बनायें अपना वर्षामापी Rain Gauge
आज स्कूल के विद्यार्थीयों/क्लब मेम्बर्स ने आपनी बनाई रेन गेज से वर्षा के परिमाण को मापा इन्होने एक कीप ले कर उस के नीचे एक प्लास्टिक की खोखली गेंद को उल्टा कर के प्लास्टिक वेल्ड कर दिया
गेंद लगाने के पीछे यह मकसद था कि कीप की बाहरी दीवारों पर जो पानी गिरेगा वो मापक सिलेन्डर मे नहीं गिरेगा | वर्षा रुकने पर पानी का माप लिया और कुछ आवश्यक गणनाये करने के बाद मिली मीटर मे हुई वर्षा की माप का पता लगा लिया |
जानकारी हेतु ,ये बच्चे स्कूल वैदर मोनेटरिंग का प्रोजेक्ट कर रहे है जिस मे ये
१.वर्षा मापी
२.वायु दाब मापी
३.सूर्य की तीव्रता
४.पवन की दिशा
५.पवन का वेग
६.आद्रता मापन
7.सन डायल के उक्त प्रयोग करेंगे |
क्यु ना पहले ये जाना जाए कि वर्षामापी यंत्र है क्या ?
जानिए :-
--> वर्षामापी (rain gauge या udometer या pluviometer) एक ऐसी युक्ति है जो वर्षा की मात्रा की माप करता है। मौसमविज्ञानी इसका बहुत उपयोग करते हैं।आज स्कूल के विद्यार्थीयों/क्लब मेम्बर्स ने आपनी बनाई रेन गेज से वर्षा के परिमाण को मापा इन्होने एक कीप ले कर उस के नीचे एक प्लास्टिक की खोखली गेंद को उल्टा कर के प्लास्टिक वेल्ड कर दिया
गेंद लगाने के पीछे यह मकसद था कि कीप की बाहरी दीवारों पर जो पानी गिरेगा वो मापक सिलेन्डर मे नहीं गिरेगा | वर्षा रुकने पर पानी का माप लिया और कुछ आवश्यक गणनाये करने के बाद मिली मीटर मे हुई वर्षा की माप का पता लगा लिया |
जानकारी हेतु ,ये बच्चे स्कूल वैदर मोनेटरिंग का प्रोजेक्ट कर रहे है जिस मे ये
१.वर्षा मापी
२.वायु दाब मापी
३.सूर्य की तीव्रता
४.पवन की दिशा
५.पवन का वेग
६.आद्रता मापन
7.सन डायल के उक्त प्रयोग करेंगे |
क्यु ना पहले ये जाना जाए कि वर्षामापी यंत्र है क्या ?
जानिए :-
सन् १६६२ ई में ब्रिटेन के क्रिस्टोफर रेन ने पहला टिपिंग बकेत वर्षामापी tipping-bucket rain gauge विकसित किया ।
वर्षा की माप मिलीमीटर में की जाती है। इसका सिद्धान्त बहुत सरल है। इसके लिये एक चौड़े मुंह का बर्तन प्रयोग में लाया जाता है जिसका पेंदी से लेकर उपर तक का क्राससेक्शन समान हो। इसको ऐसी जगह पर रख दिया जाता है जहाँ वर्षा का जल बिना किसी व्यवधान के इसमें गिरता रहे। किसी निर्धारित समयावधि में इसमें एकत्र द्रव पानी की उँचाई ही उस अवधि में वर्षा की माप कहलाती है।
कई तरह के वर्षामापी उपयोग में आते हैं। इनमें चिन्हांकित बेलन (graduated cylinder), भाराधारित वर्षामापी weighing gauges टिपिंग बकेट वर्षामापी tipping bucket gauges तथा भूमिगत गड्ढे buried pit collectors शामिल हैं।
हमने कैसे बनाया ?
हमने चिन्हांकित बेलन (graduated cylinder) विधि का प्रयोग किया |
-->
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
bahot hi achchha gyan prapt hota hai sir aapase
ReplyDeleteबहुत बढिया काम किया है आपने
ReplyDeleteकितनी वर्षा मापी थी इस प्रयोग से
ReplyDeletenice post
ReplyDeleteall projects are good
ReplyDeleteबहुत अच्छे प्रोजेक्ट हैं
ReplyDeleteकुछ जादू भी दिखाओ
ReplyDeletesundar
ReplyDeleteबहुत रोचक प्रयोग...आभार.
ReplyDeleteये भी खूब रहा बनवाया जयेगा|
ReplyDeleteAccha aur aasan prayog lagaa..
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार।
ReplyDelete………….
सपनों का भी मतलब होता है?
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा.....
nice...
ReplyDeletebranded portable wind meters are accurate,durable and provides with reliability. Weatherstationary serves with weather stations and instruments alike.
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