पिंजरे में तोता
आवश्यक सामग्री---एक पुराना पेन ,दो 3x3 इंच के गत्ते के टुकड़े ,सेलो टेप
सिद्धांत---आँख के रेटिना पर किसी वस्तु की इमेज 1/16 सेकंड तक (PERSISTENCE OF VISION)
बनाने की विधि, कार्य विधि---3x3 इंच के गत्ते के टुकडो पर साइड -1 तोते का चित्र और साइड -२ पर पिंजरे का चित्र बना कर दोनों गत्ते के टुकडो के बीच पेन रख कर सेलो टेप से जोड़ लेते है| चित्रानुसार पेन को दोनों हथेलिओं के बीच में ले कर घुमाते है पूरा राउंड नहीं हाफ राउंड घुमाना है तो हमे तोता पिंजरे के बीच में नजर आता है| ऐसा इसलिए होता है की किसी भी वस्तु का प्रतिबिम्ब हमारी आँख पर 1/16 सेकंड तक बना रहता है जब तक तोते का प्रतिबिम्ब रेटिना पर होता है इतने में ही पिंजरे का प्रतिबिम्ब बन जाता है और दोनों प्रतिबिम्ब ओवर्लेप कर जाते है(Sense of Continuity Developes in eye) इस कारण तोता पिंजरे में दिखाई देता है सिनेमा मूवी (CINEMATOGRAPHY) भी इसी कारण दिखाई देते है |
नोट :- तोते पिंजरे की जगहे कोई भी दो मिलते जुलते चित्र जैसे तीर- कमान ,पानी की टूटी -बाल्टी ,फूल -गुलदस्ता ,रा और म आदि भी बना सकते है |
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
धन्यवाद!
ReplyDeleteआरे वाह...यह तो बहुत अच्छी जानकारी दी है बच्चों के लिए
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