बच्चों ने सीखा संतुलन बनाना Balance 8 nails on One
आज कक्षा 7 के बच्चों ने कहा कि एक प्रयोग करवाओ जो मजेदार हो |
तो उन को कर के दिखाया गया कैसे हम एक खड़ी हुई कील पर8अन्य समान कीलों को संतुलित कर सकते है |
इस के लिए चाहिए 10 कीलें जिन की लम्बाई कम से कम 2.5 इंच तो जरूर हो एक हथोडी और एक लकड़ी का छोटा सा फट्टा |
हमने तो काम चला लिया स्कूल के बैंच पर कील गाड़ कर,
पहले एक कील को सीधा गाड़ लो |
फिर एक कील नीचे रख कर उस पर एक के बाद एक 4 इधर 4 उधर कीलें क्रमवार रख दो |
अब 10वी कील ले के उसे पहली और 8 अन्य कीलों के उपर रख दो उस की टोपी पहली कील से दूसरी तरफ हो | यहाँ एक लाक बन जाता है |
अब पहली और दसवी कील को उठा कर (बीच में 8 कीलें है) गाड़ी गयी कील पर बीचो-बीच रख देते हैं |
लो जी बन गया संतुलन
देखें यह चलचित्र
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
आज कक्षा 7 के बच्चों ने कहा कि एक प्रयोग करवाओ जो मजेदार हो |
तो उन को कर के दिखाया गया कैसे हम एक खड़ी हुई कील पर8अन्य समान कीलों को संतुलित कर सकते है |
इस के लिए चाहिए 10 कीलें जिन की लम्बाई कम से कम 2.5 इंच तो जरूर हो एक हथोडी और एक लकड़ी का छोटा सा फट्टा |
हमने तो काम चला लिया स्कूल के बैंच पर कील गाड़ कर,
पहले एक कील को सीधा गाड़ लो |
फिर एक कील नीचे रख कर उस पर एक के बाद एक 4 इधर 4 उधर कीलें क्रमवार रख दो |
अब 10वी कील ले के उसे पहली और 8 अन्य कीलों के उपर रख दो उस की टोपी पहली कील से दूसरी तरफ हो | यहाँ एक लाक बन जाता है |
अब पहली और दसवी कील को उठा कर (बीच में 8 कीलें है) गाड़ी गयी कील पर बीचो-बीच रख देते हैं |
लो जी बन गया संतुलन
देखें यह चलचित्र
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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लंदन ।। नासा के एक साइंटिस्ट ने पृथ्वी के सुदूर इलाकों में गिरे उल्का पिंडों से एलियन लाइफ ( दूसरे ग्रह का जीवन ) ढूंढ निकालने का दावा किया है। उनका कहना है कि इस उल्का पिंड से एक ऐसा बैक्टीरिया मिला है , जो हमारी पृथ्वी का नहीं है।
ReplyDeleteनासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर रिचर्ड हूवर का कहना है कि इस एलियन लाइफ से पता चल सकता है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई। हूवर ने बताया कि ऐंटार्कटिका , साइबेरिया और अलास्का की यात्रा के दौरान उन्होंने बेहद दुर्लभ उल्का पिंड कार्बोनेशियस कोन्ड्राइट्सका की स्टडी की। समझा जाता है कि पृथ्वी पर ऐसे सिर्फ नौ उल्का पिंड ही हैं। उनके मुताबिक , संकेत मिलता है कि जीवन केवल पृथ्वी तक ही सीमित नहीं है। हूवर ने कहा कि बैक्टीरिया कई मामलों में देखे जा सकते हैं और पृथ्वी पर पाए जाने वाली प्रजातियों से बेहद मिलते - जुलते हैं।
उन्होंने ' फॉक्स न्यूज ' से कहा कि कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी हैं जो बिल्कुल अलग हैं और उनकी तरह नहीं दिखते दिखते जिन्हंे हम पहचान सकते हैं। हूवर के मुताबिक , मैंने उन्हें कई दूसरे जानकारों को दिखाया और उनकी राय भी ऐसी ही थी। डॉ हूवर हरेक उल्का पिंड के पत्थर इकट्ठे कर उन्हें लैबरटरी में ले जाते हैं और वहां तोड़ कर उनके जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं। इसी सिलसिले में स्कैनिंग करते हुए उन्होंने एक जैविक अवशेष पाया जिसमें नाइट्रोजन नहीं थी। अब तक माना जाता है कि सभी जीवित प्राणियों में नाइट्रोजन पाई जाती है।
दर्शन जी, यह खबर या खोज नयी नहीं है ! पूरी संभावना यह है कि यह एक अपवाह(hoax ) है.
ReplyDeleteइन कड़ीयो को भी देखे.
http://en.wikipedia.org/wiki/Orgueil_(meteorite)
http://en.wikipedia.org/wiki/Murchison_मेतेओरिते
http://en.wikipedia.org/wiki/Allan_Hills_84001
चलचित्र भी देखा । गजब का संतुलन । टिपण्णी में दी गयी जानकारी भी बढ़िया है।
ReplyDeleteदेखा। किया। मज़ेदार!
ReplyDeleteवाह आज आप का विदियो देखा बहुत अच्छा लगा, ओर टिपण्णियो मे जानकारी भी अच्छी लगी धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत मुमकिन है कि आने वाले समय में आपको मकान बनाने के लिए सीमेंट, स्टील, लकड़ी, प्लास्टिक इकट्ठा करने की जरूरत नहीं होगी। इन सबकी जगह आपको सिर्फ चिकनी मिट्टी लानी होगी। इस खास चिकनी मिट्टी को बेनटोनाइट कहते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह न केवल टिकाऊ बल्कि ईको फ्रेंडली भी है साथ इसे मुर्गियांे के दाने के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी वजह से इसे वंडर क्ले या जादुई मिट्टी का नाम दिया गया है।
ReplyDeleteयह भारत के केवल चार राज्यों- गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में मिलती है। फिलहाल हवा, पानी से प्रदूषण हटाने में इसकी काबिलियत का ट्रायल चल रहा है। वंडर क्ले पर काम करने वाले वैज्ञानिक चिंतन जानी का कहना है कि इसका इस्तेमाल कई चीजों के लिए होता है लेकिन मेरा मकसद इसे चलन में लाकर तमाम नुकसानदायक बिल्डिंग मैटीरियल का यूज बंद कराना है।
चिंतन के मुताबिक, हम अलग-अलग प्रोसेसिंग तकनीकों का इस्तेमाल करके इसे बिल्डिंग मैटीरियल के अलावा सजावटी चीजों को बनाने में यूज किया जा सकता है। हालांकि अपने आसपास कुछ भी बनाते समय हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले उसके असर को जरूर ध्यान मंे रखना चाहिए।
इस वंडर क्ले को इसलिए भी पसंद किया जाता है क्योंकि यह री-साइकल की जा सकती है साथ ही यह बायो-डीग्रेडेबल है मतलब अपने आप सरल घटकों में टूट जाती है। जानी इसे कर्नाटक के मुर्गीखानों में मुर्गियों के चारे के रूप में बेचते हैं। चिंतन बताते हैं कि इस मिट्टी के कुछ गुण पेट के लिए अच्छे बताए जाते हैं। स्थानीय गर्भवती महिलाएं सदियों से थोड़ी मात्रा में इस मिट्टी को खाती रही हैं। फिर भी ध्यान देने की जरूरत है कि इसका अंधाधुंध इस्तेमाल करने के फेर में हम जमीन को खोखला न कर दें।
रूचिकर है। आजमाने योग्य।
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन कार्य कर रहे हैं आप, इसी तरह और वीडियो बनाते रहिये,
ReplyDeleteयदि वीडियो के अंदर आवाज का महत्त्व न हो तो उसको किसी म्यूजिक से रीप्लेस कर दीजिए, यूट्यूब में वीडियो अपलोड करने के बाद वीडियो एडिटर में जाकर यह कार्य आसानी से किया जा सकता है
आपके इस वीडियो को "अपना ब्लॉग" पर सम्मिलित कर लिया गया है यह लिंक देखें