Thursday, September 30, 2010

वातशंकू,वात दिग्दर्शक बनाना Windsock Making

वातशंकू,वात दिग्दर्शक एक शंकुवाकार कपडे की नली होती है इसका उपयोग वायु कि दिशा और सापेक्ष गति मापने के लिए किया जाता है| विंडशोक का प्रयोग हवाईअड्डे और केमिकल फेक्ट्री मे किया जाता है | 
यह बच्चों दवारा बनाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय प्रयोग या विज्ञान खिलौना है |
आज क्लब सदस्यों ने  अपनी परियोजना को आगे बढ़ाते हुवे वात दिग्दर्शक
बनाया
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इसके  लिए एक पुराने सिन्थेटिक कपडे के वर्गाकार पीस मे से चित्रानुसार शंक्वाकार  टयूब काट लेते है इस टयूब का एक वृत्ताकार  सिरा  कम से कम एक फीट (१२ इंच) व्यास का होना चाहिए और दूसरा ६ इंच व्यास का होना चाहिए और टयूब की लम्बाई १ मीटर कम से कम हो | टयूब रूप मे सिलने के बाद इसके दोनों  वृत्ताकार सिरों मे एक धातु की तार पीरों देते है ताकि दोनों वृत्ताकार सिरे खुले रहें और अब व्यास के साथ एक धागा Y प्रकार से बाँध देते है और इस को एक लंबे डंडे से बांध कर जमीन से ९० डिग्री का कोण बनाते हुवे खड़ा कर देते है | 
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जब हवा चलती  है तो वातशंकू,वात दिग्दर्शक का छोटा वाला सिर वायु के बहने की दिशा की तरफ उड़ेगा उस दिशा की तरफ कम्पास यानी चुम्बकीय सुई से एक दम सही दिशा ज्ञात कर लेते है  और नोट कर लेते है फिर कई दिनों के आंकड़े एकत्र कर के यह पता लगाया की वायु मे किस फ्रीक्वेंसी से दिशा बदली आज कल परुवा हवा चल रही है |   
वायु की सापेक्ष गति ज्ञात करने के लिए टयूब का डंडे के साथ बनने वाला कोण देखा जाता है कोण अधिकतम ९० डिग्री होने की दशा मे वायु की गति अधिकतम होगी |(Windspeed is indicated by the windsock's angle relative to the mounting pole; in low winds, the windsock droops; in high winds it flies horizontally.)
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आज बच्चों ने अपना वातशंकू,वात दिग्दर्शक बनाना सीखा  और जरूरी प्रयोग किये जैसे दिशा का पता लगाना ,वायु की गति का अनुमान |



 

 

प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा

द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा

4 comments:

  1. बच्चो के साथ साथ बडो के लिये भी ज्ञानवर्धक जानकारी |

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  2. अच्छा लगा हम भी करके देखते है

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