क्या चाहिए :-दो वोलियेंटर्स(बच्चे या बड़े ), एक प्लास्टिक ब्रुश
सिद्धांत :- मति भ्रम Mental Illusion
विधि :-दो लोगो के साथ की जाने वाली इस गतिविधि में मति भ्रम की स्थिति के बारे में जान सकते है | एक वोलियंटर को ये बता दिया जाए की दूसरा वोलियंटर आपकी कमर पर इस प्लास्टिक का ब्रुश को कुछ बार घसे(रगड़े)गा और आपने गिन कर ये बताना है इस ने आपकी कमर पर इस ब्रुश को कितनी बार रगड़ाऔर आपने पीछे नहीं देखना |
अब दूसरा बच्चा पहले वाले की कमर पर ब्रुश नहीं रगड़ेगा बल्कि अपनी हथेली(उंगलियाँ) रगड़ेगा तीन
बार , ब्रुश को तो वो आपने शरीर पर रगड़ेगा (ब्रुश रगड़ने की आवाज आनी चाहिए )
अब पहले वाले से पूछो की आपकी कमर पर ब्रुश कितनी बार रगड़ा गया तो वो तीन बार बताएगा जबकि उस की कमर पर तो हाथ से रगड़ा गया है ब्रुश तो एक बार भी नहीं रगड़ा गया |
नोट :-ब्रुश रगड़ने से मतलब है की दोनों हाथ एक साथ काम करे ,अपने शरीर पर ब्रुश और दूसरे की कमर पर हथेली बस ऊपर से 8-9 इंच नीचे तक
ऐसा क्यों :-ऐसा मति भ्रम के कारण,
हमे पहले ही बता दिया गया कि ब्रुश को आपकी कमर पर रगड़ा जायेगा,हमारे दिमाग को ये आदेश हो गया कि आप को तो बस गिनती ही करनी है की ब्रुश कितनी बार रगड़ा गया
जबकि ब्रुश की रगड़ का क्या अनुभव होगा उस तरफ मति-भ्रम हो जाता है दिमाग एक ही तरफ काम करता है कि बस गिनती करनी है और वो बस गिन कर ही बताता है कि तीन बार ब्रुश रगड़ा गया जबकि ब्रुश तो रगड़ा ही नहीं गया |
पहले ये गतिविधि पेन और ऊँगली से की जाती थी जिसके स्पर्शो में कोई खास अंतर नहीं था परन्तु ब्रुश-हथेली से और नयापन व मजा आता है |
आपके लिए प्रश्न :- इस मतिभ्रम की स्तिथि का हमारे रोज मर्रा के जीवन में क्या प्रयोग है चाहे लाभ या हानि कुछ भी ?
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
अच्छा प्रयोग है मतिभ्रम का...यह स्थितियाँ अक्सर दैनिक जीवन में निर्मित होती हैं.
ReplyDeleteअच्छा प्रयोग है,निर्भर करता है हमे निर्देश कौन दे रहा है ??
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