए बहुत से प्रयास किये हैं.
कुछ अति विनाशकारी प्राकृतिक आपदाएं ऐसी थी जिन का जिक्र यहाँ करना जरूरी है जिस के बाद इस अवधारणा ने जन्म लिया की आपदा प्रबंधन क्यूँ जरूरी है.
१९९५ की सुनामी,भारत इरान और तुर्की के भयंकर भूकंप,न्यू इंग्लैण्ड व क्युबेक के बर्फीले तूफ़ान,नेब्रास्का में ओलो का कहर,एरिजोना और कलिफोर्निया के दावानल,जापान के भूकम्प आदि त्रासदियाँ आपदा प्रबंधन सिखाने के लिए काफी है.
आपदा प्रबंधन के अंतर्गत ही सबसे बड़ा कदम जो उठाया गया कि ऐसी तकनीके विकसित करने पर जोर दिया गया कि आपदा की किसी तरह भविष्यवाणी की जा सके.
इस उद्देश्य में अंतरिक्ष विज्ञान से बहुत कामयाबी मिली,उपग्रहों की मदद से हरिकेन,टायफून,बवंडर,चक्रवात की सटीक भविष्यवाणी कर के कई बार लाखों लोगो की जानमाल की हानि को बचाया जा सका है. अब तकनीकों की मदद से यह प्रयास जारी हैं कि किसी तरह भूकंप व सुनामी की भी भविष्यवाणी की जा सके,इसके लिए पालतू व अन्य जन्तुओं के व्यवहार परिवर्तन को भी वैज्ञानिक गौर कर रहे हैं.
भूकम्प जैसी आपदा के समय LPG रिसाव आग जैसी दुर्घटना को जन्म देता है,विधुत सप्लाई कट जाती है,जलापूर्ति बंद हो जाती है,जलापूर्ति की घरेलू कनेक्शन पाईप टूट जाने से टैंक का पानी बह जाता है,खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते हैं,लोग मलबे में दब जाते हैं,सड़के मलबे से अट जाती हैं,सहयता देर से पहुँचती है,दोबारा भूकम्प का भय मन में बना रहता है,पीने के साफ़ स्वच्छ पानी का आभाव,कुछ लोग मलबे में से माल तलाश में लूटपाट को बढ़ावा देते है,मृतको की बदबू और महामारी फ़ैल जाती है,सुरक्षित आश्रय नहीं बचता,लोग सहयता सामग्री लूट सकते हैं,जमाखोरी बढ़ जाती है.
ऐसी स्थतियों से निपटने के लिए ही आपदा प्रबंधन सीखना अति आवश्यक है यह तो बकायदा अनिवार्य पाठ्यक्रम होना चाहिए और प्रत्येक नागरिक के लिए इसका प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए|
****************************************************
विज्ञान पहेली -12 ........ Science Quiz -12
****************************************************
चित्र में दिखाई गयी वनस्पति क्या है इसका नाम बताएं ???
पहेली का जवाब 1-5-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर
उत्साहवर्धन करें |
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-11 के विजेता बने हैं,
श्री संजय शर्मा जी उनको बधाईयाँ …….


श्री आशीष मिश्र जी ने आपदा नियंत्रण उत्तर दिया था वो सही नहीं है क्यूंकि आपदा प्रबंधन और आपदा नियंत्रण में फर्क है लेकिन फिर भी आशीष जी को भी बहुत बहुत बधाईयां.
आओ जाने क्या है? आपदा और आपदा प्रबंधन.
आपदा प्रबंधन सीखना समय की मांग Disaster Management
जापान की आपदा ने एक बार फिर बता दिया है कि प्रकृति की मार सब से भयंकर होती है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम आपदा आने पर किस प्रकार हम बच सके और दूसरों की भी जान बचा सके. आपदा प्रबंधन के द्वारा हम यह सब जान सकते है.
आपदा को अंग्रेज़ी में Disaster कहा जाता है Hazard,Risk दो अन्य अंग्रेज़ी के समानार्थी शब्द है और हिंदी में भी इस को कईं शब्दों जैसे प्रलय,विपदा,प्रकोप,विपत्ति,खतरा शब्दों से जाना जाता है परन्तु आपदा के लिए सर्वथा Disaster ही उपयुक्त शब्द है.
आपदा एक असामान्य घटना है जो थोड़े ही समय के लिए आती है और अपने विनाश के चिन्ह लंबे समय के लिए छोड़ जाती है.
प्राकृतिक आपदा को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि एक ऐसी प्राकृतिक घटना जिस में एक हज़ार से लेकर दस लाख लोग तक प्रभावित हों और उनका जीवन खतरे में हो तो वो प्राकृतिक आपदा कहलाती है.
बेशक प्राक्रतिक आपदाएं मनुष्य व अन्य जीवों को बहुत प्रभावित करती है प्राकृतिक आपदा को कई रूपों में जाना जाता है.




उपर के चित्र है: १.हरिकेन २.टायफून ३.सुनामी ४.हिमघाव
हरिकेन,सुनामी,सुखा,बाड़,टायफून,बवंडर,चक्रवात सब मौसम से सम्बन्धित प्राकृतिक आपदा हैं.
भूस्खलन और अवधाव या हिमघाव (बर्फ की सरकती हुई चट्टान) ऐसी प्राकृतिक आपदा हैं जिस में स्थलाकृति बदल जाती है.
भूकम्प और ज़्वालामुखी(ज़्वालामुखी के कारण अग्निकांड,दावानल) टेक्टोनिक प्लेट (प्लेट विवर्तनिकी) के कारण आते हैं.
टिड्डीदल का हमला,कीटो का प्रकोप को भी प्राकृतिक आपदा माना गया है.
जवालामुखी,भूकम्प,सुनामी,बाड़,दावानल,टायफून,बवंडर,चक्रवात,भूस्खलन ये सब तीव्रगामी आपदाएँ हैं जबकि सूखा,कीटो का प्रकोप,अग्निकांड मंदगामी आपदाएँ है.
मानवीकृत (Man Made) आपदाएँ वो हैं जो मानवीय क्रियाकलाप के कारण होते हैं,जैसे अग्निकांड,बाड़े,भूस्खलन,सूखा.
यहाँ पर यह बता देना अति आवश्यक हो जाता है कि मानवीय दखल से एक नए प्रकार की आपदा से मनुष्य को दो चार होना पड रहा है और वो है,पर्यावरणीय आपदा वैश्विक ऊष्मन Global Warming.
ओद्योगिक क्रियाकलाप जनसंख्या वृद्धि और प्रकृति के साथ खिलवाड़ ने पर्यावरणीय आपदा को जन्म दिया है.
आपदाएँ तो प्राचीन काल से ही आती रही होंगी परन्तु आज के प्रगतिशील मानव ने उनको समझने में जो तेजी ला दी है इससे जन्म हुआ आपदा प्रबंधन का और मनुष्य ने इसके अंतर्गत इन परिस्तिथियों ने जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए बहुत से प्रयास किये हैं.
कुछ अति विनाशकारी प्राकृतिक आपदाएं ऐसी थी जिन का जिक्र यहाँ करना जरूरी है जिस के बाद इस अवधारणा ने जन्म लिया की आपदा प्रबंधन क्यूँ जरूरी है.
१९९५ की सुनामी,भारत इरान और तुर्की के भयंकर भूकंप,न्यू इंग्लैण्ड व क्युबेक के बर्फीले तूफ़ान,नेब्रास्का में ओलो का कहर,एरिजोना और कलिफोर्निया के दावानल,जापान के भूकम्प आदि त्रासदियाँ आपदा प्रबंधन सिखाने के लिए काफी है.
आपदा प्रबंधन के अंतर्गत ही सबसे बड़ा कदम जो उठाया गया कि ऐसी तकनीके विकसित करने पर जोर दिया गया कि आपदा की किसी तरह भविष्यवाणी की जा सके.
इस उद्देश्य में अंतरिक्ष विज्ञान से बहुत कामयाबी मिली,उपग्रहों की मदद से हरिकेन,टायफून,बवंडर,चक्रवात की सटीक भविष्यवाणी कर के कई बार लाखों लोगो की जानमाल की हानि को बचाया जा सका है. अब तकनीकों की मदद से यह प्रयास जारी हैं कि किसी तरह भूकंप व सुनामी की भी भविष्यवाणी की जा सके,इसके लिए पालतू व अन्य जन्तुओं के व्यवहार परिवर्तन को भी वैज्ञानिक गौर कर रहे हैं.
भूकम्प जैसी आपदा के समय LPG रिसाव आग जैसी दुर्घटना को जन्म देता है,विधुत सप्लाई कट जाती है,जलापूर्ति बंद हो जाती है,जलापूर्ति की घरेलू कनेक्शन पाईप टूट जाने से टैंक का पानी बह जाता है,खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते हैं,लोग मलबे में दब जाते हैं,सड़के मलबे से अट जाती हैं,सहयता देर से पहुँचती है,दोबारा भूकम्प का भय मन में बना रहता है,पीने के साफ़ स्वच्छ पानी का आभाव,कुछ लोग मलबे में से माल तलाश में लूटपाट को बढ़ावा देते है,मृतको की बदबू और महामारी फ़ैल जाती है,सुरक्षित आश्रय नहीं बचता,लोग सहयता सामग्री लूट सकते हैं,जमाखोरी बढ़ जाती है.
ऐसी स्थतियों से निपटने के लिए ही आपदा प्रबंधन सीखना अति आवश्यक है यह तो बकायदा अनिवार्य पाठ्यक्रम होना चाहिए और प्रत्येक नागरिक के लिए इसका प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए|
****************************************************
विज्ञान पहेली -12 ........ Science Quiz -12
****************************************************


चित्र में दिखाई गयी वनस्पति क्या है इसका नाम बताएं ???
पहेली का जवाब 1-5-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर
उत्साहवर्धन करें |
बहुत ही बढियअ जानकारी दी है आपने आपदा प्रबंधन के बारे में ...
ReplyDeleteदिया गया चित्र में आपने पेड़ के ताने पर उगने वाले फफूंद दिखाया है, इसे कुकुरमुत्ता या कवक भी कहा जाता है ... खासकर इस तरह के फफूंद को "SHELF FUNGUS" कहा जाता है ...
नमस्कार जी, अब इस का हिन्दी ओर अगेजी नाम तो मुझे नही मालूम, लेकिन यह एक प्रकार की खुम्ब होती हे(पिल्ज़) जो ज्यादातर कटे हुये ओर गिरे हुये पेडो पर या बहुत घने जंगल मे जहां सीलन बहुत हो वहां पैदो के तने पर उग आती हे, ओर धीरे धीरे बहुत सख्त हो जाती हे, आम तोर पर इसे पेडो की खुम्ब,tree Mushrooms - Pilze PLANTS ओर भी कई नाम हे जो अभी याद नही, वैसे हमारे यहां बहुत होती हे.
ReplyDeleterubber tree
ReplyDeleteसंजय शर्मा जी को विजेता बनाने पर बहोत-बहोत बधाई
ReplyDeleteआपदा प्रबंधन को समझाने के लिए आभार
I think one of your advertisements caused my internet browser to resize, you might want to put that on your blacklist.
ReplyDeleteपहले ही बहुत देर हो चुकी है। अब समय त्वरित कार्रवाई का है।
ReplyDeletethanx a lot.....
ReplyDeletenice explanation abt disaster management......
Tree Fungus
ReplyDeleteबधाई!
ReplyDeleteधार्मिक मुद्दों पर परिचर्चा करने से आप घबराते क्यों है, आप अच्छी तरह जानते हैं बिना बात किये विवाद ख़त्म नहीं होते. धार्मिक चर्चाओ का पहला मंच ,
ReplyDeleteयदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो
आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये...
अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें.
इस ब्लॉग के लेखक बनने के लिए. हमें इ-मेल करें.
हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com
समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे
देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच
हल्ला बोल
I THINK THIS IS A TYPE OF MUSHROOM.
ReplyDeleteअच्छा फर्क समझाया आपने।
ReplyDeletegreat post about disaster management . Thanks Darshan ji.
ReplyDeletegreat post about disaster management . Thanks Darshan ji.
ReplyDelete