*शतकीय पोस्ट*
सोख्ता गडढा बनाएँ और जल बचाएं Soakage pit for proper disposal of waste water
हैंडपम्प,पानी पीने की जगह पर शुद्ध जल की एक बड़ी मात्रा बेकार जाती है जो की नाली में बह जाती है या फिर वहीँ आस पास एकत्र हो कर कीचड बनाती है इन स्रोतों के पास जल एकत्र होता रहता है जो मच्छरों को खुला निमंत्रण देता है जिस कारण बीमारियाँ फैलती है
क्लब सदस्यों ने विद्यालय में ये ही समस्या देखी और फैसला लिया के जल पीने के स्थान पर एक सोख्ता गड्ढा बनाया जाएगा |
आओ जाने सोख्ता गड्ढा क्या होता है ?
1mx1mx1m का एक गड्ढा जो की बेकार हुए शुद्ध जल को पुनः भूमि के भीतर पहुंचाने का कार्य करता है
इस को घरों में भी बनाया जा सकता है|
यह सोख्ता गड्ढा हैण्डपम्पो के पास बनाया जाए तो बहुत लाभ होता है |
बनाने की विधि:-निम्न बिंदुओं के अनुरूप कार्य कर के हम इसको बना सकते है|
1.सोख्ता गडढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो |
2. सोख्ता गडढा की लम्बाई,चोड़ाई और गहराई =1मीx1मीx1मी
3.इस् गड्ढे के बीचो बीच 6इंच व्यास का 15 फीट का बोर करें(उपर के दो चित्र)
4.अब इस् बोर में पिल्ली ईंटों (नरम ईंटों) की रोड़ी भरें|
5.अब नीचे 1/4 भाग में 5इंचx6इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े,फिर1/4 भाग में 4इंचx5इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े भर देते है| (उपर के तीन चित्र)
6.शेष 1/4 भाग में बजरी (2इंचx2इंच साईज़) भर देते है|
7.अब 6 इंच की एक परत मोटे रेत की बना देते है|(उपर के दो चित्र)
8.एक मिट्टी का घड़ा या पलास्टिक का डिब्बा लेकर उस में सुराख कर देते है फिट उस में नारियल की जटाएं या सुतली जूट भर देते है यह इसलिए कि पानी के साथ आने वाला ठोस गंद उपर ही रह जाएगा और कभी कभी सफाई करने के लिए भी सुविधा हो जाएगी
9.अब निकास नाली को इस घड़े या डिब्बे के साथ जोड़ देते है वेस्ट पानी इस में सबसे पहले आएगा|
10.खाली बोरी से गड्ढे को ढक देते है|
11.बोरी के उपर मिट्टी डाल कर गड्ढे को ईंटों से बंद कर देते है|
12.अब तैयार हो गया सोख्ता गड्ढा(उपर के तीन चित्र)
अब यह गड्ढा प्रतिदिन लगभग 200 लीटर बेकार पानी को 5-6 सालों तक सोख्ता रहेगा|कक्षा दशम के छात्र दिलबाग सिंह ,योगेश ,अक्षय ,गुरदीप व साथीयों ने बनाया |
नोट : गड्ढे की गहराई एक मीटर से कम ना हो क्यूँकी 0.9 मीटर तक जमीन में एरोबिक जीवाणु aerobic bacteria होते है ये जीवाणु वेस्ट पानी के कार्बनिक पदार्थों का विघटन करते है और पानी को स्वच्छ करते है |
गड्ढे की लम्बाई चोड़ाई बडाई जा सकती है पर गहरी 1मी. से अधिक ना हो क्यूँकी एरोबिक जीवाणु 0.9 मी.से नीचे वायु के आभाव में जीवित नहीं रहते और तब जीवाणु द्वारा होने वाली प्रक्रिया नहीं हो पाती और गन्दा जल ही जमीन में चला जाएगा|
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
सोख्ता गडढा बनाएँ और जल बचाएं Soakage pit for proper disposal of waste water
हैंडपम्प,पानी पीने की जगह पर शुद्ध जल की एक बड़ी मात्रा बेकार जाती है जो की नाली में बह जाती है या फिर वहीँ आस पास एकत्र हो कर कीचड बनाती है इन स्रोतों के पास जल एकत्र होता रहता है जो मच्छरों को खुला निमंत्रण देता है जिस कारण बीमारियाँ फैलती है
क्लब सदस्यों ने विद्यालय में ये ही समस्या देखी और फैसला लिया के जल पीने के स्थान पर एक सोख्ता गड्ढा बनाया जाएगा |
आओ जाने सोख्ता गड्ढा क्या होता है ?
1mx1mx1m का एक गड्ढा जो की बेकार हुए शुद्ध जल को पुनः भूमि के भीतर पहुंचाने का कार्य करता है
इस को घरों में भी बनाया जा सकता है|
यह सोख्ता गड्ढा हैण्डपम्पो के पास बनाया जाए तो बहुत लाभ होता है |
बनाने की विधि:-निम्न बिंदुओं के अनुरूप कार्य कर के हम इसको बना सकते है|
1.सोख्ता गडढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो |


2. सोख्ता गडढा की लम्बाई,चोड़ाई और गहराई =1मीx1मीx1मी
3.इस् गड्ढे के बीचो बीच 6इंच व्यास का 15 फीट का बोर करें(उपर के दो चित्र)



4.अब इस् बोर में पिल्ली ईंटों (नरम ईंटों) की रोड़ी भरें|
5.अब नीचे 1/4 भाग में 5इंचx6इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े,फिर1/4 भाग में 4इंचx5इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े भर देते है| (उपर के तीन चित्र)


6.शेष 1/4 भाग में बजरी (2इंचx2इंच साईज़) भर देते है|
7.अब 6 इंच की एक परत मोटे रेत की बना देते है|(उपर के दो चित्र)
8.एक मिट्टी का घड़ा या पलास्टिक का डिब्बा लेकर उस में सुराख कर देते है फिट उस में नारियल की जटाएं या सुतली जूट भर देते है यह इसलिए कि पानी के साथ आने वाला ठोस गंद उपर ही रह जाएगा और कभी कभी सफाई करने के लिए भी सुविधा हो जाएगी


9.अब निकास नाली को इस घड़े या डिब्बे के साथ जोड़ देते है वेस्ट पानी इस में सबसे पहले आएगा|
10.खाली बोरी से गड्ढे को ढक देते है|
11.बोरी के उपर मिट्टी डाल कर गड्ढे को ईंटों से बंद कर देते है|
12.अब तैयार हो गया सोख्ता गड्ढा(उपर के तीन चित्र)


अब यह गड्ढा प्रतिदिन लगभग 200 लीटर बेकार पानी को 5-6 सालों तक सोख्ता रहेगा|कक्षा दशम के छात्र दिलबाग सिंह ,योगेश ,अक्षय ,गुरदीप व साथीयों ने बनाया |

गड्ढे की लम्बाई चोड़ाई बडाई जा सकती है पर गहरी 1मी. से अधिक ना हो क्यूँकी एरोबिक जीवाणु 0.9 मी.से नीचे वायु के आभाव में जीवित नहीं रहते और तब जीवाणु द्वारा होने वाली प्रक्रिया नहीं हो पाती और गन्दा जल ही जमीन में चला जाएगा|
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
बहुत लाभदायक जानकारी..
ReplyDeleteBeautiful and informative post. Thanks.
ReplyDeleteशतकीय पोस्ट लगाने के लिए ढेर सारी बधाई
ReplyDeleteजल को संरक्षित करने की विधि बहोत अच्छी लगी
धन्यवाद
ज़ाकिर जी बन गए आप भी वैसे आप की पसंद का अंक है :)
ReplyDelete7
बहुत बहुत बधाई जी आप को १००वी पोस्ट की, ओर यह उपाय बहुत पसंद आया, काश सभी ऎसा बनाये तो मच्छरो से छुटकारा भी मिले ओर पानी भी जमीन मे कम ना हो, धन्यवाद
ReplyDeleteBeneficial info and excellent design you got here! I want to thank you for sharing your ideas and putting the time into the stuff you publish! Great work!
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