प्रस्तुत है एक विज्ञान गीत
श्रीमति इंदु अरोड़ा गणित अध्यापिका की और से
अँधेरे भगाओ उजाले लाओ |
पढ़ो विज्ञान नवचेतना लाओ ||
पढ़ो विज्ञान नवचेतना लाओ ||
जानो कैसे हवा ये चले
जानो कैसे दीपक ये जले
जानो कैसे ये बारिश आये
जानो कैसे ये दिन रात बने
अँधेरे भगाओ उजाले.................
आंध्विश्वाशो से बाहर आओ
भूत प्रेतों का डर है मिटाओ
अपनी शक्ति को पहचानो
जैवविकास के सच को मानो
अँधेरे भगाओ उजाले.................
न्यूटन को तुम याद करो
जिसने गुरुत्व है समझाया
एडिसन का करो शुक्रिया
बल्ब जिसने है चमकाया
अँधेरे भगाओ उजाले.................
हर बीमारी से हम अब लड़े
और मौत के आगे डटे खड़े
प्रतिजैविक और कई दवाई
मनुष्यों की है जान बचाई
अँधेरे भगाओ उजाले.................
ऊँची इमारते गगन चूमे
लम्बे पुल हवा में झूमे
मोटर चले जैसे हंवाये
आवो तुम्हे विज्ञान पढ़ाये
अँधेरे भगाओ उजाले लाओ |
पढ़ो विज्ञान नवचेतना लाओ ||
जारी......
जिज्ञासाओं के समाधान से ही .. विज्ञान के प्रचार प्रसार से ही समाज में नवचेतना लायी जा सकती है .. अच्छी कविता है !!
ReplyDeleteअन्धविश्वास को विज्ञान द्वारा ही दूर किया जा सकता है....अच्छी कविता.
ReplyDelete---यह भी जोड दें---
ReplyDeleteबमों को मत बनाओ,
प्रक्रिति को मत सताओ,
विग्यान बदनाम न होजाये,
शान्ति-पूर्ण कामों में लाओ ॥