विज्ञान पहेली-11 Science Quiz-11(और Science Quiz-10 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-10 के विजेता बने हैं
श्री रविन्द्र जी उनको बधाईयाँ …….
यह चित्र श्री नेक चंद सैनी जी का है ये शिल्पकार,शिल्प वैज्ञानिक,कल्पना को मूर्त रूप देने वाले विश्वकर्मा,पद्म श्री जी का है |
मै गत वर्ष चंडीगढ़ में इनसे इनकी कृति रॉक गार्डन में इन से मिला था यह चित्र तब ही लिया था मैंने इन से मिल कर बहुत अच्छा लगा |
आज चंडीगढ़ इन पर और रॉक गार्डन पर गर्व करता है
और अधिक जानकारी के लिए अल्पना वर्मा जी के इस पोस्ट लिंक को चटकाईये |
पहेली में भाग लेने वाले सभी सुधीजनो का बहुत बहुत धन्यवाद .......
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विज्ञान पहेली -11 ........ Science Quiz -11
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यह चित्र क्या प्रकट करता है ? |
यह चित्र क्या प्रकट करता है ?
हिंट : इस बार आसान है पहेली आज कल के हालात देखते हुए कुछ आवश्यकता है उसी का नाम यह चित्र बोल रहा है तो बताओ जल्दी से |
नोट : इस बार पहेली पर १०-१२ के करीब अलग अलग और एक दो कामन आई.डी. से काफी अभद्रता हुयी है और बाकी सब पहेलियों की तरह इसे भी बंद करवाने की मांग भी है |
मै एक बात कह दूं यह बच्चों का और बच्चों के लिए ब्लॉग है और कल्ब का चिठ्ठा है कोई आर्थिक लाभ तो है नहीं, कोई बच्चा सर्च के दौरान भुला भटका इस ब्लॉग पर आकर लाभ ले लेता है तो भाई बेनामी,गुप्तनामी और गुमनामी भाई रहम करो |
पहेली का जवाब 24-4-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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जब बन नहीं पाते खून के थक्के (विश्व हीमोफीलिया दिवस : 17 अप्रैल पर विशेष) शाही बीमारी कहे जाने वाले रोग 'हीमोफीलिया' का पता उस वक्त चला था जब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के वंशज एक के बाद एक इस बीमारी की चपेट में आने लगे थे। शाही परिवार के कई सदस्यों के हीमोफीलिया से पीड़ित होने के कारण ही इसे शाही बीमारी कहा जाने लगा। पुरुषों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। सत्रह अप्रैल को दुनियाभर में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। इस साल के विश्व हीमोफीलिया दिवस का लक्ष्य इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और सभी के लिए उपचार है। हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होती है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति में खून के थक्के आसानी से नहीं बन पाते हैं। ऐसे में जरा-सी चोट लगने पर भी रोगी का बहुत सारा खून बह जाता है। दरअसल, इस बीमारी की स्थिति में खून के थक्का जमने के लिए आवश्यक प्रोटीनों की कमी हो जाती है। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई। तब से हर साल 'वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हेमोफीलिया' (डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन 17 अप्रैल के दिन विश्व हेमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। डब्ल्यूएफएच एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो इस रोग से ग्रस्त मरीजों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है। हीमोफीलिया दो प्रकार का होता है। इनमें से एक हीमोफीलिया 'ए' और दूसरा हीमोफीलिया 'बी' है। हीमोफीलिया 'ए' सामान्य रूप से पाई जाने वाली बीमारी है। इसमें खून में थक्के बनने के लिए आवश्यक 'फैक्टर 8' की कमी हो जाती है। हीमोफीलिया 'बी' में खून में 'फैक्टर 9' की कमी हो जाती है। पांच हजार से 10,000 पुरुषों में से एक के हीमोफीलिया 'ए' ग्रस्त होने का खतरा रहता है जबकि 20,000 से 34,000 पुरुषों में से एक के हीमोफीलिया 'बी' ग्रस्त होने का खतरा रहता है। महिलाओं के इस बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा बहुत कम होता है। वे ज्यादातर इस बीमारी के लिए जिम्मेदार आनुवांशिक इकाइयों की वाहक की भूमिका निभाती हैं। वर्तमान में एक कठोर वास्तविकता यह है कि इस रोग से ग्रस्त 70 प्रतिशत मरीजों में इस बीमारी की पहचान तक नहीं हो पाती और 75 प्रतिशत रोगियों का इलाज नहीं हो पाता। इसकी वजह लोगों के पास स्वास्थ्य जागरूकता की कमी और सरकारों की इस बीमारी के प्रति उदासीनता तो है ही साथ ही एक महत्वपूर्ण कारक यह भी है कि इस बीमारी की पहचान करने की तकनीक और इलाज महंगा है। परिणामस्वरूप इस बीमारी से ग्रस्त ज्यादातर मरीज बचपन में ही मर जाते हैं और जो बचते हैं वे विकलांगता के साथ जीवनयापन करने को मजबूर होते हैं। भारत में हीमोफीलिया के लगभग 7,50,000 रोगी हैं। यहां इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों में से 12 प्रतिशत की ही जांच हो पाती है। इस साल विश्व हीमोफीलिया दिवस के अवसर पर हीमोफीलिया फेडरेशन ऑफ इंडिया (एचएफआई) देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों में हीमोफीलिया मरीजों की जांच व इलाज से लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं बेंगलुरू में आकाश में गुब्बारे उड़ाए जाएंगे। इन गुब्बारों पर हीमोफीलिया बीमारी के विषय में कई तथ्य लिखे होंगे।
ReplyDeleteये आपदा नियंत्रण के सामान लग रहे हैं
ReplyDeleteयह समान तो घंटी ( डोर वेल) का लगता हे, बाकी पहेलियो को बंद करने का फ़रमान कोन पागल दे रहा हे, ओर आप लोग उस के डर से इन्हे बंद क्यो कर रहे हे, अजी पुछॊ ओर खुब पहेलिया पूछॊ इन अनामियो ओर बेनामियो से क्या डर,
ReplyDeleteधन्यवाद
मकान बनाने का सामान
ReplyDeleteमुझे यह खेत में कीटनाशक डालने में प्रयुक्त होने वाला सामान लग रहा है
ReplyDeleteSir, you are doing great. Please don't stop this. I appreciate your efforts to spread awareness and letting the students know these interesting facts of science that they are not aware of. Keep it up!!
ReplyDelete.
ReplyDeleteDarshan ji ,
Don't let anyone dictate you. Just keep going .
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Disaster Management
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